केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आज जाएंगे लखनऊ, तीन कार्यक्रम में होंगे शामिल
आकाश ज्ञान वाटिका, 17 दिसम्बर 2021, शुक्रवार, लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी के चाणक्य माने जाने वाले अमित शाह का करीब एक महीने के अंतराल पर शुक्रवार को लखनऊ का दौरा है। नरेन्द्र मोदी सरकार में गृह तथा सहकारिता मंत्री अमित शाह लखनऊ में सहकार भारती के सातवें वार्षिक सम्मेलन में शामिल होने के साथ भाजपा और निषाद पार्टी की संयुक्त रैली को संबोधित करेंगे। इन तीनों कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी शामिल होंगे।
भारतीय जनता पार्टी अपने सहयोगी दल निषाद पार्टी के साथ ‘सरकार बनाओ, अधिकार पाओ’ रैली को संबोधित करेंगे अमित शाह
भारतीय जनता पार्टी अपने सहयोगी दल निषाद पार्टी के साथ शुक्रवार को लखनऊ में संयुक्त रैली करने जा रही है। रमाबाई अंबेडकर मैदान में होने वाली ‘सरकार बनाओ, अधिकार पाओ’ रैली काफी अहम मानी जा रही है। इसमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा, केशव प्रसाद मौर्य व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव ङ्क्षसह, निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद के साथ मंच पर मौजूद रहेंगे। विधान सभा चुनाव 2022 को देखते हुए बड़े दल कई छोटे दलों को साथ ला रहे हैं। भाजपा ने भी निषाद पार्टी के साथ गठबंधन किया है। ऐसा माना जा रहा है कि भाजपा इस संयुक्त निषाद रैली के माध्यम से प्रदेश में लगभग चार प्रतिशत आबादी वाले निषाद-मछुवारा मतदाताओं को साधते हुए प्रदेश के लगभग 115 सीटों पर इनके प्रभाव का फायदा उठाना चाह रही है। इस संयुक्त रैली से भाजपा का प्रयास समाजवादी पार्टी के अनेक छोटे दलों के साथ गठबंधन के प्रभाव को भी कम करने का है।
विधानसभा चुनाव 2017 और लोकसभा चुनाव 2019 में भाजपा ने प्रदेश में जिस प्रकार से जीत हासिल की, उसमें निषाद समुदाय की भूमिका भी अहम है। निषाद मतदाताओं को साधने के लिए आयोजित इस संयुक्त रैली में भाजपा नेता निषाद समुदाय के लिए राज्य में किए गए महत्वपूर्ण कार्यों की जानकारी देंगे। कयास लगाया जा रहा है कि रैली में गृह मंत्री अमित शाह निषाद-मछुवारा समुदाय के लिए कुछ बड़ी घोषणाएं भी कर सकते हैं।
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह करेंगें 155 करोड़ रूपये की परियोजनाओं का लोकार्पण
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में उप्र राज्य भंडारण निगम एवं उप्र को-ऑपरेटिव बैंक की 155 करोड़ रूपये की परियोजनाओं का लोकार्पण करेंगें।
सहकार भारती के तीन दिनी सातवें राष्ट्रीय अधिवेशन
गृह मंत्री अमित शाह शुक्रवार को राजकीय पालीटेक्निक फैजाबाद रोड सहकारिता क्षेत्र को तेजी से गतिमान करने के लिए विचार मंथन के लिए आयोजित की जा रही गोष्ठी में शामिल होंगे। सहकार भारती देश में लम्बे समय से सहकारिता को बढ़ाने के लिए सतत प्रयत्नशील है। सहकार भारती के तीन दिनी सातवें राष्ट्रीय अधिवेशन का शुभारंभ केंद्रीय सहकारिता व गृह मंत्री अमित शाह करेंगे। इसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ विशिष्ट अतिथि होंगे।
देशभर से जुटने वाले संगठन के सैकड़ों पदाधिकारी व सहकारीजन के बीच नई सहकारी नीति के मसौदे व अन्य जरूरी नीतियों पर विचार-विमर्श होगा। सहकार भारती के संस्थापक सदस्य रहे पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सतीश मराठे जो इस समय भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) के निदेशक होने के साथ ही राष्ट्रीय आवासीय बैंक (एनएचबी) के निदेशक मंडल के सदस्य हैं ने बताया कि देश की सहकारी नीति दो दशक पुरानी है। इसमें कुछ अनुपयोगी हो चुके नियमों व बिंदुओं को हटाया जाना जरूरी है, इसीलिए नेशनल कोआपरेटिव पालिसी पर विस्तृत चर्चा की जाएगी और नई पालिसी का मसौदा तैयार कर सरकार से उसे लागू करने की मांग की जाएगी।
उन्होंने बताया कि एग्रो प्रोसेसिंग, फूड प्रोसेसिंग, बैंकिंग-फाइनेंस, उद्यमिता के सेक्टर में बढ़ते स्कोप को देखते हुए उसमें सहकारिता को बढ़ावा देने के लिए नेशनल कोआपरेटिव ट्रेनिंग एंड कैपेसिटी बिल्डिंग पालिसी के निर्माण पर बात होगी, ताकि इन क्षेत्रों में कुशल सहकारी जन तैयार हो सकें। ऐसे ही एग्रो प्रोसेसिंग व फूड प्रोसेसिंग के क्षेत्रों के बढ़ते दायरे को देखते हुए इनके लिए पालिसी बनाए जाने की मांग की जाएगी। कोआपरेटिव को सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) का दर्जा दिए जाने की मांग भी अधिवेशन में उठाई जाएगी, क्योंकि इसके बिना वर्तमान में सहकारिता का कोई औचित्य और लाभ नहीं है। दो माह पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 64 हजार करोड़ के बजट वाला प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन (पीएमएबीएचआइएम) लांच किया है। इस सेक्टर में सहकारिता को बढ़ाने की योजना बनाने के साथ मैन्युफैक्चरिंग, इंश्योरेंस-म्यूचुअल फंड सेक्टर में कोआपरेटिव के विस्तार की भूमिका बनेगी।
सातवां अधिवेशन चार सूत्रीय एजेंडे के साथ आयोजित हो रहा है। ये चार बिंदु नई नेशनल कोआपरेटिव पालिसी पर मंथन, नेशनल कोआपरेटिव ट्रेनिंग एंड कैपेसिटी बिल्डिंग पालिसी पर चर्चा, एग्रोप्रोसेसिंग व फूड प्रोसेसिंग सेक्टर के लिए पालिसी बनाए जाने और कोआपरेटिव को एमएसएमई का दर्जा दिये जाने की मांग व मैन्युफैक्चरिंग, इंश्योरेंस-म्यूचुअल फंड के क्षेत्रों में भी कोआपरेटिव बनाए जाने का रोडमैप तैयार होगा।
सहकार भारती के प्रदेश प्रचार प्रमुख सचिन शुक्ल ने बताया कि संगठन का राष्ट्रीय अधिवेशन हर तीन वर्ष पर होता है। जिसमें नए राष्ट्रीय अध्यक्ष की घोषणा के साथ नई राष्ट्रीय कार्यकारिणी तैयार किया जाना शामिल है। इसी कार्यक्रम में प्रदेश के भी नए पदाधिकारी घोषित होंगे।