उत्तर प्रदेश: बीजेपी विधायक वीरेंद्र सिंह सिरोही का निधन, सांत्वना देने घर पहुंचे सीएम योगी
भाजपा सदर विधायक व पूर्व मंत्री वीरेन्द्र सिंह सिरोही का सोमवार तड़के निधन हो गया। वह काफी दिनों से बीमार थे और दिल्ली के निजी अस्पताल में भर्ती थे। उनका पार्थिव शरीर प्रीत बिहार स्थित उनके आवास पर अंतिम दर्शन के लिए रखा गया। इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वीरेन्द्र सिंह के घर पहुंच कर श्रद्धांजलि दी। इससे पहले निधन का समाचार मिलते ही सीएम योगी ने उनके बेटे को फोन पर सांत्वना दी। श्रद्धांजलि देने लिए गन्ना मंत्री सुरेश राणा, सांसद भोला सिंह, सभी विधायक और अधिकारी भी पहुंचे।
सीएम योगी ने कहा कि प्रभु श्री राम से प्रार्थना करता हूं कि उनको अपने श्री चरणों मे स्थान दें और शोक संतप्त परिवारीजन को इस दारुण दुख को सहन करने का संबल प्रदान करें। शोक संदेश में मुख्यमंत्री ने कहा कि वीरेंद्र सिंह सिरोही एक लोकप्रिय जनप्रतिनिधि थे। वह सदैव अपने क्षेत्र के विकास के लिए तत्पर रहते थे। समाज के गरीब और कमजोर व्यक्तियों के उत्थान के लिए वह हमेशा प्रयत्नशील रहते थे। उनके निधन से जनता ने अपना एक सच्चा हितैषी और पार्टी ने एक सम्पर्पित नेता खो दिया है।
वीरेन्द्र सिंह सिरोही का पैतृक गांव घनसूरपुर जो स्याना विधानसभा क्षेत्र में आता है। सियासत का ककहरा उन्होंने लोकदल पार्टी में पूर्व प्रधानमंत्री स्व चौधरी चरण सिंह से सीखा। करीब बीस साल तक लोकदल का झंड़ा उठाने के बाद सिरोही ने दल बदला और भाजपा में आ गए। वर्ष 1996 में पहली बार अगौता विधानसभा का चुनाव लड़ा और सामाजवादी पार्टी के किरणपाल सिंह को हराया। सपा के कद्दावर नेता को हराने के बाद मुख्यमंत्री कल्याण सिंह ने अपनी सरकार में राजस्व मंत्री से नवाजा। इसके बाद वीरेन्द्र सिंह ने 2007 में फिर से अगौता सीट से ही अपनी किस्मत आजमाई और किरणपाल सिंह को फिर हराया।
परिसीमन के बाद अगौता विधानसभा समाप्त हुई तो इन्होंने 2012 में सदर सीट से चुनाव लड़ा लेकिन जीत नहीं मिल सकी। इसके बाद 2017 के चुनाव में बसपा के कद्दावर नेता हाजी अलीम को हराकर फिर से विधानसभा पहुंचे। वह पिछले काफी समय से बीमार चल रहे थे। नौ फरवरी से दिल्ली के अस्पताल में भर्ती थे। अंतिम संस्कार शहर में काली मंदिर के पास श्मशान घाट में किया जाएगा। परिवार में पत्नी और दो बेटे विनय व दिग्विजय हैं।