उत्तराखंड के आठ जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है मलबा आने से 12 घंटे बंद रहा गंगोत्री हाईवे
मौसम विभाग ने अगले कुछ दिन तक प्रदेश के आठ जिलों के लिए भारी से भारी बारिश की चेतावनी जारी की है।
देहरादून, उत्तराखंड के आठ जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। मौसम विभाग की इस चेतावनी के बाद से ही जिला प्रशासन सतर्क है। हालांकि, इस बीच कुछेक इलाकों में हल्की बारिश हुई है, जिसने उमस को और भी बढ़ा दिया है। उत्तरकाशी के पास भारी मात्रा में मलबा आने से गंगोत्री हाईवे बंद हो गया। करीब 12 घंटे बाद शाम पांच बजे यातायात सुचारु किया जा सका।
राज्य मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि रविवार रात से बुधवार तक देहरादून, टिहरी, हरिद्वार, पौड़ी, नैनीताल, चंपावत, पिथौरागढ़ और ऊधमसिंहनगर जिलों में भारी से भारी बारिश के आसार बने हुए हैं। उन्होंने कहा कि मानसून समूचे उत्तराखंड में सक्रिय हो चुका है। इन तीन दिनों में तटवर्ती क्षेत्र में के लोगों को विशेष सतर्कता बरतनी चाहिए।
रविवार शाम को मौसम ने अचानक करवट बदली और मसूरी में मूसलाधार बारिश के साथ कई क्षेत्रों में बादल छाए रहे और हल्की बारिश हुई। वहीं, उत्तरकाशी में चुंगी-बडेथी के पास गंगोत्री हाईवे 12 घंटे तक बंद रहा। इस दौरान छोटे वाहनों का यातायात जोशियाड़ा-मनेरा और बढ़े वाहनों का संचालन तेखला-मांडों-मनेरा से हुआ। जिससे स्थानीय लोगों और यात्रियों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। वहीं बार-बार चुंगी बडेथी में हाईवे बंद होने पर जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान ने जिला आपदा प्रबंधन से रिपोर्ट मांगी हैं।
चुंगी बडेथी में पास गंगोत्री हाईवे पर ऑलवेदर का निर्माण करने वाली कंपनी अनियोजित ढंग से निर्माण कर रही है। जो स्थानीय लोगों और यात्रियों के लिए मुसीबत बन रहा है। चुंगी-बडेथी में पास लगातार भूस्खलन का खतरा बना हुआ है। साथ ही लगातार पहाड़ी से पत्थर भी गिर रहे हैं।
रविवार सुबह हाईवे पर भारी भूस्खलन हुआ। हाईवे पर यातायात बाधित होने के कारण प्रशासन ने छोटे वाहनों का संचालन जोशियाड़ा मनेरा से संचालित किया। लेकिन बड़े वाहनों को 10 किलोमीटर अतिरिक्त सफर करना पड़ा। बड़े वाहनों का संचालन तेखला मांडों लदाड़ी मनेरा से किया गया। इससे वाहन चालकों के अलावा स्थानीय लोगों व यात्रियों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा। वहीं आए दिन चुंगी बडेथी में हाइवे बंद होने के मामले को जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान ने गंभीरता से लिया तथा इसकी जांच के निर्देश दिए।