Breaking News :
>>मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने संविधान दिवस के अवसर पर ली शपथ>>संकाय सदस्यों की नियुक्ति से मेडिकल कॉलेजों को मिली ताकत>>आपदा न्यूनीकरण और क्षमता निर्माण परियोजनाओं के लिए 1115.67 करोड़ मंजूर>>संभल हिंसा- हालात में सुधार, स्कूल खुले लेकिन इंटरनेट सेवा अभी भी बंद>>मंत्री गणेश जोशी ने आल इण्डिया गोरखा एक्स सर्विसमैन वेलफेयर एसोसिएशन के दो दिवसीय वार्षिक सम्मेलन में किया प्रतिभाग>>कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या ने युवा पीढ़ी को दिलायी संविधान संवत् रहने की शपथ>>संविधान दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद के संयुक्त सत्र को किया संबोधित >>पुष्पा 2 का गाना ‘किसिक’ रिलीज, अल्लू अर्जुन के साथ अदाओं का जलवा दिखाती नजर आईं श्रीलीला>>कोहरा शुरू होते ही ट्रेनों की रफ्तार औसत 110 किमी प्रति घंटा से घटाकर की गई 75 किमी प्रति घंटा >>क्या आपके बच्चों को भी है मीठा खाने की लत? छुड़वाने के लिए अपनाएं ये तरीके>>ईएसआई कवरेज की धीमी प्रक्रिया पर मुख्य सचिव ने जताई नाराजगी>>अमेरिकी इतिहास में एक नए दौर की शुरुआत ट्रंप की जीत>>श्रीनगर मेडिकल कॉलेज के नाम जुड़ी एक और उपलब्धि>>मुख्यमंत्री आदर्श ग्राम बनेगा गैरसैंण ब्लाक का सारकोट गांव>>उत्तराखण्ड के नये डीजीपी ने किया कार्यभार ग्रहण>>वनवास का गाना ‘यादों के झरोखों से’ जारी, सोनू निगम और श्रेया घोषाल ने लगाए सुर>>दिल्ली सरकार ने बुजुर्गों को दिया बड़ा तोहफा, वृद्धा पेंशन फिर से की शुरू >>भारत ने ऑस्ट्रेलिया को पहले टेस्ट मैच में 295 रनों से हराया>>उत्तर प्रदेश में अचानक उठे विवाद को लेकर राज्य सरकार का रवैया बेहद दुर्भाग्यपूर्ण- प्रियंका गांधी>>दीपम सेठ बने उत्तराखण्ड के नये डीजीपी
उत्तर-प्रदेशताज़ा खबरें

मुख्यमंत्री योगी का सख्त निर्देश :सभी जिलाधिकारी एम्बुलेंस संचालन व्यवस्था पर बनाए रखें नजर

आकाश ज्ञान वाटिका, 30 जुलाई 2021, शुक्रवार, लखनऊ। उत्तर प्रदेश में सरकारी एम्बुलेंस की सेवा प्रदाता कंपनी के चालकों की हड़ताल को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बेहद गंभीर हैं। प्रदेश में मुख्यमंत्री के निर्देश पर गुरुवार से एम्बुलेंस चालकों की भर्ती जारी है। इसके बाद भी सीएम योगी आदित्यनाथ ने सख्त निर्देश दिया है कि सभी जनपदों में मरीजों की आवश्यकता के अनुसार तुरंत एम्बुलेंस की उपलब्धता होनी चाहिए।

सीएम योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि किसी भी दशा में मरीजों अथवा उनके स्वजन का उत्पीडऩ न हो। जिलाधिकारी अपने जिलों में एम्बुलेंस संचालन की व्यवस्था पर सतत नजर बनाए रखें। इसके साथ ही एम्बुलेंस की अनुपलब्धता के कारण यदि किसी की असमय मृत्यु की दुखद घटना हुई, तो दोषी के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई होनी तय है।

उत्तर प्रदेश में एम्बुलेंस कर्मियों की हड़ताल का पांचवा दिन है। लखनऊ में कर्मचारियों की बर्खास्तगी के बाद भी इनका प्रदर्शन जारी है। इसको देखते हुए जॉइंट कमिश्नर भारी पुलिस बल के साथ इको गार्डन में डटे हैं। प्रदेश में 102 तथा 108 एम्बुलेंस की सेवा जीवीके एलआरआइ प्रदान कर रही है, जबकि एडवांस लाइफ सपोर्ट (एएलएस) एम्बुलेंस का संचालन प्राइवेट फर्म जिगित्सा को दिया गया है। जिसने प्रदेश में अपनी सेवा शुरू करने के पहले ही तमाम शर्त रखी है। इसी के बाद से माहौल बदल गया।

