Breaking News :
>>38वें राष्ट्रीय खेलों के दृष्टिगत शासन ने जारी किया संशोधित शासनादेश>>भारतीय संस्कृति और परंपराएं गुयाना में फल-फूल रही है- प्रधानमंत्री>>गंगा किनारे अश्लील वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल करने वाले युवक- युवती पर मुकदमा दर्ज >>डिजाइनर सूट पहन रकुल प्रीत सिंह ने दिखाई दिलकश अदाएं, एक्ट्रेस की हॉटनेस देख फैंस हुए घायल>>कृषि मंत्री गणेश जोशी ने 28वी आई०सी०ए०आर० क्षेत्रीय समिति-प्रथम की बैठक में वीडियो कान्फ्रेंसिग के माध्यम से किया प्रतिभाग>>….तो अब मसूरी को मिलेगी जाम के झाम से निजात>>ठंड में घुटने के दर्द से परेशान हैं? राहत पाने के लिए रोजाना 15 मिनट करें ये एक्सरसाइज>>मंत्री रेखा आर्या ने सुनी सस्ता गल्ला राशन डीलर्स की समस्याएं>>मेले में योगदान देने वाले कर्मी और छात्र -छात्राओं का हुआ सम्मान>>जलवायु संकट अभी भी मुद्दा नहीं>>उत्तराखण्ड नगर निकाय चुनाव की अधिसूचना जल्दी जारी होगी>>प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को डोमिनिका के सर्वोच्च राष्ट्रीय पुरस्कार से किया गया सम्मानित>>कल से शुरू होगा भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच पहला टेस्ट, जाने मैच से जुडी बातें>>मुख्यमंत्री धामी ने सौंग बाँध परियोजना पर विस्थापन की कार्यवाही जल्दी करने के दिए निर्देश>>दूनवासियों के लिए खतरा बनी हवा, चिंताजनक आँकड़े निकलकर आए सामने>>फिल्म कांतारा : चैप्टर 1 की रिलीज डेट आउट, 2 अक्टूबर 2025 को सिनेमाघरों में दस्तक देगी फिल्म>>उत्तराखण्ड बन रहा है खिलाड़ियों के लिए अवसरों से भरा प्रदेश : खेल मंत्री रेखा आर्या>>सर्दियों में टूटने लगे हैं बाल नारियल तेल से करें मालिश, बालों को मिलेगा पर्याप्त पोषण>>केदारनाथ विधानसभा के प्रत्याशियों की तकदीर ईवीएम में हुई कैद>>क्रेश बैरियरों की खराब स्थिति को लेकर महाराज ने रोष जाहिर किया
सम्पादकीय

हर जगह मौसम की मार

आकाश ज्ञान वाटिका, 16 जुलाई 2023, रविवार, देहरादून। जलवायु परिवर्तन के मद्देनजर संदेश यह है कि मानव समाज को एक नजरिए से सोचना चाहिए। लेकिन यह संदेश सुनने के लिए ज्यादातर देश और समाज तैयार नहीं हैं। नतीजा है कि सभी अलग-अलग चरम रूप लेते मौसम की मार झेल रहे हैं। जलवायु परिवर्तन का असर एक बार फिर यही जाहिर कर रहा है कि कुदरत किन्हीं सरहदों का ख्याल नहीं करती। भारत, चीन और पाकिस्तान वैसे तो अलग-अलग देश हैं और भारत का बाकी दोनों देशों से रिश्ता भी अच्छा नहीं है, लेकिन अगर प्राकृतिक आपदा की बात करें, तो तीनों देश इस समय समान रूप से असामान्य मौसम की मार झेल रहे हैं। भारत और पाकिस्तान असाधारण अति-वृष्टि से प्रभावित हुए हैं, जबकि चीन के कई इलाकों में असामान्य रूप से अत्यधिक गर्मी पड़ रही है। वैसे अगर हम पूरे भूमंडल पर ध्यान ले जाएं, तो ऐसी मौसमी घटनाओं का प्रभाव लगभग हर जगह और अब तो लगभग हर वक्त नजर आएगा।

इस परिघटना का संदेश है कि कम से कम जलवायु परिवर्तन की चुनौती के मद्देनजर पूरे मानव समाज को एक नजरिए से सोचना चाहिए। लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण यह है कि यह संदेश सुनने के लिए ज्यादातर देश और समाज तैयार नहीं हैं। नतीजा है कि सभी अलग-अलग चरम रूप लेते मौसम की मार झेल रहे हैं। पिछले कुछ दिनों में उत्तर भारत कई उन इलाकों में एकबारगी से उतनी अधिक बारिश हुई है, जहां पहले हाल वर्षों में लोग मानसूनी वर्षा के लिए भी तरसते रहते थे। इससे हिमाचल प्रदेश से लेकर दिल्ली और उत्तर प्रदेश तक में जल-भराव और विध्वंस का नजारा देखने को मिला है, जबकि अनेक लोगों की जान भी चली गई है। उधर पाकिस्तान के कई हिस्सों में पिछले कुछ दिनों से हो रही जोरदार बारिश ने लोगों के मन में पिछले साल की डरावनी यादें ताजा कर दी हैं।

पाकिस्तान के नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट ऑथरिटी के मुताबिक जून के आखिरी हफ्ते से लेकर अब तक मानसून के कहर से 80 से ज्यादा लोगों की जान चली गई है। कई इलाकों में लोग जल जमाव के कारण घिरे हुए हैं।  विशेषज्ञों ने दो टूक कहा है कि पाकिस्तान में पिछले साल हुई तबाही का कारण जलवायु परिवर्तन था। इस बार भी मौसम का वैसा ही रूप देखकर स्वाभाविक है कि लोग डरे हुए हैँ। लेकिन असल सवाल है कि क्या बार-बार पड़ रही ऐसी मार से अब कोई सबक लिया जाएगा?

Loading

Ghanshyam Chandra Joshi

AKASH GYAN VATIKA (www.akashgyanvatika.com) is one of the leading and fastest going web news portal which provides latest information about the Political, Social, Environmental, entertainment, sports etc. I, GHANSHYAM CHANDRA JOSHI, EDITOR, AKASH GYAN VATIKA provide news and articles about the abovementioned subject and am also provide latest/current state/national/international news on various subject.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!