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अ‍ररिया एवं सहरसा में प्रधानमंत्री की विशाल चुनावी रैली : पीएम मोदी बोले, “बिहार में अहंकार हार रहा, परिश्रम फिर जीत रहा”

आकाश ज्ञान वाटिका, 3 नवंबर 2020, मंगलवार। बिहार में आज पीएम नरेंद्र मोदी की दो रैलियां हुई। उन्‍होंने अररिया के फासबिसगंज और सहरसा में जनता को संबोधित किया। अ‍ररिया में उनके आने के पहले वहां केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण राज्‍य मंत्री अश्वनी कुमार चौबे, झारखंड के पूर्व मुख्‍यमंत्री बाबूलाल मरांडी, बिहार के पूर्व मुख्‍यमंत्री जीतन राम मांझी, सांसद ललन सिंह आदि वहां पहुंच चुके थे। वही, सहरसा में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह मौजदू थे। इस क्षेत्र में तीसरे चरण में सात नवंबर को मतदान होगा। 

प्रधानमंत्री ने कहा आज बिहार की बदौलत भारत आगे बढ़ रहा है। मधेपुरा रेल फैक्ट्री ने मालगाडिय़ों के लिए काफी काम किया है। आज पूरी दुनिया की कंपनियां मेक इन इंडिया के लिए भारत आ रही है, तो उसका लाभ बिहार को भी मिलने वाला है। इस बार कोसी महासेतु को भी आपको सौंप दिया है। बिहार के विकास के इन प्रयासों के बीच आपको सतर्क भी रहना है। जंगलराज के इतिहास वालों से आपको सतर्क भी रहना है। ऐसे लोग अपने नहीं, अपने परिवार के लिए जीते हैं। बिहार की कई वीर माताएं अपने लाल को राष्ट्ररक्षा के लिए समर्पित करती हैं। ऐसे लाल देश के लिए सर्वोच्च बलिदान देते हैं। जंगलराज लाने वाले चाहते हैं कि आप भारतमाता की जय के नारे ना लगाएं। छठी मैया को पूजने वाली धरती पर जंगलराज के साथी चाहते हैं कि आप भारत माता की जय, जय श्री राम ना बोलें। ये भारत माता के विरोधी एकजुट होकर बिहार के लोगों से वोट मांगने के लिए आए हैं। यदि उन्हें भारत माता से दिक्क्त है तो बिहार के लोगों को भी ऐसे लोगों को दिक्कत है। ऐसे लोगों को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए अभी पूरे जोश में मां भारती का जयकारा लगाएं।

वोकल फॉर लोकल गरीबों की जिंदगी बदलने का बड़ा मंत्र है। जब भी मैं बिहार आता हूं, मखाने की बात जरूर करता हूं। गर्व के साथ हम अपनी चीजों का बखान नहीं करेंगे तो कौन करेगा। जब हम अपनी चीजों को माथे से लगाकर रखते हैं तो दूसरे भी इसपर ध्यान देते हैं। ऐसा नहीं है कि जब एनडीए सरकार आई तो नई खादी बनी। लेकिन, अब खादी पहले से अधिक बिक रही है। बुनकरों की स्थिति सुधरी है। 2014 से पहले 25 वर्ष में जितने की खादी देश में बिकी, उससे अधिक की खादी पिछले पांच वर्षों में देश में बिक चुकी है। दिल्ली में खादी के एक स्टोर में एक दिन में एक करोड़ रुपये से अधिक की खादी बिकी। बिहार में ऐसे कई सामान हैं, हमें इनका प्रचार-प्रसार करना है। आने वाले दिनों में धनतेरस आ रहा है, दीवाली और छठ पूजा भी है। देशवासी जितना संभव हो पाए, लोकल चीजें ही खरीदें। जब आप घर के आसपास बने सामान खरीदेंगे, तो दीवाली गरीब के घर में भी होगी। ऐसे में आपका आनंद चार गुना बढ़ जाएगा। मूल जरूरतों के पूरा होने के बाद समाज अपने सपनों को पूरा करने में लग जाता है। यह दशक भी बिहार की इन्हीं आकांक्षाओं का दशक है।