उधर शासन तथा सेवा प्रदाता कंपनी ने हड़ताल कर रहे एम्बुलेंस कर्मियों पर शिकंजा कस दिया है। इसके तहत 130 कर्मचारी और बर्खास्त कर दिए गए हैं। अब तक कुल 711 कर्मियों को बर्खास्त किया जा चुका है। गुरुवार को एडवांस लाइफ सपोर्ट सिस्टम (एएलएस), 108 व 102 एंबुलेंस सेवा की 4720 एंबुलेंस को दौड़ाने के लिए कोशिशें और तेज कर दी गईं। अभी 22 जिलों में ही शत प्रतिशत एंबुलेंस और 35 जिलों में 50 प्रतिशत तक एंबुलेंस चली हैं, जबकि 18 जिलों में एक भी एंबुलेंस नहीं दौड़ पाई है। एïम्बुलेंस न मिलने के कारण पांचवें दिन भी मरीजों को मुसीबत उठानी पड़ी।

एंबुलेंस सेवा का संचालन कर रही जीवीकेईएमआरआइ ने गुरुवार की शाम तक कर्मचारियों को काम पर लौटने का अल्टीमेटम दिया था, जिसके बाद कई कर्मचारी वापस लौट आए हैं। कंपनी ने नई भर्ती शुरू कर दी है। उधर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) उप्र व स्वास्थ्य विभाग ने एम्बुलेंस ड्राइवर व इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन (ईएमटी) जुटाने का काम शुरू कर दिया है। स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत राजकीय वाहन चालकों को एम्बुलेंस की चाबी सौंपी जा रही है और ईएमटी के तौर पर राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के तहत तैनात पैरामेडिकल स्टाफ, नर्सिंग व आयुष फार्मासिस्ट तैनात किए जा रहे हैं। सीतापुर, कुशीनगर और बस्ती समेत कई जिलों में इनकी तैनाती कर दी गई है। जिन 18 जिलों में एंबुलेंस का चक्का पूरी तरह जाम है उसमें ज्यादातर पूर्वांचल के जिले हैं।

जीवीकेईएमआरआइ के सीनियर वाइस प्रेसीडेंट टीवीएसके रेड्डी ने बताया कि अल्टीमेटम देने के बाद कई कर्मचारी काम पर वापस भी लौट आए हैं। अनुशासनहीन कर्मचारी बर्खास्त किए गए हैं, उनकी जगह दूसरे कर्मचारियों की भर्ती की जा रही है। मालूम हो कि एएलएस एंबुलेंस सेवा का जिम्मा बीते दिनों जिगित्सा हेल्थ केयर को सौंपा गया था। इस कंपनी ने प्रशिक्षण के नाम पर 20 हजार रुपये मांगे थे और एंबुलेंस कर्मियों को 13,500 रुपये प्रति माह मानदेय की बजाए 10 हजार मानदेय देने पर सहमति जताई थी। इसे लेकर बीते रविवार को 250 एएलएस एंबुलेंस के करीब एक हजार कर्मचारी हड़ताल पर चले गए, जिसके बाद 108 व 102 एंबुलेंस सेवा के 22 हजार कर्मचारी भी हड़ताल में शामिल हो गए। मान-मनौव्वल शुरू हुई तो एंबुलेंस कर्मियों ने अपनी डिमांड बढ़ा दी और सेवा प्रदाता कंपनी की बजाए एनएचएम के संविदा कर्मी के तौर पर भर्ती की मांग शुरू कर दी। कर्मचारियों से वार्ता विफल होने के बाद एनएचएम व स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने वैकल्पिक व्यवस्था के जरिये एंबुलेंस सेवा संचालित करने की तैयारी शुरू कर दी है।

Loading

Ghanshyam Chandra Joshi

AKASH GYAN VATIKA (www.akashgyanvatika.com) is one of the leading and fastest going web news portal which provides latest information about the Political, Social, Environmental, entertainment, sports etc. I, GHANSHYAM CHANDRA JOSHI, EDITOR, AKASH GYAN VATIKA provide news and articles about the abovementioned subject and am also provide latest/current state/national/international news on various subject.
error: Content is protected !!