शनिवार, 3.30 बजे चुनाव आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस में होगा उत्तराखंड समेत 5 राज्यों के चुनाव की तारीखों का ऐलान
आकाश ज्ञान वाटिका, 8 जनवरी 2022, शनिवार, नई दिल्ली। चुनाव आयोग शनिवार दोपहर साढ़े तीन बजे 5 राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव के तारीखों की घोषणा करेगा। चुनाव के घोषणा के बाद जानकारी मिल पाएगी कि किस राज्य में कितने चरण में और कितने-कितने तारीखों को वोटिंग होनी है। साथ ही नामांकन, स्क्रूटनी, परिणाम आदि के तारीखों की भी जानकारी मिल जाएगी। अगले कुछ दिनों में उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड, मणिपुर, पंजाब और गोवा में विधानसभा चुनाव होने हैं।
देश के पांच राज्यों उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh), उत्तराखंड (Uttrakhand), पंजाब (Punjab), गोवा (Goa) और मणिपुर (Manipur) में फरवरी-मार्च में विधानसभा चुनाव (Legislative Assembly Elections) होने हैं।
उत्तर प्रदेश विधानसभा का कार्यकाल 14 मई 2022 को पूरा हो रहा है। ऐसे में 14 मई से पहले हर हाल में विधानसभा और नई सरकार के गठन की प्रकिया पूरी होनी है। उत्तर प्रदेश में कुल 403 विधानसभा सीटें हैं। पिछला विधानसभा चुनाव फरवरी-मार्च 2017 में हुआ था। बीजेपी की अगुवाई में एनडीए 325 सीटें जीतकर सत्ता में आया था और योगी आदित्यनाथ ने 19 मार्च 2017 को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। सीएम योगी बीजेपी के पहले मुख्यमंत्री हैं, जिन्होंने उत्तर प्रदेश में पाँच साल का कार्यकाल पूरा किया है।
70 सीटों वाली उत्तराखंड विधानसभा का कार्यकाल 23 मार्च 2022 को खत्म हो रहा है। राज्य में 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 57 सीट जीतकर प्रचंड बहुमत के साथ सरकार बनाई थी, जबकि विपक्षी दल कांग्रेस को महज 11 सीटें मिली थीं। त्रिवेंद्र सिंह रावत मुख्यमंत्री बने थे, लेकिन चार साल बाद उन्हें हटाकर बीजेपी ने पहले तीरथ सिंह रावत और महज कुछ महीने बाद पुष्कर सिंह धामी को उत्तराखंड का मुख्यमंत्री बनाया।
पंजाब विधानसभा का कार्यकाल 27 मार्च 2022 को समाप्त हो रहा है। 117 सीटों वाले पंजाब में 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस 77 सीटें जीतकर दस साल बाद सत्ता में लौटी, जबकि शिरोमणि अकाली दल-बीजेपी गठबंधन केवल 18 सीटों तक सिमट गया। आम आदमी पार्टी 20 सीट जीतकर मुख्य विपक्षी दल बनी। कैप्टन अमरिंदर सिंह मुख्यमंत्री बने, लेकिन चार साल के बाद कांग्रेस ने कैप्टन अमरिंदर को हटाकर चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बना दिया। पंजाब में सरकार बनाने के लिए किसी भी दल या गठबंधन को 59 सीटों का आंकड़ा हासिल करना होगा।
पूर्वोत्तर के 60 सीटों वाले राज्य मणिपुर की विधानसभा का कार्यकाल 19 मार्च 2022 को समाप्त हो रहा है। ऐसे में इससे पहले राज्य में सरकार के गठन की प्रक्रिया पूरी करनी होगी। 2017 में मणिपुर विधानसभा चुनाव में बीजेपी 24 सीटें जीतकर सबसे बड़े दल के रूप उभरी थी। कांग्रेस 17 विधायकों के साथ मुख्य विपक्षी दल बनी थी। बीजेपी ने एनपीपी, एलजेपी और निर्दलीय विधायकों के समर्थन से सरकार बनाई और एन बीरेंद्र सिंह राज्य के मुख्यमंत्री बने।
40 सीटों वाले गोवा की विधानसभा का कार्यकाल 15 मार्च को समाप्त हो रहा है। राज्य में पिछला विधानसभा चुनाव फरवरी 2017 में हुआ था। कांग्रेस 15 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी, लेकिन वो सरकार नहीं बना सकी। बीजेपी ने 13 सीटें जीतीं और वो एमजीपी, जीएफपी व दो निर्दलीय विधायकों के सहारे सरकार बनाने में सफल रही। मनोहर पर्रिकर गोवा के मुख्यमंत्री बने, लेकिन 17 मार्च 2019 को मनोहर पर्रिकर के निधन के बाद डॉ० प्रमोद सावंत को राज्य का मुख्यमंत्री बनाया गया।
चुनाव आयोग के सामने हैं ये चुनौती
उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर में विधानसभा चुनाव के बीच एक राज्य चुनाव आयोग के लिए चुनौती बन गया है। दरअसल, मणिपुर में अब तक मात्र 45 फीसदी से कुछ ज्यादा लोगों को कोरोना के दोनों डोज लग पाए हैं जबकि मात्र 57 फीसदी लोगों को पहला डोज लगा है। ऐसे में संक्रमण के खतरे की आशंका और बढ़ रही है जो आयोग के लिए भी चिंता का विषय बना हुआ है।
अन्य चुनावी राज्यों में टीकाकरण की स्थिति
पंजाब में भी टीके की दोनों खुराक लेने वाले 43 फीसदी लोग हैं और पहली खुराक 77 फीसद लोगों ने ले ली है।
उत्तर प्रदेश में भी दोनों खुराक लेने वालों की संख्या सिर्फ 60 फीसदी है जबकि पहली खुराक 89 फीसदी लोगों ने ली है।
उत्तराखंड में 82 फीसदी लोगों ने दोनों डोज ले लिया है, जबकि पहले डोज के मामले में कुछ दिनों में आंकड़ा 100 फीसदी पहुँच जाएगा।
गोवा वालों ने पहली खुराक तो 100 प्रतिशत लोगों ने ले ली है जबकि 98 फीसदी ने दोनों खुराक ले ली है।
अर्थात चुनाव आयोग के सामने मणिपुर और पंजाब बड़ी चुनौती बने हुए हैं। आयोग ने वैसे तो पाँचों राज्यों में टीकाकरण का लक्ष्य पूरा करने के लिए अतिरिक्त और विशेष टीमें भेजने पर जोर दिया है लेकिन मणिपुर और पंजाब पर ज्यादा फोकस है।