Breaking News :
>>विवाद में बीच बचाव कर रहे युवक की तलवार से गला रेत कर की हत्या, मुकदमा दर्ज>>नैनीताल में वाहनों का दबाव बढ़ता देख पुलिस ने विशेष यातायात प्लान किया लागू >>श्रीकांत ने पार किया 40 करोड़ रुपये का आँकड़ा, अब इन फिल्मों से होगा सामना>>कृषि मंत्री ने राजकीय उद्यान चौबटिया, का किया आकस्मिक निरीक्षण>>LPG उपभोक्ताओं को एक बार फिर मिला तोहफा, कमर्शियल सिलेंडर के रेट में हुई कटौती >>मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कैंची धाम में ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था चालू करने के दिए निर्देश >>कोल्ड ड्रिंक के बजाय गर्मियों में पियें फ्रूट जूसेस, अंदर से मिलेगी ठंडक>>मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल आज जायेंगे जेल, एक्स पर पोस्ट साझा कर सुप्रीम कोर्ट का जताया आभार>>चार धाम यात्रा में VIP दर्शन पर 10 जून तक लगी रोक, उत्तराखंड सरकार ने दिए निर्देश>>जैव विविधता बचाने की चुनौतियाँ>>प्रधानमंत्री मोदी का तीन दिवसीय ध्यान हुआ पूरा>>घरेलू कलह के चलते पति ने अपनी पत्नी की गला दबाकर की हत्या, आरोपी फरार>>महापंचायत ने बद्रीनाथ आगमन पर मुख्यमंत्री धामी को स्थानीय समस्याओं से कराया रूबरू>>चारधाम यात्रा के लिए आज से शुरू हुआ ऑफलाइन पंजीकरण >>विक्रांत मैसी की ब्लैकआउट का ट्रेलर जारी, सस्पेंस और कॉमेडी से भरपूर है फिल्म>>देश को तानाशाही से बचाने के लिए जा रहा हूँ जेल : अरविंद केजरीवाल>>मुख्यमंत्री धामी ने बद्रीनाथ पहुँच कर श्रद्धालुओं की सुविधाओं और यात्रा व्यवस्थाओं का किया निरीक्षण>>पानी संकट को देखते हुए दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का किया रुख>>डायबिटीज मरीज के लिए कौन सा सेब है ज्यादा अच्छा है, लाल या हरा… ? जानिए एक्सपर्ट की राय>>मुख्यमंत्री धामी की बढ़ती ‘धमक’, 60 दिन में स्टार प्रचारक के रूप में प्रदेश एवं देश भर में किये ताबड़तोड़ 204 चुनावी कार्यक्रम
Articles

पेपर लीक पर सख्त कानून

अजय दीक्षित

पिछले दिनों लोकसभा में डॉ. जितेन्द्र ने परीक्षाओं में पेपर लीक पर एक सख्त कानून बनाने का विधेयक पेश किया था । वह विधेयक अब दोनों सदनों से पास होकर राष्ट्रपति के पास स्वीकृति के लिए भेजा गया है । मंत्री ने राजस्थान, बंगाल और अन्य विपक्षी दलों की सरकारों के दौरान पेपर लीक के उदाहरण तो गिनवाये, परन्तु मध्य प्रदेश का नाम नहीं लिया जहां प्रतियोगी परीक्षाओं में हुए धांधली का मामला कई साल से चल रहा है । महाराष्ट्र समेत अनेक भाजपा शासित राज्यों में भी प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर लीक हुए हैं । इससे उन युवाओं के केरियर पर प्रभाव पड़ता है जो इसमें सम्मिलित होने के लिए कठिन परिश्रम करते हैं । यह नहीं है कि यदि भाजपा की सरकार होगी तो लोग ईमानदार हो जायेंगे और यदि तथाकथित विपक्ष की सरकारें होंगी तो लडक़े बेईमान हो जायेंगे । भारतीय स्वभाव ही कुछ ऐसा है कि हम कठिन परिश्रम से बचना चाहते हैं ।

