कांग्रेस नेता राहुल गाँधी ने आज भाजपा और आर.एस.एस. पर जमकर साधा निशाना
आकाश ज्ञान वाटिका, 22 फ़रवरी 2022, मंगलवार, इंफाल। मणिपुर में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोमवार को इंफाल में एक जनसभा को संबोधित करते हुए, सत्तारुढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी मणिपुर के इतिहास, संस्कृति और भाषा की रक्षा करेगी, जिसे भाजपा और आरएसएस ने कमजोर किया है।
इंफाल में जनसभा संबोधित करते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा, ‘भाजपा और आरएसएस मणिपुर में सम्मान के साथ नहीं बल्कि श्रेष्ठता की भावना के साथ आते हैं। दूसरी ओर, मैं विभिन्न जनजातियों, पहाड़ियों, घाटी और आप अपनी महिलाओं के साथ कैसा व्यवहार करते हैं, ये सब सीखने के लिए विनम्रता के साथ यहां आता हूं।’ उन्होंने आगे कहा, ‘मेरा मानना है कि हर एक राज्य को अपनी भाषा, संस्कृति, इतिहास और खुद को देखने का एक समान अधिकार है। दूसरी ओर, भाजपा एक विचारधारा, एक भाषा और एक संस्कृति में विश्वास करती है। भारत इन दो विचारधाराओं के बीच एक लड़ाई का सामना कर रहा है।’
जनसभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ढेरों वादे किए, जिसमें उन्होंने मणिपुर में महिलाओं को एक तिहाई आरक्षण देने, एमएसएमई क्षेत्र को पुनर्जीवित करने, राज्य को चावल उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने, सिंचाई सुविधाओं में सुधार, फूड पार्क बनाने और अधिक महिला-नियंत्रित ‘इमा बाजार’ बनाने का भी वादा किया।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने राज्य के कुछ नेताओं को अपने आवास पर आमंत्रित कर उन्हें जूते उतारने के लिए कहा था। राहुल गांधी ने दावा करते हुए कहा, ‘मंत्री ने इसका बचाव करते हुए कहा कि जूते उतारना उनकी संस्कृति है लेकिन मेहमानों को अपमानित करना मेरी संस्कृति नहीं है। वे हमारी संस्कृति और परंपराओं पर हमला कर रहे हैं।’
अपने जनसभा संबोधन में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आगे कहा, ‘आपके भविष्य को नष्ट करने के लिए ताड़ के तेल के बागानों की योजना बनाई जा रही है। इनसे सिर्फ बड़े व्यवसायों को ही फायदा होगा।’
उन्होंने भाजपा को आड़े हाथों लेते हुए, यह भी आरोप लगाया कि COVID-19 महामारी के दौरान मणिपुर में आक्सीजन और वेंटिलेटर की कमी के कारण हजारों लोगों की मौत हुई थी और पूर्वोत्तर राज्य टीकाकरण में सबसे खराब प्रदर्शन करने वालों में से था।