प्रधानमंत्री ने कहा मुद्रा योजना के तहत रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए गए। अकेले मुद्रा योजना के तहत बिहार को करीब-करीब एक लाख करोड़ रुपये दिए गए हैं। आज गांव, गरीब, वंचितों, पिछड़ों, दलितों, आदिवासियों के लिए कई योजनाएं चल रही हैं। इससे इनमें आत्मविश्वास आया है। हमारे छोटे किसानों, पशुपालकों, मत्स्यपालक लंबे समय तक बैंकों के बाहर से ऊंची ब्याज दर पर कर्ज लेते थे। उनके लिए किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा लाई जा रही है। हर किसान-पशुपालक के घर सुविधाएं पहुंचाने के लिए दिन-रात काम किया जा रहा है। मछलियां दूसरे राज्यों में जाए, इसके लिए सरकार 20 हजार करोड़ रुपये खर्च कर रही है। इसका लाभ बिहार के किसानों को भी होगा। पशुओं में होने वाली बीमारी को कम करने के लिए अभियान चलाया जा रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए ने सशक्त बिहार की नींव रखी है। गांवों तक मूलभूत सुविधाएं बहाल की गई है। बिहार अराजकता के अंधेर को पीछे छोड़ चुका है। बीते वर्षों में डबल इंजन की सरकार ने जिस ध्येय पर काम किया, वह अभूतपूर्व है। याद कीजिए, बैंकों तक लोगों का पहुंचना कितना मुश्किल था। जरूरी पैसे के अभाव में युवा व्यवसाय नहीं कर पाते थे। बहनों-बेटियों के लिए भी आर्थिक संकट था। पिछले सालों में इसके लिए कई कदम उठाए गए। बिहार में जनधन योजना के तहत पांच करोड़ खाते खुलवाए गए, जिनमें से आधे से अधिक खाते महिलाओं के हैं। इनमें सैकड़ों करोड़ रुपये जमा हो पाए। इसी जन-धन योजना के माध्यम से कोरोना काल में भी बिहार के किसानों को सीधी मदद पहुंच पाई। मुद्रा योजना के तहत छोटे व्यवसायियों को नई ऊर्जा मिली है।

प्रधानमंत्री ने कहा बिहार के हर जिले में कम से कम एक ऐसा किसान है, जो देश और प्रदेश के बाजार में अधिक ध्यान दें। सहरसा और सुपौल में मखाना, पूर्णिया में केला, मधेपुरा में आम और किशनगंज में अनानास के उत्पादों की मार्केटिंग को ध्यान में रखकर व्यापक खाका खींचा जा रहा है। एनडीए सरकार किसानों के उत्पादों को कितना समर्थन दे रही है, इसे सब जानते हैं। बिहार में रोजगार-स्वरोजगा के अवसर मिलेंगे। जूट श्रमिकों को भी लाभ होगा। आज से वोकल फॉर लोकल के मंत्र को रोजमर्रा के जीवन-खरीदगी का हिस्सा बनाना होगा।