प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले कार्यकाल के प्रधानमंत्रियों के काल में हुए भ्रष्टाचार की चर्चा की वह तो सही है । यह भी सत्य है की ताजा उदाहरणों में मनमोहन सरकार के दूसरे कार्यकाल में तो घोर भ्रष्टाचार हुआ है । कॉमनवेल्थ गेम्स, खदानों का आवंटन और अन्य क्षेत्रों में तत्कालीन मंत्रियों ने जमकर घपलेबाजी की थी । परन्तु यह भी सत्य है कि भाजपा में आने के बाद उनके पाप उजागर नहीं होते, नहीं तो अजित पंवार, असम के मुख्यमंत्री, महाराष्ट्र के कई मंत्री जो बाद में भाजपा में शामिल हुए हैं, उनके खिलाफ ई.डी., सी.बी.आई. की कार्रवाई के बाद ऐसी कार्रवाई को रोक दिया गया जब वे भाजपा में शामिल हुए थे । यह भी सत्य है कि हमारे शास्त्र में वर्णित है कि भारत के लोग एक धीमे चलने वाले संसार में रहते हैं । वैसे भी किसी को धक्का देकर आगे बढऩा पाश्वाल सभ्यता है, हमारे यहां कहा जाता है– ‘पहले आप’ विदेश में कहा जाता है ‘आफ्टर यू’ यदि “मैं” का महत्त्व है, जबकि भारतीय दृष्टिकोण में ‘आप’ यानि दूसरे का महत्त्व है ।

परन्तु असली सत्य यह है कि नौकरियां कम हैं और आवेदक ज्यादा । यदि नौकरियां भरपूर होंगी, तो फिर कोई क्यों लाखों रुपये रिश्वत देकर अपने लिए नौकरी सुरक्षित करेगा ! गुजरात में तो सन् 2019 में पेपर लीक के कारण जो परीक्षा रद्द की गई थी वह दोबारा सन् 2022 में हुई । उसे परीक्षा में 4000 क्लर्कों के पद के लिए छ: लाख बच्चों ने फॉर्म भरा था । असल में परीक्षा से सम्बन्धित अधिकारियों का ऊंचे अधिकारियों तक सम्पर्क होता है । आरोप तो यह भी लगाया जाता है कि पेपर लीक से सम्बन्धित पैसा ऊपर तक पहुंचता है । आजकल कहा जा रहा है कि ऐसा पैसा कुछ उदाहरण में यदि स्वयं इस्तेमाल नहीं होता तो पार्टी फण्ड के लिए लिया जाता है । आमतौर पर पेपर खुलने पर वह व्हाट्सएप पर मिल जाता है ।

कुल प्रश्न हमारी अपनी अस्मिता और ईमानदारी से जुड़ा है । लोग सरकारी नौकरी चाहते हैं । उसमें आय निश्चित है, बाद में पेंशन है, छुट्टियां हैं और सबसे बढक़र काहिली है, । काम मत करो फिर भी वेतन मिलता रहेगा । अंग्रेज भी अजब समय कार्यालयों का निश्चित कर गये हैं । वहां दफ्तर 10 बजे खुलते हैं । स्वयं इंग्लैण्ड में जहां सख्त सर्दी है और बर्फ पड़ती है, वहां सभी दफ्तर, डाकघर, बैंक आदि सुबह आठ बजे खुल जाते हैं । भारत में अंग्रेज देर रात तक जश्न मनाते थे । इसी से देर में सोकर उठते थे । इसी कारण 10 बजे का दफ्तर का समय निश्चित किया गया । वैसे भी कौन सरकारी कर्मचारी या अफसर 10 बजे आता है । दोपहर 12 बजे तक मेजें खाली पड़ी रहती थीं । असल कारण है बेरोजगारी और गरीबी । यदि सभी के लिए रोजगार या नौकरी सुलभ होंगी तो क्यों कोई बेईमानी करके लाखों रुपया खर्च करके नौकरी पाना चाहेगा ।

फिर यदि पेपर ऐसे बने की नकल की संभावना ही न हो तो पेपर लीक का मामला स्वत: ही शांत हो जायेगा । यह एक नई प्रथा शुरू हुई है– मल्टीपल ज्वाईस क्वैशजन । आपको चार विकल्प दिये जाते हैं । एक पर निशान लगाओ । साइंस का एक सिद्धांत है — प्रोबेबिलिटी । आप विषय न भी जानते हो, और रैबडम निशान लगाते जायें तो भी सम्भावना है कि आप एक तिहाई प्रश्नों पर सही निशान लगा लेंगे ।कुल मामला हमारी ईमानदारी पर निर्भर करता है । अब सुदामा कहां मिलते हैं । हमें देश से काहिली और गरीबी दोनों मिटानी होगी ।

Loading

Ghanshyam Chandra Joshi

AKASH GYAN VATIKA (www.akashgyanvatika.com) is one of the leading and fastest going web news portal which provides latest information about the Political, Social, Environmental, entertainment, sports etc. I, GHANSHYAM CHANDRA JOSHI, EDITOR, AKASH GYAN VATIKA provide news and articles about the abovementioned subject and am also provide latest/current state/national/international news on various subject.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!