Breaking News :
>>पहाड़ से लेकर मैदान तक सात जिलों के कुछ इलाकों में तेज गर्जन और आंधी के साथ ओलावृष्टि का ऑरेंज अलर्ट जारी>>प्रसिद्ध मां पूर्णागिरी मेले में अब मुंडन संस्कार का लिया जाएगा कम शुल्क >>देश में चुनावी नवाचार एवं मतदान प्रतिशत>>उत्तराखंड में बारिश जंगलों की आग के लिए हुई वरदान साबित>>महाराज ने देखी श्रीदेव सुमन पर आधारित गढवाली फिल्म कहा- प्रेरणादायक है यह फिल्म>>गृह मंत्री अमित शाह ने गठबंधन पर साधा निशाना, बताया झूठ की फैक्टरी>>टमाटर का ऐसे करें उपयोग चेहरे पर आएगा इंस्टेंट ग्लो, दाग धब्बों से भी मिलेगा छुटकारा>>जिला सहकारी बैंकों का लाभ 180 करोड़ रुपये से बढ़कर 232 करोड़ रुपये किया>>निखिल सिद्धार्थ ने किया कार्तिकेय 3 का एलान, दर्शकों को मिलेगा रोमांच का फुल डोज>>अयोध्या आने वाली हर फ्लाइट की बुकिंग हुई सस्ती, जानिए कितने रुपए की मिली छूट >>उत्तराखण्ड के रिमोट क्षेत्रों में छोटे एलपीजी सिलेंडर की उपलब्धता बढ़ाएं- राज्यपाल>>मुख्यमंत्री ने वन प्रशिक्षण अकादमी में वनाग्नि रोकने के प्रयासों की समीक्षा की>>रक्षा क्षेत्र में बढ़ेगी धाक>>भाजपा प्रत्याशी राजनाथ सिंह 29 अप्रैल को लखनऊ संसदीय सीट से करेंगे नामांकन >>चारधाम यात्रा मार्ग पर जीएमवीएन लगा रहा ईवी चार्जिंग स्टेशन- महाराज>>देश को गुलाम बनाने वालों के साथ कोई समझौता नहीं करूंगा- पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान>>कुमाऊं के जंगलों की आग बुझाने में लगे वायुसेना के हेलीकॉप्टर>>आईपीएल 2024 के 43वें मैच में आज दिल्ली कैपिटल्स और मुंबई इंडियंस होगी आमने- सामने >>व्हाट्सएप ने दिया दिल्ली हाई कोर्ट को जवाब, कहा- भारत में बंद कर देंगे काम>>उत्तराखंड संस्कृत शिक्षा बोर्ड – उत्तरकाशी के राहुल व्यास ने दसवीं की परीक्षा में किया टॉप
देश

निष्क्रिय वन पंचायतों में निर्वाचन कराकर सक्रिय करने के लिए, मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी नैनीताल सविन बंसल को दी शाबासी

आकाश ज्ञान वाटिका। हल्द्वानी, 13 फरवरी 2020 (सूचना)।

[box type=”shadow” ]

मानव सभ्यता के प्रारम्भ से ही मनुष्य का जंगलों से गहरा रिश्ता रहा है। हवा, पानी तथा भोजन जंगलों से जुटाए जाते रहे हैं। पर्वतीय ईलाकों में जीवनयापन का मुख्य आधार खेती और पशुपालन रहा है। इन दोनों का आधार स्थानीय वनों से प्राप्त होने वाली उपज है। जलाने के लिए ईंधन की पूर्ति, खेती में प्रयुक्त होने वाले औजार, खाद हेतु पत्तियाँ, जड़ी-बूटी, जानवरों के लिए चारा और घास, घर बनाने के लिए लकड़ी के सबसे बड़े स्रोत स्थानीय वन ही रहे हैं।……………..जिलाधिकारी सविन बंसल[/box]