चुनाव के समय जिस बिहार से हिंसा और बूथ लूटने की खबर छाई रहती थी, आज वही बिहार कोरोना संकट के दौरान भी लोकतंत्र का उत्सव मना रहा है। इस बदलाव के लिए बिहार के लोगों की प्रशंसा करनी चाहिए। युवाओं का एक वोट बिहार की तकदीर बदल सकता है। जिस प्रकार श्रीकृष्ण ने एक अंगुली से गोवद्र्धन उठाया था, उसी प्रकार आपकी अंगुली पर लगने वाली वोट की स्याही बिहार की ताकत बनने वाली है। बिहार के लोगों ने जेपी आंदोलन के माध्यम से भ्रष्ट राजनीति को उखाड़ फेंका था। आपके दादा-परदादा जेपी आंदोलन में थे। 2005 में आपके माता-पिता ने 1.5 साल के कुशासन को सुशासन में बदलने की पूरी ताकत लगा दी। उसी मुश्किल लड़ाई का परिणाम विकास है। इस दशक में आपको आत्मनिर्भर और आधुनिक बिहार बनाने के लिए आगे आना है। युवा अपनी जिम्मेदारी समझें। आत्मनिर्भर बिहार यानी बिहार में आइटी हब, दुग्ध प्रोसेसिंग संयंत्र, किसान संघों का निर्माण, स्थानीय व्यापारियों-उद्यमियों का विकास, कुटीर उद्योगों का विकास। आत्मनिर्भर बिहार यानी मातृभाषा में मेडिकल-इंजीनियरिंग आदि की पढ़ाई। हर गांव-पंचायत में इंटरनेट, छठी कक्षा के ऊपर के सभी छात्रों को कंप्यूटर की शिक्षा के संकल्प को पूरा करने का काम एनडीए की सरकार करेगी। लक्ष्य कितना भी बड़ा क्यों ना हो, बिहार के लोगों ने हर चुनौती स्वीकार की है। कोराना संकट में गरीबों को राशन और रोजगार देने का काम किया जा रहा है। पूरी दुनिया यह देखकर हैरान है कि भारत अमेरिका और यूरोप से अधिक आबादी के लिए राशन का इंतजाम कर रहा है। पिछले आठ महीने से यह काम पूरी तन्मयता से गरीबों के लिए किया जा रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि गरीब की बातें करते हुए इन लोगों ने बिहार के गरीब को ही चुनाव से दूर कर दिया। बिह्रार के गरीब को अपनी मर्जी की सरकार बनाने का अधिकार ही नहीं था। जंगलराज के उस दौर में मतदान के दिन गरीबों को घर से नहीं निकलने दिया जाता था, बूथ के बूथ लूट लिए जाते थे। ऐसे लोग बिहार को फिर से पुराने दौर में ले जाना चाहते हैं। अब बिहार के लोग उनके बहकावे में नहीं आने वाले हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा बीते दिनों में बिहार के करीब-करीब हर क्षेत्र में जन भावनाओं को देखा-समझा। दूसरे चरण के मतदान के ट्रेंड ने तस्वीर बिल्कुल साफ कर दी है। बिहार में फिर से एनडीए की सरकार बनने जा रही है। बिहार के लोग आत्मनिर्भर भारत-आत्मनिर्भर बिहार के लिए प्रतिबद्ध हैं। बीते वर्षों में आत्मनिर्भर और गौरवशाली अतीत से प्रेरित नींव रखी जा चुकी है। बिहार के लोग जानते हैं कि मजबूत बिहार का संकल्प तभी पूरा होगा, जब केंद्र और राज्य दोनों जगहों पर एनडीए की सरकार होगी, डबल इंजन की सरकार होगी। इतिहास गवाह है कि बिहार के लोगों में सामथ्र्य की कोई कमी नहीं है। बिहार का सामथ्र्य बिहार की क्रांतिकारी शक्ति से बनता है। जंगलराज ने बिहार के सामथ्र्य के साथ जो अन्याय, विश्वासघात किया, वह बिहार का एक-एक नागरिक अच्छी तरह जानते हैं।

‘गोड़ लगै छी’ के साथ शुरू हुआ सहरसा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संबोधन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सवा 11 बजे मंच पर पहुंचे। उन्‍होंने स्‍थानीय भाषा में सभी का अभिवादन किया। प्रधानमंत्री को सुनने के लिए भारी संख्‍या में लोग वहां पहुंचे। सभा स्‍थल पर पूरी तैयारी की गई है। सुरक्षा के पुख्‍ता इंतजाम हैं।

