खाने में कौन सी मिर्च इस्तेमाल करें हरी या लाल ? जानिए, कौन है ज्यादा फायदेमंद
आकाश ज्ञान वाटिका, शुक्रवार, 27 अक्टूबर 2023, देहरादून। खाने में मिर्च का इस्तेमाल बहुत किया जाता है। कोई भी डिश बनाना हो बिना मिर्च डाले स्वाद नहीं आता है। मिर्च में मौजूद कैप्सेसिन नामक यौगिक खाने को तीखा और मसालेदार बनाता है. इसलिए मिर्च के बिना खाना स्वादहीन लगता है। चाहे वो सब्जी हो, दाल, या फिर कोई भी नॉनवेज डिश, हर व्यंजन को स्वादिष्ट बनाने के लिए मिर्च का इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि खाने में हरी मिर्च और लाल मिर्च जो डालते हैं उन दोनों में में से कौन सी ज्यादा फायदेमंद है ? आइए यहां जानते हैं।
जानिए हरी मिर्च क्यों है फायदेमंद ?
रिसर्च के अनुसार मिर्च में एंटीऑक्सीडेंट और अन्य पोषक तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। लेकिन मिर्च का नियमित सेवन सेहत के लिए हानिकारक साबित हो सकता है. हरी मिर्च में कैप्सैसिन की मात्रा लाल मिर्च की तुलना में कम होती है। जिससे यह पाचन तंत्र के लिए अधिक उपयुक्त होती है। हरी मिर्च में विटामिन सी, विटामिन ए, पोटेशियम, कैल्शियम और आयरन जैसे पोषक तत्व अधिक मात्रा में पाए जाते हैं। हरी मिर्च में एंटीऑक्सीडेंट गुण अधिक पाए जाते हैं जो कोशिकाओं को नुकसान से बचाते हैं। हरी मिर्च के नियमित सेवन से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और स्वास्थ्य सुधरता है. इसलिए हरी मिर्च का सेवन लाल मिर्च के मुकाबले अधिक सुरक्षित माना जाता है।
हरी मिर्च का सेवन पाचन तंत्र के लिए बहुत लाभदायक
हरी मिर्च का सेवन पाचन तंत्र के लिए बहुत लाभदायक होता है। हरी मिर्च में उच्च मात्रा में फाइबर पाया जाता है जो पेट की समस्याओं को दूर करने में मदद करता है। फाइबर आंतों की गतिशीलता बढ़ाता है जिससे कब्ज दूर होता है। साथ ही हरी मिर्च में मौजूद एंजाइम्स भोजन के पाचन में मदद करते हैं. इसके अलावा हरी मिर्च में एंटी-बैक्टीरियल गुण भी होते हैं जो पेट की सूजन और संक्रमण से बचाते हैं. अत: नियमित रूप से हरी मिर्च का सेवन करने से पाचन तंत्र स्वस्थ बना रहता है।
ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में मददगार
हरी मिर्च में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट गुण ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने में मददगार होते हैं। हरी मिर्च के नियमित सेवन से इंसुलिन की संवेदनशीलता बढ़ती है जिससे रक्त में ग्लूकोज का स्तर कम होता है.इसके अलावा, हरी मिर्च में कैप्साइसिन नामक यौगिक पाया जाता है जो पैंक्रियाज को इंसुलिन का उत्पादन करने के लिए प्रोत्साहित करता है। यह इंसुलिन संवेदनशीलता को बढ़ाकर ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में मदद करता है।