Breaking News :
>>पीएम से सराहना देवभूमि के लिए गौरव की बात- रेखा आर्या>>राष्ट्रीय खेलों पर देश ने सुनी पीएम के ‘मन की बात’>>दिल्ली की पूर्व सीएम आतिशी विधानसभा में निभाएंगी विपक्ष के नेता की भूमिका, गोपाल राय ने की औपचारिक घोषणा>>एक्शन से भरपूर विज्ञापन में साथ दिखे सलमान खान और ऋतिक रोशन, यूजर्स दे रहे तरह- तरह की प्रतिक्रिया >>प्रधानमंत्री मोदी के ‘मन की बात’ कार्यक्रम पूरे देश वासियों को एक नई प्रेरणा देता है – सीएम धामी>>अलग अंदाज में खेलना चाहते हैं होली, तो इन जगहों के बारे में जानिए जहां की होली है दुनियाभर में प्रसिद्ध >>आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी के महामुकाबले का मंच तैयार, भारत और पाकिस्तान की टीमें आज होंगी आमने-सामने >>यूसीसी को लेकर भ्रामक तथ्यों के प्रचार पर स्पष्टीकरण एवं कानूनी चेतावनी>>मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने साइकिल रैली से दिया मतदाता जागरुकता का संदेश>>राज्य आर्थिक रूप से सशक्त हो रहा और विकास के नए आयाम गढ़ रहा – मुख्यमंत्री धामी >>पत्नी के सामने पीट-पीटकर की पति की हत्या, डंडों और एसएस पाइपों से पीटने के साथ ही निकाल दी दोनों आंखे >>इंटरनेशनल मास्टर्स लीग 2025 का आज से होने जा रहा आगाज, पहले मुकाबले में इंडिया मास्टर्स से भिड़ेगी श्रीलंका मास्टर्स>>टिहरी के थत्यूड़ में दो भाईयों की कार हुई हादसे का शिकार, एक की मौके पर ही मौत >>तस्करों ने वन दारोगा पर किया हमला, बंदूक तोड़कर लूटे कारतूस, हमलावरों की तलाश शुरू>>प्रधानमंत्री मोदी मॉरीशस के राष्ट्रीय दिवस समारोह में बतौर मुख्य अतिथि होंगे शामिल>>अपने बयान के लिए वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने प्रकट किया खेद>>अर्जुन कपूर अभिनीत फिल्म ‘मेरे हसबैंड की बीवी’ की सिनेमाघरों में हुई धीमी सुरुआत, पहले दिन कमाए एक करोड़ 13 लाख>>विधानसभा में भू-कानून को अधिक सशक्त करते हुए ऐतिहासिक संशोधन विधेयक किया पास>>क्या आपको भी रहती है लंबे समय तक हिचकी की समस्या, तो जान लीजिये कहीं ये किसी गंभीर बीमारी का संकेत तो नहीं>>मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने 7वें काॅमन रिव्यू मिशन की बैठक में किया प्रतिभाग 
देश

किसी भी कैप्टन से क्यों नहीं बनती सिद्धू की, क्या हार के लिए सिर्फ वही जिम्मेदार?

पंजाब सरकार में मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू की मुश्किलें और भी ज्यादा बढ़ गई हैं क्योंकि पंजाब कांग्रेस का एक बड़ा धड़ा उनसे नाराज चल रहा है। पंजाब कांग्रेस का मानना है कि कांग्रेस को पंजाब के अलावा जहां पर भी हार का मुंह देखना पड़ा है उसके लिए सिद्धू ही जिम्मेदार हैं। इतना ही नहीं नाराजगी उस समय और भी ज्यादा बढ़ गई जब कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कैबिनेट की बैठक बुलाई थी और इस बैठक में सिद्धू शामिल नहीं हुए।

 

