भाजपा के संरक्षण में केदारनाथ धाम के नाम पर दिल्ली में हो रही चंदा उगाही
पहले केदारनाथ में सोना पीतल हो गया और अब केदार धाम के नाम पर हो रही ठगी – धस्माना
देहरादून। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण में भाजपा नेताओं द्वारा भूमि खरीद फरोख्त घोटाला , फिर बद्रीनाथ में मंदिर के पौराणिक स्वरूप के साथ छेड़ छाड़ दोनों का दंड भाजपा को पूरे अयोध्या मंडल में मिला और बद्रीनाथ के उप चुनाव में मिला ।
इससे भी भाजपा को सबक नहीं मिला और अब केदारनाथ धाम ट्रस्ट के नाम पर जिस प्रकार से भाजपा द्वारा सरकार के संरक्षण में चंदा उगाही का प्रपंच दिल्ली में चल रहा है उसका दंड भी भाजपा को भुगतना पड़ेगा। यह बात आज उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने अपने कैंप कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत में कही।
धस्माना ने कहा कि केदारनाथ धाम का अपना एक ऐतिहासिक व धार्मिक मान्यताओं से जुड़ा इतिहास है जिसके साथ किसी भी प्रकार की छेड़ छाड़ किसी को भी नहीं दी जा सकती। उन्होंने कहा कि द्वापर युग व आदि गुरु शंकराचार्य के समय से चली आ रही परंपराओं को कैसे किसी सरकार या किसी राजनैतिक पार्टी की महत्वकांक्षाओं को पूरा करने के लिए नष्ट भ्रष्ट करने की अनुमति दी जा सकती है।
धस्माना ने कहा कि दिन रात सनातन धर्म व हिन्दू संस्कृति का राग अलापने वाली पार्टी की सरकार के संरक्षण में ही अब सनातन व हिन्दू मान्यताओं के विरुद्ध अधर्म हो रहा है। धस्माना ने कहा कि वेदों पुराणों में पांच बद्री पांच केदार व पांच प्रयाग हैं तो ये कौन लोग हैं जो छठे केदार की स्थापना करने जा रहे हैं। धस्माना ने कहा कि पुराणों में पांच केदारों में श्री केदारनाथ में भगवान भोलेनाथ की कूब ,मद्महेश्वर में भगवान शिव की नाभि, तुंगनाथ में भगवान के हाथ, रुद्रनाथ जी में भगवान का चेहरा व कल्पनाथ में भगवान शिव का सिर व जताएं हैं ।
धस्माना ने कहा कि केदारनाथ धाम के नाम से अब यह छठा मंदिर पूरी तरह से शास्त्र व धर्म विरुद्ध है ऐसा मत ज्योतिर्मठ के पूज्य शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद जी का भी है।
धस्माना ने कहा कि अब जन विरोध होने पर सरकार भाजपा व इस निर्माण से जुड़े केदारनाथ धाम ट्रस्ट के लोग यह सफाई देते फिर रहे हैं कि दिल्ली में केदारनाथ धाम नहीं बल्कि केदारनाथ जी का मंदिर बन रहा है जबकि सच्चाई यह है कि दिल्ली में हो रहे निर्माण के लिए चंदा केदारनाथ धाम के नाम पर उघाया जा रहा है।
धस्माना ने कहा कि उक्त मंदिर के शिलान्यास में प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का शामिल होना व ट्रस्ट में भाजपा के लोगों का जुड़ा होना यह साबित करता है कि इस निर्माण को उत्तराखंड सरकार व भाजपा का पूरा संरक्षण प्राप्त है।