Breaking News :
>>अमित शाह ने झारखंड में कांग्रेस-झामुमो गठबंधन को दी चेतावनी, कहा- ‘लूटने वालों को उल्टा लटका दिया जाएगा’>>बाबा केदार की पावन भूमि पर कमल खिलना तय – कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी>>‘बटेंगे तो कटेंगे’ के जवाब में छात्र आंदोलन का नया नारा – ‘न बटेंगे न हटेंगे’>>हमारी लोक संस्कृति एवं परंपरा देवभूमि की पहचान- मुख्यमंत्री धामी >>महाकुंभ 2025 के लिए योगी सरकार की हाईटेक सुरक्षा तैयारी, 24 घंटे अलर्ट पर रहेंगी जल पुलिस और एनडीआरएफ>>शिवभक्त बनकर फिर तांडव मचाने आ रहे नंदमुरी बालकृष्ण, ‘अखंडा 2’ का हुआ एलान>>कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या ने केदारनाथ विधानसभा में भाजपा प्रत्याशी आशा नौटियाल के लिए माँगे वोट>>देहरादून में ट्रक और इनोवा कार की भीषण टक्कर में छह लोगों की मौके पर हुई मौत>>बदलते मौसम में अगर आपका भी गला बार-बार सूख रहा है, तो न करें नजरंदाज, हो सकती है ये बीमारियां>>पीएम मोदी ने राज्यसभा सदस्य अनिल बलूनी के आवास में मनाई इगास >>केदार सभा ने फिर जताया सीएम धामी का आभार>>किसानों के लिए अधिक लाभदायक होगी>>एयरलाइन विस्तारा का संचालन कल से हो जाएगा बंद, एयर इंडिया के साथ करेगी विलय >>उत्तराखंड के दो शहरों में कूड़े से बनने लगी है बिजली>>झारखंड विधानसभा चुनाव 2024- सियासी हलचल तेज, भाजपा गठबंधन की जीत का अनुमान>>हर महिला के पास होनी चाहिए ये 4 तरह की जैकेट, स्टाइल के साथ पहुचाएंगी गर्मी>>प्रधानमंत्री के नौ आग्रहों को विकास का आधार बनाएगी सरकार – मुख्यमंत्री धामी>>न्यायमूर्ति संजीव खन्ना बने भारत के 51वें मुख्य न्यायाधीश, राष्ट्रपति भवन में हुआ शपथ ग्रहण समारोह>>वाहनों के रजिस्ट्रेशन नंबर की नीलामी का पहला चरण पूरा, इस नंबर पर लगी सबसे महंगी बोली>>प्रदेशभर के उपनल कर्मचारियों में नाराजगी, मांगों पर अमल न हुआ तो आज से ही करेंगे हड़ताल 
सम्पादकीय

अजरबैजान ने मौके का फायदा उठाया

साभार : श्रुति व्यास

आकाश ज्ञान वाटिका, शनिवार, 30 सितम्बर 2023, देहरादून। कत्लेआम तो टल गया लेकिन उसने बड़े पैमाने पर पलायन का स्वरुप ले लिया। पिछले हफ्ते अजऱबैजान ने अपनी ही नागोर्नो-काराबाख़ पर सैन्य आक्रमण किया जिसमें केवल एक दिन में 200 से अधिक लोग मारे गए। लेकिन अगले दिन ही युद्धविराम कायम हो गया और क्षेत्र में सक्रिय अर्मेनियाई अलगवावादी आत्समर्पण करने और अपने संगठन को भंग करने के लिए राजी हो गए। इसका मतलब हुआ अजऱबैजान की जीत। इस इलाके में तीन साल पहले तैनात की गई रूस की शांतिसेना की मध्यस्थता से हुए इस समझौते का एक अर्थ है नागोर्नो-काराबाख़ का अर्ध-स्वतंत्र राष्ट्र का दर्जा समाप्त हो जाना। अभी तक 13,000 लोग इस इलाके से आर्मेनिया के लिए पलायन कर चुके हैं। रास्ते में एक पेट्रोल स्टेशन पर हुए बम विस्फोट में 200 लोग घायल हो गए। आर्मेनिया की सीमा पर गाडिय़ों की रेलमपेल है और देश के प्रधानमंत्री निकोल पशिन्यान ने चेतावनी दी है कि क्षेत्र में नस्लीय सफाई जारी है। वहां के बहुत से लोग अपने जीवन में दूसरी या तीसरी बार शरणार्थी बन गए हैं।

नार्गोनो-काराबाख में आर्मेनियाई रहते हैं लेकिन यह औपचारिक रूप से अजऱबैजान का हिस्सा है और यहां पिछले तीन दशकों में खून-खराबे भरे दो बड़े युद्ध हो चुके हैं। सन् 2020 में हुए अंतिम युद्ध में अजऱबैजान ने कई ऐसे इलाकों पर कब्जा कर लिया जो सन् 1990 के दशक से आर्मेनियाई सुरक्षा बलों के नियंत्रण में थे। अजऱबैजान के हालिया हमले को भी ‘आतंकी विरोधी कार्यवाही’ कहा गया जिसका उद्धेश्य संवैधानिक व्यवस्था दुबारा स्थापित करना था। और अजऱबैजान ने एक दिन में वह हासिल कर लिया जो वह पिछले तीन दशकों में नहीं कर पाया था।