बैठक बलाने का उद्देश्य चुनाव के वक्त विधायकों की भूमिका एवं राज्य में कामकाज को लेकर चर्चा थी। हालांकि सिद्धू नहीं आए तो मुख्यमंत्री अमरिंदर ने उनका मंत्रालय बदल दिया और महत्वपूर्ण स्थानीय निकाय विभाग का जिम्मा वापस लेकर उन्हें ऊर्जा विभाग की कमान दे दी गई। विभागों के फेरबदल होने के बाद एक बार फिर सिद्धू ने संवाददाताओं से बातचीत की और कहा कि कुछ लोग मुझे पार्टी से बाहर निकालना चाहते हैं। इसीलिए हार की जिम्मेदारी ये लोग मेरे ऊपर थोपने में लगे हुए हैं।

सिद्धू ने एक बार फिर सामूहिक हिस्सेदारी की बात की। उन्होंने अपने बयान के जरिए यह बताना चाहा कि पार्टी ने उन्हें अकेला कर दिया है। एक तरफ सिद्धू तो दूसरी तरफ कैप्टन अमरिंदर और उनके साथ पंजाब कांग्रेस। जहां देशभर में हार के लिए सामूहिक जिम्मेदारी की बात हो रही है। वहीं पंजाब में सिर्फ एक मंत्री जिम्मेदार कैसे हो सकता है अगर जिम्मेदार ठहराना ही था तो कम से कम 2-3 विभागों का फेरबदल होना चाहिए। राजनीतिक विशेषज्ञ इसे आपसी लड़ाई के तौर पर देख रहे हैं।

सिद्धू ने कहा कि मेरे अलावा बाकियों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है? पंजाब में कांग्रेस के प्रदर्शन पर एक नजर डालें तो 13 लोकसभा सीटों वाले प्रदेश में पार्टी ने 8 सीटें जीती हैं, जबकि 542 सीटों पर लड़ी गए चुनाव में कांग्रेस को महज 52 सीटें ही हासिल हुईं। ऐसे में आप सब इस बात का अंदाजा लगा सकते हैं कि पंजाब में कांग्रेस का प्रदर्शन बेहतर रहा। जब प्रदर्शन बेहतर रहा तो सिद्धू को विलेन क्यों बनाया जा रहा है?

सिद्धू का कैप्टन के साथ विवाद का रहा है पुराना रिश्ता

कैप्टन से बात सिर्फ पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की ही नहीं हो रही है। क्रिकेट जगत से लेकर राजनीति तक में अपने बयानों से दुश्मनों के छक्के छुड़ा देने वाले सिद्धू का रिश्ता कैप्टन के साथ हमेशा से विवादों में बना रहा। एक समय जब सिद्धू का क्रिकेट करियर ऊंचाईयों पर था तो उस वक्त इंग्लैंड में भारतीय टीम सीरीज खेलने गई और सिद्धू सीरीज को बीच में छोड़कर वापस स्वदेश आ गए। इसकी वजह सिद्धू का भारतीय टीम के कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन के साथ हुए विवाद को बताया गया। यहां तक की सिद्धू ने अजहरुद्दीन पर अत्याचार और बुरा व्यवहार करने का आरोप भी लगाया था।

 

वक्त ने पासा इस तरह पलटा कि मोहम्मद अजहरुद्दीन और नवजोत सिंह सिद्धू दोनों ही राजनीति में उतर आए। नवजोत सिंह सिद्धू का राजनीतिक जीवन में विवाद साल 2014 में शुरू हुआ। जब भारतीय जनता पार्टी ने पंजाब के अमृतसर से अरुण जेटली को अपना उम्मीदवार मनाया और फिर सिद्धू नाराज हो गए। सिद्धू की नाराजगी इतनी ज्यादा बढ़ गई कि उन्होंने भाजपा से इस्तीफा देकर कांग्रेस का दामन थाम लिया और कैप्टन के करीब पहुंचने लगे और इसी के साथ विवाद भी बढ़ने लगा।

Loading

Ghanshyam Chandra Joshi

AKASH GYAN VATIKA (www.akashgyanvatika.com) is one of the leading and fastest going web news portal which provides latest information about the Political, Social, Environmental, entertainment, sports etc. I, GHANSHYAM CHANDRA JOSHI, EDITOR, AKASH GYAN VATIKA provide news and articles about the abovementioned subject and am also provide latest/current state/national/international news on various subject.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!