पीएम मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत करते हुए सबसे पहले बाबा मदनेश्वर, बाबा सुंदरनाथ की भूमि को नमन किया। कथाशिल्पी फणीश्वरनाथ रेणु की भूमि पर अपने सब के अभिनंदन करै छी। अररिया के साथ-साथ पूर्णिया, किशनगंज और कटिहार सहित अनेक जिलों के लोग आज यहां मौजूद हैं। इससे भी अधिक लोग अलग-अलग स्थान पर ऑनलाइन जुड़े हुए हैं। बिहार में आज दूसरे चरण का मतदान चल रहा है। जहां-जहां मतदान हो रहा है, मैं हेलीकॉप्टर से आ रहा था तो किसी ने बताया कि पहले के चुनावों से ज्यादा मतदान आज 10 बजे तक हुआ है। बिहार के मतदाताओं की लोकतंत्र के प्रति श्रद्धा का अभिनंदन करता हूं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कोरोना संकट के बीच बिहार ने दिया बड़ा संदेश। दुनिया में हड़कम्‍प मचा है। दूसरी तरफ बिहार के लाेग घरों से निकल कर मतदान कर रहे हैं। यहां के लोगों के जेहन में लोकतत्र कितनी गहराई से बैठा हुआ है, यह पूरी दुनिया के लिए बड़ा संदेश है। विश्‍व के लोगों को सोचना होगा कि बिहार के लोग लोकतंत्र में विश्‍वास करते हैं। इसी धरती ने मानव जाति को लोकतंत्र दिया था।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा चुनाव लोकतंत्र का उत्सव होता है और इसके बढ़-चढ़कर हिस्सा लेना हर नागरिक का कर्तव्य है और उज्जवल भविष्य की गारंटी। आज बिहार के लोगों ने देश ही नहीं, पूरे विश्व को एक संदेश दिया है। कोरोना के इस संकटकाल में जब दुनिया में हड़कंप मचा है, तब बिहार के लोग अपने घरों ने निकलकर बड़ी संख्या में मतदान कर रहे हैं। लोकतंत्र के प्रति हर बिहारी का इतना बड़ा समर्थन महत्वपूर्ण है। जलीत-हार महत्वपूर्ण नहीं है। विश्व के लोग इस विषय में सोच रहे हैं। इस चुनाव को कराने के लिए चुनाव आयोग को बधाई देता हूं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा मानव जाति को जिस धरती ने लोकतंत्र दिया था, उस धरती को मैं अभिनंदन करता हूं। सुरक्षाबलों की निष्ठा की भी मैं सराहना करता हूं। चुनाव प्रक्रिया में जुड़े सभी कर्मियों का भी अभिनंदन किया। पहले चरण के मतदान के बाद और शुरुआती जानकारी के अनुसार यह बात साफ है कि बिहार की जनता ने एनडीए की सरकार का डंके की चोट पर संकेत दे दिया है। बिहार के लोगों ने ठान लिया है कि इस नए दशक में बिहार को नई ऊंचाई पर पहुंचाएंगे। बिहार के लोगों ने जंगल राज को, डबल युवराजों को सीने से नकार दिया है। बिहार में एक कहावत है-सब कुछ खैनी, दूगो भंजा नैय चबैनी। यानी भर पेट भोजन करने के बाद भी खाने वाली की नजर भूंजा पर है। एनडीए के विरोध में जो खड़े हैं, वे इतना कुछ खाने के बदा बिहार को लालच भरी नजरों से देख रहे हैं। बिहार की जनता जानती है कि कौन कितना विकास कर सकता है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा आज बिहार में परिवारवाद हार रहा है और जनतंत्र जीत रहा है। रंगबाजी और रंगदारी हार रही है, विकास जीत रहा है। घोटाला हार रहा है, लोगों का श्रम जीत रहा है। आज बिहार में गुंडागर्दी हार रही है और कानून का राज लानेे वाले जीत रहे हैं। बिहार के गरीबों से इन लोगों ने वोट देने का अधिकार तक छीनकर रखा। गरीबों को घरों में कैद कर जंगलराज वाले उनके बदले खुद वोट देते थे। तब वोट छीन लिया जाता था। गरीबों को सही मायने में मतदान का हक एनडीए ने दिया। गरीब, दलित, पिछड़ा, अतिपिछड़ा हो, किसी भी मत को मानने वाला हो, उसे अपनी पसंद के उम्मीदवार को चुनने का हक मिला। बिहार में माहौल यह है कि महिलाएं कह रही हैं कि घरवालों को जो करना हो, करें, मैं मोदी के साथ रहूंगी। हर मां-बेटी हमारी सहायता कर रही है।