अल्प समय में जनपद की सभी वन पंचायतों में सरपंचो का निर्वाचन कराकर नव निर्वाचित सरपंचो को कार्यभार दिलाने की दिशा में युवा जिलाधिकारी श्री सविन बंसल की पहल एवं महत्वपूर्ण भूमिका की सराहना सूबे के मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत द्वारा की गयी है। जनहित के कार्यों के प्रति सजग एवं तत्पर जिलाधिकारी श्री बंसल ने विगत जून में जब जिले के जिलाधिकारी का कार्यभार संभाला तो उन्होंने पाया कि जिले में केवल 70 वन पंचायतों में ही वन पंचायत सरपंच थे। शेष वन पंचायतों में निर्वाचन प्रक्रिया न होने के चलते 415 वन पंचायते बिना सरपंचो के निष्क्रिय पड़ी थी। वन पंचायतों के महत्व को ध्यान में रखते हुए जिलाधिकारी ने उप जिलाधिकारियों को निर्देश दिए थे कि वे तत्परता के साथ रिक्त पड़ी वन पंचायतों में प्राथमिकता के आधार पर निर्वाचन प्रक्रिया सम्पन्न कराये। जिलाधिकारी की पहल का यह असर हुआ कि चार महीने के अल्पकाल में ही जनपद की सभी 485 वन पंचायतों में सरपंचो का चुनाव सम्पन्न हुआ और सभी वन पंचायतों को निर्वाचित सरपंच मिल गये।
[box type=”shadow” ]जिलाधिकारी की इस मेहनत और कार्यकुशलता को देखते हुए मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने उन्हें शाबासी दी है और कहा है कि उत्तराखण्ड के सभी जनपदों में नैनीताल की तर्ज पर निष्क्रिय वन पंचायतों में निर्वाचन कराकर वन पंचायतों को सक्रिय किया जायेगा। [/box]
जिलाधिकारी श्री सविन बंसल ने बताया कि वन पंचायतों को आर्थिक रूप से सुदृढ़ करने के लिए प्रशासनिक स्तर पर पहल प्रारंभ कर दी गयी है। पिछले पांच साल से डम्प लीसा राॅयल्टी का भुगतान भी वन पंचायतों को नहीं किया जा रहा था। उन्होंने बताया कि लगभग वर्षों के बाद डम्प लीसा राॅयल्टी में से 20 लाख का भुगतान तीस वन पंचायतों के सरपंचो को किया गया। भविष्य में भी यह भुगतान जारी रहेगा। उन्होंने बताया कि वन पंचायतों को कार्यदायी संस्था के रूप में निर्माण कार्यों के लिए विधायक निधि, सांसद निधि, मनरेगा के माध्यम से कार्य आवंटित किये जायेंगे। उन्होंने बताया कि वन पंचायत सरपंच सरकार की योजनाओं के प्रचार-प्रसार के साथ ही सम्बन्धित क्षेत्रों के लोगो तक पहुॅचाने में सरकार व शासन की मदद करेंगे। वन पंचायतों में महिलाओं के लिए निर्धारित पचास प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था भी पुरजोर तरीके से बढ़ायी जायेगी। उन्होंने बताया कि आरक्षित वनों में वनाग्नि रोकने के लिए सरकारी प्रयास तो किए जाते हैं, लेकिन जो अनारक्षित वन हैं, जिनका क्षेत्रफल भी अधिक है में वनाग्नि रोकने के लिए वन पंचायते सक्रियता से कार्य करेंगी,इसके लिए उनको विशेष सुविधाएं एवं प्रशासनिक सहयोग दिया जायेगा। जायका के माध्यम से वन पंचायतों में स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से कार्य कराये जायेंगे। इसके लिए जनपद की सभी वन पंचायतों में महिला स्वयं सहायता समूहों का गठन भी किया जायेगा। प्रशासन वन पंचायतों के नए सिरे से सीमांकन की दिशा में भी कार्य करेगा। वनो के संवर्धन, संरक्षण, वर्षा जल संरक्षण हेतु नई कार्य योजना भी बनाकर धरातल पर कार्य किया जायेगा।

Loading

Ghanshyam Chandra Joshi

AKASH GYAN VATIKA (www.akashgyanvatika.com) is one of the leading and fastest going web news portal which provides latest information about the Political, Social, Environmental, entertainment, sports etc. I, GHANSHYAM CHANDRA JOSHI, EDITOR, AKASH GYAN VATIKA provide news and articles about the abovementioned subject and am also provide latest/current state/national/international news on various subject.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *