Breaking News :
>>शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने किया राष्ट्रीय विश्वविद्यालय सिंगापुर का भ्रमण >>पूर्व सैनिक ने की पत्नी की हत्या, फिर शव के टुकड़े-टुकड़े कर प्रेशर कुकर में उबाला>>खेल मंत्री रेखा आर्या ने टपकेश्वर महादेव को समर्पित किया राष्ट्रीय खेलों का पहला निमंत्रण>>आप सरकार ने यमुना को गंदे नाले में बदल दिया – मुख्यमंत्री योगी>>खिचड़ी का नाम सुनते ही बच्चों से लेकर बड़ो तक के बनने लग जाते है मुंह.. इस तरीके से बनाएंगे तो चट हो जाएगी प्लेट   >>कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने परिवार संग मतदान कर लोगों को किया प्रेरित, लोकतंत्र की मजबूती का दिया संदेश।>>निकाय चुनाव-  भाजपा और कांग्रेस में उभरे असंतोष और भड़की बगावत का लाभ उठाने की ताक में निर्दलीय >>निकाय चुनाव- दिन चढ़ने के साथ ही मतदाताओं में भारी उत्साह, युवाओं से लेकर बुजुर्ग और दिव्यांग भी पूरे जोश में मतदान केंद्रों पर पहुंचे>>मेरे माता-पिता कलाकार, मैं अभिनेता, और मेरी पत्नी अदाकारा, हमारी विरासत है रचनात्मक- अभिषेक बच्चन>>सीएम धामी ने दिल्ली में भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में जनसभा को किया संबोधित>>उत्तराखंड सरकार लागू करने जा रही “यूनिफॉर्म सिविल कोड”>>विशेष परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए उत्तराखण्ड केन्द्रित फ्रेमवर्क तैयार करे राज्य- मुख्य सचिव>>निकाय चुनाव 2025- 5405 प्रत्याशियों के भाग्य का होगा फैसला >>बागवानों को अच्छे रंग और आकार के सेब उगाने के लिए सरकार करेगी लाखों की मदद>>महाकुंभ में हुई योगी सरकार की कैबिनट बैठक, सीएम ने मंत्रिमंडल के साथ संगम में लगायी डुबकी >>हर पदक विजेता के नाम पर लगेगा पौधा – रेखा आर्या>>राष्ट्रपति भवन परिसर में बने अमृत उद्यान को दो फरवरी से आम नागरिकों के लिए खोला जाएगा>>युवक ने नशीली ड्रिंक पिलाकर दोस्त से किया दुष्कर्म, केस दर्ज>>राम चरण की फिल्म ‘गेम चेंजर’ की ओटीटी रिलीज डेट से उठा पर्दा, जानिए कब और किस प्लेटफॉर्म पर देख सकेंगे फिल्म  >>विमानन कंपनी गो फर्स्ट को अपनी संपत्ति बेचकर चुकाना होगा कर्ज, एनसीएलटी ने दिया आदेश
उत्तराखण्ड

सेब की लाली पर सिस्टम का पीलापन भारी उत्तराखंड में

उत्तराखंड में सेब की लाली पर सिस्टम का पीलापन भारी, पढ़िए पूरी खबर

देहरादून,उत्तराखंड में सेब की लाली पर सिस्टम का ‘पीलापन’ भारी पड़ रहा है। सेब की तुड़ाई शुरू हो चुकी है, लेकिन अभी तक सेब उत्पादकों को न तो खाली पेटियां मिलीं और न सेब का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) ही घोषित हुआ है। नतीजतन, उत्तराखंड का सेब आज भी ‘हिमाचल एप्पल’ की पेटियों में हिमाचल के नाम से बिक रहा है। यही नहीं, मंडियों में भी किसानों को औने-पौने दामों पर सेब बेचने को विवश होना पड़ रहा है।

प्रमुख नकदी फसलों में शुमार होने के बावजूद उत्तराखंड में सेब पिछले 18 साल से सिस्टम की उपेक्षा का दंश झेल रहा है। प्रदेश के 11 जिलों के पर्वतीय इलाकों में 25318 हेक्टेयर क्षेत्र में सेब का उत्पादन होता है, मगर आज तक ब्रांडिंग को गंभीरता से पहल नहीं हो पाई है। हर बार ही सेब उत्पादकों को समय से उत्तराखंड एप्पल के नाम की खाली पेटियां मुहैया कराने की बात होती है, मगर ये शायद ही कभी वक्त पर मिल पाती हों।

इस मर्तबा भी सूरतेहाल कुछ ऐसा ही है। मौसम के साथ देने से इस बार सेब की अच्छी पैदावार है। तुड़ाई भी शुरू हो चुकी है, मगर सेब उत्पादकों को खाली पेटियां उपलब्ध कराने को अभी टेंडर ही हो पाए हैं। हालांकि, सरकार की ओर से भरोसा दिलाया गया था कि सेब उत्पादकों को एक लाख पेटियां मुहैया कराई जाएंगी, मगर ये कब तक मिलेंगी, यह भविष्य के गर्त में छिपा है।

सूरतेहाल किसानों को मजबूरी में हिमाचल से पेटियां मंगानी पड़ रही हैं। आलम ये है कि राज्य से मिलने वाली पेटियों का इंतजार किए बगैर तमाम सेब उत्पादक औने-पौने दामों पर सेब निकाल रहे हैं। साफ है कि अच्छी फसल के बाद भी उन्हें इसका लाभ नहीं मिल पा रहा। ऐसे में सिस्टम की कार्यशैली पर भी सवाल उठने लगे हैं।

एमएसपी भी नहीं घोषित

सरकार ने पिछले वर्ष सी ग्रेड के सेब के लिए आठ रुपये प्रति किलो के हिसाब से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) घोषित किया था। इस बार यह अभी तक घोषित नहीं हुआ है। सूत्रों की मानें तो इसे लेकर फाइल शासन में इधर से उधर ही सरक रही है। फैसला कब होगा, इस बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता।

प्रति पेटी 50 फीसद अनुदान

उत्तराखंड सरकार की ओर से सेब उत्पादकों को मुहैया कराई जाने वाली खाली पेटियों की प्रति पेटी 99.50 रुपये की लागत आती है। इस पर राज्य सरकार 50 फीसद अनुदान देती है। यानी किसान को प्रति पेटी 49.75 रुपये की पड़ती है। दूसरी तरफ, हिमाचल की पेटियां भी करीब- करीब इतने की ही पड़ती हैं और ये वक्त पर मिल जाती हैं।

सुबोध उनियाल (उद्यान मंत्री, उत्तराखंड) का कहना है कि सेब की पैदावार इस बार बहुत अच्छी है। पेटियां उपलब्ध कराने को टेंडर हो चुके हैं और दो सप्ताह के भीतर इन्हें उपलब्ध कराना शुरू कर दिया जाएगा। इस बार एक लाख पेटियां सेब उत्पादकों को दी जाएंगी। राज्य की पेटियां हिमाचल प्रदेश से बेहतर और अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप होंगी। जहां तक एमएसपी का प्रश्न है तो इसके लिए मंथन चल रहा है और जल्द ही यह घोषित कर दिया जाएगा।

सेब उत्पादक जिले

  • जिला————–क्षेत्रफल (हेक्टेयर में)
  • उत्तरकाशी————–8955.03
  • देहरादून————–4894.54
  • टिहरी————–3828.27
  • पिथौरागढ़————–1615.00
  • अल्मोड़ा————–1577.00
  • नैनीताल————–1243.32
  • चमोली————–1201.69
  • पौड़ी————–1127.00
  • रुद्रप्रयाग————–413.50
  • चंपावत————–324.00
  • बागेश्वर————–98.45

Loading

Ghanshyam Chandra Joshi

AKASH GYAN VATIKA (www.akashgyanvatika.com) is one of the leading and fastest going web news portal which provides latest information about the Political, Social, Environmental, entertainment, sports etc. I, GHANSHYAM CHANDRA JOSHI, EDITOR, AKASH GYAN VATIKA provide news and articles about the abovementioned subject and am also provide latest/current state/national/international news on various subject.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!