प्रधानमंत्री ने कहा नीतीश कुमार की पूरी टीम ने जी-जान लगाकर बिहार के लोगों की आवश्यकताओं को पूरा करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। विपरीत स्थितियों में वे रुके नहीं, मान-अपमान में डटे रहे। आपकी आवश्यकताओं को पूरा करना नीतीश कुमार की टीम का लक्ष्य था और उसे उन्होंने पूरा कर दिखाया। 2020-2021 बिहार की आकांक्षाओं को पूरा करने का दशक है। बीते दशक में बिहार में हर घर में बिजली पहुंची, इस दशक में बिहार में 24 घंटे बिजली मिलेगी। पिछले दशक में हर घर में गैस सिलेंडर पहुंचा तो इस दशक में हर घर में पाइप से गैस पहुंची। बीते दशक में जंगलराज को खत्म किया गया। यह दशक बिहार की नई संभावनाओं का है। बिहार को फिर डबल्र इंजन का शासन मिलेगा तो यहां का विकास तेज गति होगा। सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास के मंत्र पर एनडीए की सरकार बिना किसी भेदभाव के लोगों के हितों के लिए काम कर रही है। बिहार के 72-74 लाख किसानों के खातों में बिना किसी भेदभाव के सीधे पैसे ट्रांसफर किए जा रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा अररिया के दो लाख किसान इससे लाभान्वित हो रहे हैं। अररिया में साढ़े तीन लाख महिलाओं को उज्ज्वला योजना के तहत गैस कनेक्शन दिए गए। बिहार में सवा करोड़ से अधिक, अररिया में चार लाख से अधिक शौचालय मिले हैं। बिहार के हर गरीब को आयुष्मान योजना के तहत पांच लाख रुपये तक के मुफ्त इलाज की सुविधा दी गई है। यदि किसी गरीब के घर में बीमारी आ जाती है तो उसकी स्थिति अधिक दयनीय हो जाती है। इस कारण यदि कोई गरीब अब बीमार हुआ तो उसका बेटा दिल्ली में बैठकर उसकी चिंता करेगा। मेरा गरीब अब दवा, डॉक्टर और अस्पताल के बिना जिंदगी और मौत के बीच नहीं जूझेगा। बिहार उन लोगों को पहचान चुका है, जो डराकर, अफवाह फैलाकर सत्ता हासिल करना चाहते हैं। इन्होंने यही सीखा है।

प्रधानमंत्री ने कहा बिहार में कहा जाता है-अनकर धन पाई, तो नौ मन तोलाई। स्वार्थ का भाव यह है कि जब दूसरे का पैसा है तो जितना चाहे लूटो। ये लोग जनता के लिए काम नहीं कर रहे हैं। आज बिहार की जनता, देश की जनता इन सब लोगों की सच्चाई जान चुकी है। ऐसे ही झूठ बोल-बोलकर कांग्रेस ने देश के लोगों को क्या-क्या सपना नहीं दिखाया। दशकों पहले से ये लोग गरीबी हटाने की बात करते थे। चुनाव आते ही किसानों का लोन माफ करने, वन रैंक पेंशन फौजियों के लिए लागू करने की बात करते हैं। इतिहास गवाह है कि इन्होंने काम नहीं किया। जनता को लंबे अर्से मूर्ख नहीं बनाया जा सकता है।

प्रधानमंत्री ने कहा आज कांग्रेस की हालत यह है कि लोकसभा और राज्यसभा, दोनों को मिला दें तो भी कांग्रेस के पास 100 सांसद नहीं पूरे होंगे। जनता ने उनका यह हाल कर दिया है। इस देश के कई राज्य ऐसे हैं, जिन राज्यों ने कांग्रेस के एक भी बंदे को लोकसभा-राज्यसभा नहीं पहुंचने दिया। गुजरात, उत्तराखंड आदि ऐसे ही राज्य हैं। यूपी-बिहार जैसे राज्यों में आज कांग्रेस तीसरे, चौथे और पांचवें स्थान पर किसी का कुर्ता पकड़कर बचने की कोशिश कर रही है। ऐसा इस कारण हो रहा है कि इन्होंने जनता के साथ विश्वासघात किया है।

