जिलाधिकारी ने मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना को जिले में बृहद स्तर पर लागू करके जिले के अधिकांश युवाओं को योजना में आच्छाादित करने के संबंध में अधिकारियों की बैठक ली
आकाश ज्ञान वाटिका, मंगलवार, 23 जून 2020, देहरादून (जि.सू.का.)। जिलाधिकारी डॉ0 आशीष कुमार श्रीवास्तव ने मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना को जिले में बृहद स्तर पर लागू करके जिले के अधिकांश युवाओं को योजना में आच्छाादित करने के संबंध में अधिकारियों की बैठक ली। जिलाधिकारी ने कहा कि कोरोना संक्रमण अवधि में अपनी आजीविका को छोड़ देहरादून लौटे प्रवासियों को फिर से आर्थिक रूप से सबल बनाने, उद्यमशील युवाओं एवं स्थानीय नागरिकों की आर्थिक स्थिति को पुनः सशक्त बनाने के लिए जरूरी है कि योजना का लाभ प्रत्येक जरूरतमंद तक पहुँचे। कुशल एवं अकुशल दस्तकारों एवं हस्तशिल्पियों तथा शिक्षित शहरी व ग्रामीण बेरोजगारी को स्वंय का रोजगार उपलब्ध कराते हुए आत्मनिर्भर बनाना होगा।
बैठक में उन्होंने महाप्रबंधक उद्योग, कृषि, उद्यान, डेयरी विकास, मत्स्य, पयर्टन से सम्बंधित विभागों को लाभार्थियों को चिन्हित करने के निर्देश देते हुए कहा कि विकासखण्ड कालसी एवं चकराता जैसे ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि और उनसे सम्बन्धित उद्यान, पशुपालन, डेयरी, मत्स्य आदि विभाग समेकित रूप से अपनी योजनाओं का कलस्टर आधार पर क्रियान्वयन करें, जिससे बेहतर परिणाम प्राप्त हो सकें। उन्होंने कहा कि आवेदक व्यक्ति को स्वयं के उद्यम/व्यवसाय की स्थापना करने के लिए राष्ट्रीयकृत बैंक/अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों, राज्य सहकारी बैंकों/क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के माध्यम से ऋण उपलब्ध कराया जाय। साथ ही कहा कि योजना के सम्बंध में कोई भी जानकारी तथा मार्गदर्शन जिला उद्योग केन्द्रों के माध्यम से लगातार कराया जाता रहे।
जिला उद्योग केंद्र महाप्रबंधक शिखर सक्सेना ने प्रेजेंटेशन के माध्यम से योजना की जानकारी देते हुए कहा कि ‘मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना’’ के अन्तर्गत स्वरोजगार हेतु किसी सेवा, व्यवसाय तथा सूक्ष्म उद्यमों की स्थापना कर ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में रोजगार के अवसरों का सृजन, युवा उद्यमियों, उत्तराखण्ड के ऐसे प्रवासी जो कोविड-19 के कारण राज्य में वापस आये हैं को यथासम्भव उनके आवासीय स्थल के पास रोजगार के अवसर सुलभ कराना है तथा पर्वतीय व ग्रामीण क्षेत्रों से नौकरी की खोज में होने वाले पलायन को रोकना है।
योजना के अंतर्गत राष्ट्रीयकृत बैंकों, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों, राज्य सहकारी बैंकों व अन्य बैंकों के माध्यम से पात्र विनिर्माणक, सेवा व व्यावसायिक गतिविधियों की स्थापना के लिए वित्त पोषण किया जाएगा जिसके सापेक्ष सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग द्वारा योजनान्तर्गत मार्जिन मनी की धनराशि अनुदान के रूप में उपलब्ध करायी जाएगी।
विनिर्माण क्षेत्र के उद्यम के लिए परियोजना की अधिकतम लागत रूपये 25 लाख रू० तथा सेवा व व्यवसाय क्षेत्र के लिए अधिकतम लागत रूपये 10 लाख रू० होगी। योजना के अंतर्गत एम.एस.एम.ई. नीति-2015 में वर्गीकृत श्रेणी ए में मार्जिन मनी की अधिकतम सीमा व मात्रा कुल परियोजना लागत का 25 प्रतिशत तथा श्रेणी बी में कुल परियोजना लागत का 20 प्रतिशत तथा श्रेणी सी व डी में कुल परियोजना लागत का 15 प्रतिशत मार्जिन मनी के रूप में देय होगी।
उद्यम के 2 वर्ष तक सफल संचालन के उपरान्त मार्जिन मनी अनुदान के रूप में समायोजित की जाएगी। सामान्य श्रेणी के लाभार्थियों द्वारा लागत का 10 प्रतिशत स्वयं के अंशदान के रूप में बैंक में जमा करना होगा तथा अनुसूचित जाति, जनजाति, ओबीसी, अल्पसंख्यक, भूतपूर्व सैनिक, महिला एवं दिव्यांगजन लाभार्थियों को कुल परियोजना का 5 प्रतिशत जमा करना होगा।
अवगत कराया कि ‘‘मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना’’ हेतु आवेदक की आयु न्यूनतम 18 वर्ष होनी चाहिए, शैक्षिक योग्यता की बाध्यता नहीं है। आवेदक किसी भी राष्ट्रीयकृत बैंक/वित्तीय संस्था/सहकारी बैंक आदि का डिफाॅल्टर नहीं होना चाहिए तथा विगत 5 वर्ष के भीतर भारत सरकार या राज्य सरकार द्वारा संचालित किसी अन्य स्वरोजगार योजना का पूर्ण लाभ प्राप्त नहीं किया गया हो, किन्तु 5 वर्ष पूर्व किसी स्वरोजगार योजना में लाभ प्राप्त किया गया है और आवेदक डिफाॅल्टर नहीं है, तो वह अपने उद्यम के विस्तार के लिए योजनान्तर्गत वित्त पोषण प्राप्त कर सकता है। योजनान्तर्गत आवेदक को केवल एक बार ही लाभान्वित किया जाएगा। अधिक आवेदन प्राप्त होने पर प्रोजेक्ट विजीबिलटी देखते हुए पहले आओ पहले पाओ के आधार पर चयन किया जाएगा। आवेदक द्वारा अपना आवेदन जनपद के महाप्रबन्धक जिला उद्योग केन्द्र को प्रस्तुत करना होगा। योजना का क्रियान्वयन जिला स्तर पर जिला उद्योग केन्द्र द्वारा किया जाएगा। लाभार्थी का चयन जिला कार्यदल समिति के माध्यम से किया जाएगा।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी श्रीमती नितिका खंडेलवाल, भारतीय रिजर्व बैंक के एजीएम एम एल जोशी, नाबार्ड के डीडीएम अजय कुमार सोनी, मुख्य कृषि अधिकारी विजय देवराडी, मुख्य उद्यान अधिकारी डॉ० मीनाक्षी जोशी, परियोजना निदेशक डीआरडीए विक्रम सिंह, जिला समाज कल्याण अधिकारी हेमलता पांडे, मुख्य पशुपालन अधिकारी डॉ एस पी पांडे, जिला अग्रणी बैंक प्रबंधक संजय भाटिया आदि उपस्थित थे।