उत्तराखंड में मैदान से लेकर पहाड़ तक मौसम का मिजाज बदला, 28 फरवरी के बाद फिर चढ़ेगा पारा
आकाश ज्ञान वाटिका, 22 फ़रवरी 2023, बुधवार, देहरादून। पंजाब से होकर गुजर रहे पश्चिमी विक्षोभ के हल्के प्रभाव और उत्तर-पश्चिमी ठंडी हवाओं ने एक बार फिर उत्तराखंड में मैदान से लेकर पहाड़ तक मौसम का मिजाज बदल दिया है। मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक विक्रम सिंह के मुताबिक अगले तीन-चार दिनों तक उत्तर-पश्चिमी हवाओं की सक्रियता के चलते गर्मी से थोड़ी राहत रहेगी। मैदान से लेकर पहाड़ तक तापमान में तीन से चार डिग्री की गिरावट देखने को मिलेगी।
25 और 26 फरवरी को एक बार फिर मैदान से लेकर पहाड़ तक तेज हवाओं के साथ हल्की बारिश होने की संभावना है। हालांकि, 28 फरवरी के बाद दक्षिणी-पूर्वी हवाओं के दबाव के चलते एक बार फिर गर्मी का दौर देखने को मिलेगा।
मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक फरवरी माह में इस साल बेहद कम बारिश हुई है। आंकड़ों पर नजर डाले तो फरवरी माह में जहां 44.7 मिलीमीटर सामान्य बारिश होनी चाहिए थी, वहीं पूरे राज्य में 2.5 मिलीमीटर औसत बारिश हुई है।
मंगलवार को मैदान से लेकर पहाड़ तक पूरे दिन जबरदस्त गर्मी रही
मंगलवार को राजधानी दून समेत जिले के ऊंचाई वाले इलाकों मसूरी, चकराता जैसे इलाकों में तेज हवाओं के साथ बारिश हुई। वहीं उत्तरकाशी, चमोली, टिहरी जैसे पर्वतीय जिलों में भी तेज हवाओं के साथ बारिश का दौर देखने को मिला। इससे तापमान में भी गिरावट दर्ज की गई है।
मौसम विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक मंगलवार को मैदान से लेकर पहाड़ तक पूरे दिन जबरदस्त गर्मी रही। राजधानी दून में जहां अधिकतम तापमान 29.8 डिग्री दर्ज किया गया जो सामान्य से सात डिग्री अधिक रहा। वहीं न्यूनतम तापमान भी 13.3 डिग्री तक पहुंच गया जो सामान्य से पांच डिग्री डिग्री अधिक रहा।
इसके अलावा पंतनगर में अधिकतम तापमान 28.8 डिग्री और न्यूनतम तापमान 12.6 डिग्री, मुक्तेश्वर में अधिकतम तापमान 20.6 डिग्री और न्यूनतम तापमान 8.7 डिग्री, टिहरी में अधिकतम तापमान 21.4 डिग्री और न्यूनतम तापमान 11.2 डिग्री दर्ज किया गया।
मंगलवार को मसूरी में अचानक मौसम का मिजाज बदला
मसूरी में पिछले एक सप्ताह से तापमान में लगातार बढ़ोतरी देखने को मिल रही थी। मंगलवार को अचानक मौसम का मिजाज बदला और शहर में घने बादलों के साथ कोहरा छा गया। इससे लोगों को ठंड का एहसास हुआ। शाम तक यही स्थिति रही और फिर रात करीब 8:00 बजे जोरदार बारिश के साथ ओले बरस पड़े। इससे ठंड में इजाफा हो गया और लोगों को गर्म कपड़े निकालने पड़े।