कोहरे ने ट्रेनों की रफ्तार पर लगाया ब्रेक, यात्री परेशान
लक्सर। उत्तराखंड में मौसम बदलने के साथ ही यातायात पर इसका असर देखने को मिल रहा है। सड़कों के साथ-साथ अब ट्रेन सेवा पर भी कोहरे का प्रभाव पड़ रहा है। कोहरे ने ट्रेनों की रफ्तार पर ब्रेक लगा दी है। कोहरे के चलते कई ट्रेनें अपने निर्धारित समय से एक से 10 घंटे की देरी से लक्सर रेलवे स्टेशन पर पहुंची। यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। सोमवार को देहरादून जाने वाली लिंक एक्सप्रेस 10 घंटे की देरी से लक्सर रेलवे स्टेशन पर पहुंची। वहीं दरभंगा से अमृतसर जाने वाली जनसाधारण एक्सप्रेस दो घंटे की देरी से, अमृतसर से देहरादून जाने वाली लाहौरी एक्सप्रेस 3 घंटे की देरी से, जम्मूतवी से कोलकाता जाने वाली सियालदह एक्सप्रेस तीन घंटे की देरी से, लखनऊ से चंडीगढ़ जाने वाली चंडीगढ़ सुपरफास्ट 2 घंटे 30 मिनट की देरी से, अमृतसर से दरभंगा जाने वाली जनसाधारण एक्सप्रेस 1 घंटा 30 मिनट लेट से पहुंची।
जम्मू तवी से गोरखपुर जाने वाली अमरनाथ एक्सप्रेस दो घंटे की देरी से, अमृतसर से हावड़ा जाने वाली पंजाब मेल 1 घंटे की देरी से, फिरोजपुर से धनबाद जाने वाली गंगा सतलुज एक्सप्रेस 1 घंटे की देरी से, देहरादून से काठगोदाम जाने वाली काठगोदाम एक्सप्रेस 4 घंटे 30 मिनट की देरी से, लखनऊ से चंडीगढ़ जाने वाली सद्भावना एक्सप्रेस 2 घंटे की देरी से चंडीगढ़ से, लखनऊ जाने वाली सद्भावना एक्सप्रेस 2 घंटे की देरी से पहुंची। इसके अलावा कोलकाता से जम्मूतवी जाने वाली सियालदह एक्सप्रेस 2 घंटे की देरी से, दिल्ली से देहरादून जाने वाली मसूरी एक्सप्रेस एक घंटा 30 मिनट लेट , सहारनपुर से मुरादाबाद जाने वाली एसएम एक घंटे की देरी से, हावड़ा से योगनगरी ऋषिकेश जाने वाली दून एक्सप्रेस तीन घंटे की देरी से, अमृतसर से दरभंगा जाने वाली जननायक एक्सप्रेस तीन घंटे देरी से, आनंद विहार से कोटद्वार जाने वाली आनंद विहार एक्सप्रेस एक घंटे की देरी से अपने गंतव्य पर पहुंची ।
बरौनी से जालंधर कैंट जाने वाली मोरध्वज एक्सप्रेस पांच घंटे की देरी से, सहरसा से अमृतसर जाने वाली जनसाधारण एक्सप्रेस दो घंटे की देरी से, धनबाद से फिरोजपुर जाने वाली गंगा सतलुज एक्सप्रेस दो घंटे की देरी से, बनारस से देहरादून जाने वाली जनता एक्सप्रेस दो घंटे की देरी से लक्सर रेलवे स्टेशन पर पहुंची। रेल यात्रियों को ट्रेनों की प्रतीक्षा रेलवे स्टेशन पर ठंड के बीच करनी पड़ी।