पीएम मोदी अपने ड्रीम प्रोजेक्ट केदारपुरी का आज ड्रोन से लेंगे जायजा
रुद्रप्रयाग : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज दिल्ली से केदारनाथ में चल रहे पुनर्निर्माण कार्यों का जायजा लेंगे। इसके लिए ड्रोन कैमरे का इस्तेमाल किया जा रहा है।
केदारनाथ में पुनर्निर्माण कार्य प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजक्ट में शामिल है। यही वजह है कि समय-समय पर प्रधानमंत्री कार्यालय कार्य की प्रगति का जायजा लेता रहता है। पिछले साल 20 अक्टूबर को प्रधानमंत्री ने यहां पांच परियोजनाओं की नींव रखी थी। इसके बाद राज्य सरकार परियोजनाओं को पूरा करने में युद्ध स्तर पर कार्य कर रही है। सर्दियों के सीजन में भी कार्य लगातार जारी रहा। स्वयं प्रदेश के मुख्य सचिव चार बार कार्यों का निरीक्षण कर चुके हैं। अब पांच माह बाद नरेंद्र मोदी स्वयं निर्माण कार्यों की धरातलीय स्थिति देखेंगे।
रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने बताया कि सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। मंगलवार को पीएम के विशेष सचिव भाष्कर खुल्बे ने दिल्ली और प्रदेश के मुख्य सचिव उत्पल कुमार ने देहरादून से ट्रायल के तौर पर करीब 45 मिनट तक ड्रोन कैमरे से कार्यों का निरीक्षण किया। उन्होंने बताया कि अभी यह तय नहीं हुआ है प्रधानमंत्री किस वक्त और कितनी देर तक निरीक्षण करेंगे। बताया कि इसके लिए तीन ड्रोन कैमरे केदारनाथ भेजे गए हैं।
निर्माण कार्यों की प्रगति की जानकारी देते हुए डीएम ने बताया कि वर्तमान में केदारनाथ से गरुड़चट्टी तक पैदल मार्ग पर निर्माण कार्य चल रहा है, मंदिर परिसर के सामने मंदाकिनी और सरस्वती नदी तक मार्ग का चौड़ीकरण कार्य लगभग साठ फीसद हो गया है। बाढ़ सुरक्षा कार्य भी शुरू कर दिए गए हैं। मंदिर के पीछे सौंदर्यीकरण व समतलीकरण का कार्य भी चल रहा है। सरस्वती नदी पर घाट का निर्माण कार्य भी प्रगति पर है।
केदारनाथ में एक से डेढ़ फीट बर्फ
केदारनाथ में दो दिन से चटख धूप है, लेकिन पिछले दिनों हुई जबरदस्त हिमपात के कारण अब भी एक से डेढ़ फीट बर्फ मौजूद है। जिलाधिकारी ने बताया कि इससे कुछ कार्यों को स्पष्ट देख पाना मुश्किल हो सकता है।
इन परियोजनाओं पर हो रहा कार्य
-आदि गुरु शंकराचार्य की समाधिस्थल का पुनर्निर्माण और संग्रहालय का निर्माण
-गौरीकुंड से केदारनाथ पैदल मार्ग का चौड़ीकरण
-मंदाकिनी के तट पर बाढ़ सुरक्षा एंव घाट निर्माण
-सरस्वती नदी के तट पर बाढ़ सुरक्षा एंव घाट निर्माण
-केदारनाथ में तीर्थ पुरोहितों के लिए आवास का निर्माण