लेकिन नार्गोनो-काराबाख पर सैन्य आक्रमण और उसके नतीजे में एक मानवीय त्रासदी उत्पन्न कर अजऱबैजान के राष्ट्रपति इलहम एलियेव ने पश्चिम को नाराज कर लिया है। पिछले सप्ताह जर्मनी की विदेशमंत्री अन्नालेना बेयरबोक ने बाकू को “बलप्रयोग न करने के बार-बार दिए गए आश्वासन को तोडऩे, जिसके नतीजे में पहले से ही बदहाल लोगों को जबरदस्त कष्ट झेलना पड़ रहा है” का दोषी ठहराया। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा कि अजऱबैजानी सरकार ‘निरंकुश’ है। पश्चिम में यह व्यापक मान्यता है कि शांति कायम रखने की जिम्मेदारी निभा रहे रूसियों ने अजऱबैजान की मदद की क्योंकि हाल के महीनों में आर्मेनिया का झुकाव पश्चिम की ओर बढ़ गया है। जहां तक अजऱबैजान का सवाल है, कहा जाता है कि वह कई सालों से कथित ‘कैवियार कूटनीति’ का सहारा ले रहा है अर्थात धन और उपहारों के जरिए यूरोप में अपना प्रभाव बढ़ा रहा है।

गार्जियन ने एक खबर में खुलासा किया है कि अजऱबैजान ने ब्रिटिश कंपनियों के एक गुप्त नेटवर्क के जरिए यूरोप में अपनी समर्थकों, पैरवी करने वालों और राजनीतिज्ञों को भेंट देने के लिए 2.9 अरब डालर देश से बाहर भेजे। यह पैसा लक्जऱी गुड्स और सेवाएं हासिल करने और अजऱबैजान के प्रभावशाली लोगों के लिए मनी लांडरिंग करने के लिए भी प्रयुक्त हुआ। अजऱबैजान की ‘कैवियार कूटनीति’ का नतीजा यह हुआ कि यूरोप ने 2020 के नार्गोनो-काराबाख युद्ध में बाकू द्वारा किए गए अत्याचारों को नजरअंदाज कर उससे नजदीकी कायम कर ली। सन् 2022 में रूस के अलावा पेट्रोलियम प्रदाय के नए विकल्प ढूंढ़ रहे यूरोपियन कमीशन के अध्यक्ष उरसुला वोन डेर लेयन बाकू पहुंची और उन्होंने अजऱबैजान को एक ‘महत्वपूर्ण’ एवं ‘विश्वसनीय’ ईधन सप्लायर बताते हुए उसकी प्रशंसा की और एक समझौते की घोषणा की जिसके अंतर्गत सन् 2027 तक ईयू द्वारा अजऱबैजान से खरीदी जाने वाली गैस की मात्रा दुगनी की जाएगी।

अजऱबैजान हालाँकि नार्गोनो-काराबाख के निवासियों को आश्वस्त कर रहा है कि उनका नुकसान नहीं किया जाएगा लेकिन ये लोग भयभीत हैं। अलगावादियों द्वारा युद्धविराम स्वीकारने और हथियार छोडऩे के लिए राजी होने के बाद से अब तक केवल 70 टन खाद्यान्न की राहत सामग्री की एक खेप को वहां आने की अनुमति दी गई है। आर्मेनियाई जातीय समूह के नेताओं का कहना है कि हजारों लोग छत और भोजन से महरूम हैं और तलघरों, स्कूल के भवनों और खुले में सोने पर मजबूर हैं।

जहां तक पश्चिम और अन्य देशों का सवाल है, वे कुछ खास नहीं कर रहे हैं। अजऱबैजान द्वारा नार्गोनो-काराबाख में आतंक और बल का सहारा लेने और यूक्रेन पर रूसी हमले के जारी रहने से ईयू और पश्चिम दुविधा में है। सर्दियां आ रही हैं और गैस की मांग बहुत बढ़ेगी और साथ ही ‘कैवियार’ की ज़रुरत भी। एक ओर हैं उनके अपने और अपनी जनता के हित और दूसरी ओर है इंसाफ का साथ देने का दबाव। एक न्यायपूर्ण दुनिया में – भले ही हम उसे काल्पनिक मानें – अजऱबैजान पर उसके द्वारा किए जा रहे अत्याचारों के चलते तत्काल प्रतिबंध लगा दिए गए होते।‘आशावादी‘ आर्मेनियाईयों की यही मांग है कि अजऱबैजान पर सख्त प्रतिबंध लगाए जाएं जो अपनी गैस और तेल की कमाई का उपयोग अपनी सैन्य शक्ति बढ़ाने के लिए कर रहा है। लेकिन अब तक पश्चिम अजऱबैजान पर प्रतिबंध लगाने की संभावनाओं पर ‘विचार’ ही कर रहा है। और पश्चिम के नेताओं के विचारों में डूबे होने के कारण साधी गई चुप्पी का प्रभाव दुनिया में हो रही घटनाओं पर साफ नजर आ रहा है।

Loading

Ghanshyam Chandra Joshi

AKASH GYAN VATIKA (www.akashgyanvatika.com) is one of the leading and fastest going web news portal which provides latest information about the Political, Social, Environmental, entertainment, sports etc. I, GHANSHYAM CHANDRA JOSHI, EDITOR, AKASH GYAN VATIKA provide news and articles about the abovementioned subject and am also provide latest/current state/national/international news on various subject.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!