प्रधानमंत्री ने कहा एनडीए सरकार वह कर रही है जो जनता के लिए जरूरी है। आज एनडीए की सरकार देश और बिहार के लोगों की एक-एक परेशानी को दूर करने का काम कर रही है। जब सिर पर छत होती है, पेट में अनाज होता है तो चिंताएं काफी कम हो जाती है। बिहार में गरीब परिवारों के लिए 25 लाख गरीब परिवारों को घर दिए जा रहे हैं। इनमें से 13 लाख लोगों को घर मिल चुके हैं। कोरोना के कारण काम थोड़ा धीमा हुआ है, लेकिन जल्द ही सभी गरीबों को घर मिल जाएगा। जब किसी मां-बाप को पक्का घर मिल जाता है तो उनका भी मन करता है कि बेटी को भी बढिय़ा घर मिल जाएगा। पक्का घर देखकर मेरी बेटी को भी अच्छा घर-परिवार मिलेगा। कुछ लोगों को यह परेशानी है कि मोदी चुनाव जीतता क्यों है? मोदी माताओं-बहनों की परेशानियों को दूर करने के लिए चुनाव जीतता है। तब गरीब का बेटा गरीबों की सेवा करता रहता है। गांव-देहात के लोगों को घर-जमीन के मालिकाना हक को लेकर बड़ी दिक्कत रही है। इनपर कब्जे की शिकायतें आम रहती थीं। इस परेशानी को दूर करने के लिए भारत सरकार ने स्वामित्व योजना शुरू की। इस योजना के तहत गांव के लोगों को घर-जमीन का प्रॉपर्टी कार्ड दिया जा रहा है। ड्रोन से सर्वे कर जमीन का सर्वे किया जा रहा है। कुछ लोग तकनीक को बड़े लोगों की चीज समझते हैं, मोदी इसे गरीबों के लिए प्रयोग में लाता है। इससे दो फायदे हैं-पहला संपत्ति का मालिकाना हक और दूसरा बैंक से कर्ज लेने में आसानी होगी। एनडीए की सरकार बनने के बाद इस योजना को यहां भी लागू किया जाएगा। गरीब की परेशानी को समझने वाले ही उनके लिए काम करते हैं। गरीबों का हक मारकर अपने और अपने रिश्तेदारों के लिए महल बनाने वाले गरीबों का दर्द नहीं समझते हैं। कोसी-सीमांचल सहित बिहार का एक बड़ा हिस्सा साफ पानी की कमी और बाढ़ का सामना कर रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा एनडीए ने सीमांचल के कई जिलों में हर घर में नल का जल पहुंचाने का काम चल रहा है। बिहार में कनेक्टिविटी बेहतर करने के लिए भी काम चल रहा है। इससे उद्यम, उद्यमिता और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। अटल जी के समय इस इलाके में सड़क संपर्क सुधारने का काम किया गया। फारबिसगंज-जोगबनी या फारबिसगंज-सीतामढ़ी हाईवे पर काफी पैसे खर्च किए हैं। पूर्णिया में एयरपोर्ट के विस्तारीकरण की प्रक्रिया भी चल रही है। गलगलिया-अररिया रेललाइन का काम भी चल रहा है। इसी बड़े प्रयास का प्रमाण है कोसी महासेतु। दशकों पहले कोसी का पुराना पुल टूटने के बाद फिर कोसी पर पुल नहीं बन पाया था। दशकों से ये हमारे प्यारे मिथिलांचल को काटकर विपक्ष रखे हुए था। दशकों के बाद पूरा इलाका फिर से एक हुआ है। इससे लोगों का समय और पैसा बच रहा है। आज दुनिया के बड़े-बड़े देशों में गैस ग्रिड महत्वपपूर्ण है। बिहार देश के उन राज्यों में है, जहां गैस ग्रिड का विस्तार हो रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा बिहार प्रधानमंत्री ऊर्जा योजना से लाभान्वित होगा। पूर्णिया से जलालगढ़-अररिया होते हुए गैस पाइपलाइप बिछाने का काम चल रहा है। इस काम के पूरा होने के बाद आपकी परेशानी काफी कम होगी। एक समय था कि बिहार की नकारात्मक पहचान बना दी गई थी। इसके जिम्मेदार लोग कौन हैं, सब जानते हैं। मुझसे अधिक बिहार का एक-एक बच्चा इन बातों को जानता है। आज मुझे खुशी है कि बिहार की पहचान बदल रही है। बिहार के हर गांव को ब्रॉडबैंक-इंटरनेट से जोडऩे का काम हो रहा है। जीविका कार्यकर्ताओं को भी इससे आसानी होगी। जब जीविका दीदीयों को इंटरनेट मिलेगा तो उनकी बनाई चीजें आसानी से बिकेंगी। अररिया के एक एनजीओ का जिक्र किया।

प्रधानमंत्री ने कहा कृषि कानून में सुधार से किसानों को लाभ मिलेगा। उन्हें खेत के पास भंडारण की सुविधा मिलेगी। देश के अन्य हिस्सों में छात्रों को जो सुविधाएं मिलती हैं, यदि वही सुविधाएं बिहार को मिले तो यहां के युवा काफी आगे जा सकते हैं। बिहार में इसी सोच को लेकर मेडिकल-इंजीनियरिंग कॉलेज और एम्स खोले जा रहे हैं। बिहार को नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति से जोड़ा जा रहा है। अब गरीब मां का बेटा भी डॉक्टर-इंजीनियर बन सकता है। बिहार की इस गौरवशाली धरती को आत्मनिर्भर भारत बनाने में योगदान देना है।

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Ghanshyam Chandra Joshi

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