‘राष्ट्र रक्षा समर्पण पर्व’ : झांसी दुर्ग से प्रधानमंत्री मोदी देश को और सेना के तीनों अंगों को स्वदेशी तकनीक की देंगे ताकत
आकाश ज्ञान वाटिका, 17 नवम्बर, 2021, बुधवार, झांसी। आजादी का अमृत महोत्सव के अंतर्गत उत्तर प्रदेश के झांसी में तीन दिवसीय ‘राष्ट्र रक्षा समर्पण पर्व’ 17 नवंबर से शुरू हो रहा है। रक्षा मंत्रालय और उत्तर प्रदेश सरकार के इस समारोह की शुरुआत रक्षामंत्री राजनाथ सिंह करेंगे और 19 नवंबर को समापन अवसर पर खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मौजूद रहेंगे। झांसी दुर्ग से पीएम मोदी देश को और सेना के तीनों अंगों को स्वदेशी तकनीक की ताकत देंगे। वह सेना से संबंधित आठ योजनाएं भी देश को समर्पित करेंगे। आत्मनिर्भर भारत के तहत पीएम वायुसेना प्रमुख को स्वदेशी लाइट काम्बेट हैलिकाप्टर सौंपेंगे। इसे एचएएल ने भारत में तैयार किया है।
रानी लक्ष्मीबाई जयंती के तीन दिवसीय कार्यक्रम का शुभारंभ बुधवार से हो रही है। इस कार्यक्रम का शुभारंभ करने आ रहे केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के कार्यक्रम में अचानक परिवर्तन कर दिया गया है। अब वह 17 नवंहर को झांसी आएंगे। वह मुक्ताकाशी मंच से जलसा का शुभारंभ करेंगे तो हाथी ग्राउंड पर सेना की प्रदर्शनी का शुभारंभ भी करेंगे।
केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह मुक्ताकाशी मंच से दीपांजलि का जलसा कार्यक्रम के साथ सेना के राष्ट्ररक्षा समर्पण पर्व का शुभारंभ करेंगे। इस कार्यक्रम में राजनाथ सिंह को पहले मंगलवार की शाम को आना था, लेकिन गत दिवस उनके कार्यक्रम में परिवर्तन कर दिया गया। अब वह 17 को दोपहर में झांसी आएंगे। उनका विमान कैंट क्षेत्र में हैलिपेड पर उतरेगा।
सबसे पहले केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह मुक्ताकाशी मंच पर पहुंचेंगे और जलसा का शुभारंभ करेंगे। फिर हाथी ग्राउंड में सेना के हथियारों की प्रदर्शनी का अवलोकन करेंगे। वह दतिया (मध्य प्रदेश) में स्थित मां पीताम्बरा के दर्शन करने जाएंगे और वापसी में झोकनबाग स्थित गुरुद्वारा में जाकर मत्था टेकेंगे। शाम 4.20 बजे उनका विमान ग्वालियर और फिर दिल्ली के लिए उड़ान भर जाएंगे।
आत्मनिर्भर भारत को बढ़ावा देने के लिए देश में दो डिफेंस कारिडोर बनाए जा रहे हैं, जिसमें से एक तमिलनाडु में और दूसरा उत्तर प्रदेश में है। यूपी डिफेंस कारिडोर में छह अलग-अलग नोड बनाए गए हैं जिसमें झांसी भी एक है। इस नोड में पहले प्रोजेक्ट का शिलान्यास पीएम नरेन्द्र मोदी करेंगे। इस दौरान वह 183 एकड़ जमीन पर डिफेंस पीएसयू के 400 करोड़ की लागत से एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल सिस्टम के लिए प्रोपल्शन सिस्टम बनाने की यूनिट की आधारशिला भी रखेंगे।