ट्रैफिक नियमों को तोड़ने पर जाओगे जेल
नई दिल्ली, लोकसभा ने मंगलवार को मोटर (संशोधन) विधेयक, 2019 को ध्वनिमत से पारित कर दिया। इसमें सड़क दुर्घटनाओं पर अंकुश के लिए जुर्माना व सजा बढ़ाने, मुआवजे का शीघ्र भुगतान करने और निर्बाध यातायात के लिए टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के प्रावधान किए गए हैं। सरकार ने विपक्षी दलों द्वारा सुझाए गए अनेक संशोधनों को खारिज कर दिया। लेकिन भरोसा दिया कि बिल से राज्यों के अधिकारों का हनन नहीं होगा।
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बिल पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि वह यहां सपना बेचने नहीं बल्कि बेहतर और सुगम सड़कें बनाने तथा नवीनतम परिवहन प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करने का वादा पूरा करने आए हैं। कई सदस्यों ने जहां दलगत राजनीति से अलग हटकर बिल में सड़क सुरक्षा एवं यातायात नियमों के उल्लंघन के लिए किए गए प्रावधानों का समर्थन किया। वहीं, इस बात के लिए केंद्र की आलोचना भी की कि वह राज्यों के अधिकारों में अतिक्रमण का प्रयास कर रही है। गडकरी ने इन आशंकाओं को निमरूल बताया और कहा कि राज्यों के अधिकारों में दखल देने का सरकार का कोई इरादा नहीं है।
राष्ट्रीय परिवहन नीति लाने का प्रस्ताव:
बिल में वस्तुओं तथा यात्रियों के परिवहन के लिए दिशानिर्देश तय करने के लिए राष्ट्रीय परिवहन नीति लाने का प्रस्ताव किया गया है। गडकरी ने कहा कि इस नीति को राज्यों से परामर्श के बाद ही तैयार किया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘हम राज्यों के अधिकार नहीं छीनेंगे। यदि कोई राज्य चाहे तो इस नीति को लागू करने से इन्कार कर सकता है। इस नीति को लागू करना अनिवार्य नहीं होगा।’
इंजीनियर नहीं, विशेषज्ञ कंपनियां करेंगी सड़कों की निगरानी:
मंत्री ने कहा कि उनका मंत्रालय स्वतंत्र इंजीनियरों द्वारा सड़कों की निगरानी की प्रथा को समाप्त करेगा। इसके बजाय एक विशेषज्ञ कंपनी इस काम को करेगी। इसी प्रकार परिवहन क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए जल्द ही दोपहिया टैक्सियों का चलन शुरू किया जाएगा। इससे गांवों और तहसीलों में रहने वाले लोगों को बड़ी सहूलियत होगी। हमने इस विषय में राज्यों को सुझाव दिया है। यह उन पर है कि वे इसे स्वीकार करें या न करें।
14 हजार ब्लैक स्पॉट की पहचान:
गडकरी ने कहा कि अब तक देश में 14 हजार दुर्घटना बहुल मार्गस्थलों (ब्लैक स्पॉट) की पहचान की जा चुकी है। इन्हें दुरुस्त करने के लिए विश्व बैंक और एडीबी से प्राप्त 14 हजार करोड़ रुपये की राशि खर्च की जाएगी। इससे सड़क हादसों पर अंकुश लगेगा।
प्रदूषण कम करने के लिए जल परिवहन को बढ़ावा:
वाहन प्रदूषण कम करने के लिए इलेक्टिक वाहनों को बढ़ावा देने के सरकार के प्रयासों का जिक्र करते हुए गडकरी ने कहा कि दिल्ली, हिमाचल प्रदेश समेत कई राज्य इलेक्टिक वाहनों की खरीद कर रहे हैं। इसके अलावा जल परिवहन को बढ़ावा दिया जा रहा है। मुंबई में स्वदेशी तथा विदेशी कंपनियों की मदद से शीघ्र ही समुद्र में क्रूज यात्रएं शुरू होंगी। इस दिशा में तेजी से काम चल रहा है। नदी परिवहन के प्रयासों के तहत शीघ्र ही आप प्रयागराज से कोलकाता के बीच जल परिवहन होता देखेंगे। यही नहीं, भारत में रोपवे, केबल कार और स्काई बसों का सपना भी जल्द पूरा होगा।
पार्किग समस्या का हल तकनीक में:
नगरों में पार्किंग की दिक्कत पर गडकरी का कहना था कि इसका समाधान तकनीक में है। तकनीक के बल पर परिवहन भवन की छोटी सी जगह में बड़ी संख्या में कारें पार्क करना संभव हुआ है। केरल जैसे राज्यों ने इस प्रौद्योगिकी को अपनाने की इच्छा जताई है।