आकाश ज्ञान वाटिका । पर्यावरण के अनुकूल(इको फ्रेंडली) दिवाली को बढ़ावा देने के लिए छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में महिलाओं का एक ग्रुप तेजी से काम कर रहा है। पंचायत एवं ग्रामीण विकास संस्था बन चरौदा में स्वयं सहायता समूह (SHGs) की महिलाएं लोगों को स्वच्छ और हरियाली दीवाली मनाने में मदद करने के लिए गोबर से लगभग 2 लाख पर्यावरण के अनुकूल दीये बना रही हैं। बहुत सारी महिलाएं जो कभी खुद के लिए कमाने के बारे में नहीं सोचती थीं, अब यहां सुंदर इको फ्रेंडली गाय के गोबर के दीये बनाकर अच्छी कमाई कर रही हैं।
छत्तीसगढ़ में कोंडागांव जिले के गांव बड़े कनेरा की कुछ महिलाएं खेतों में काम करतीं, घर संभालतीं और गोठान में गाय का गोबर उठाते नजर आती थीं। इन्हीं महिलाओं ने आज गाय के गोबर को अपनी आर्थिक और सामाजिक स्थिति मजबूत करने का जरिया बना लिया है। गांव की महिलाओं का एक समूह इस काम में लगा है और ये गोबर से आकर्षक दीए बनाने के साथ-साथ कई तरह की कलात्मक चीजें बना रही हैं। इनकी इस कलात्मक्ता के कद्रदान भी बहुत हैं। कोंडागांव की यह कला अब पूरे देश में अपनी पहुंच बना रही है।
इन महिलाओं की इस प्रेरणाप्रद प्रयास की सभी को सराहना करनी चाहिये तथा इनकी इस कला को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक कदम उठाने चाहिए ।