जिलाधिकारी अभिषेक रुहेला की अध्यक्षता में वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम को लेकर सीमांत गाँव हर्षिल एवं झाला के ग्रामीणों के साथ आयोजित की गई बैठक
जिलाधिकारी ने ग्रामीणों के साथ बैठक कर सीमांत गाँव में बुनियादी ढाँचे को औऱ मजबूत किए जाने को लेकर उनके सुझाव लिए
आज सीमांत गाँव के ग्रामीणों के साथ बैठक कर उनकी महत्वाकांक्षाओं को सुना गया : जिलाधिकारी
आकाश ज्ञान वाटिका, शनिवार, 20 मई 2023, हर्षिल/उत्तरकाशी। वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम के तहत सीमावर्ती गाँवों को सशक्त बनाने की कवायद जनपद में शुरू हो गई है। शनिवार को सीमांत गाँव हर्षिल एवं झाला में जिलाधिकारी अभिषेक रुहेला की अध्यक्षता में वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम को लेकर ग्रामीणों के साथ बैठक आयोजित की गई। जिसमें जनपद के सभी आला अधिकारी उपस्थित रहे। वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम में शामिल गैर आबाद नेलांग, जादूँग एवं धराली, मुखबा, हर्षिल, सुखी, झाला, जसपुर, पुराली, बगोरी सीमांत गाँव में बिजली, पानी, सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य, संचार जैसी मूलभूत सुविधाओं का विस्तार करने एवं आजीविका विकास पर मुख्य रूप से जोर दिया गया।
जिलाधिकारी ने ग्रामीणों के साथ बैठक कर सीमांत गाँव में बुनियादी ढाँचे को औऱ मजबूत किए जाने को लेकर उनके सुझाव लिए ताकि वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम को लेकर बेहतर कार्य योजना बनाई जा सके। सीमांत गाँव को पर्यटन का हब बनायें जाने को लेकर विभिन्न ट्रेक रूट यथा क्यारकोटी से हिमाचल ट्रेक रूट, अवाना, सातताल आदि ट्रेक रूट सुधारीकरण के कार्य किए जाने एवं रिवर राफ्टिंग समेत अन्य कार्यों को विकसित करने हेतु ग्रामीणों द्वारा सुझाव दिए गए, ताकि बाहर से आने वाले पर्यटक यहाँ की संस्कृति, संवेदनाओं और कठिनाइयों को समझ सकेंगे। पर्यटन के दृष्टिगत नेलांग, जादूँग में विद्युतीकरण किए जाने एवं पीएचसी हर्षिल, कोल्ड स्टोर झाला का अपग्रेडेशन, सुखी टॉप से जांगला सड़क मार्ग समेत अन्य आंतरिक सड़क मार्ग को भी प्रस्ताव में शामिल करने का सुझाव दिया गया। ग्रामीणों द्वारा बगोरी में ऊन स्टोर बनाएं जाने एवं कौशल विकास प्रशिक्षण आदि का भी सुझाव दिया गया। ग्रामीणों द्वारा खेल के क्षेत्र में बैडमिंटन हाल बनायें जाने पर भी सुझाव दिया गया।
झाला में आयोजित बैठक सीमांत गाँवों में मिनी कोल्ड स्टोर निर्माण, सिविर लाइन, सेब के बगीचे की सामुहिक घेरबाड़, विद्युतीकरण का विस्तारीकरण, पुस्तकालय का निर्माण, छौलमी तक सड़क मार्ग निर्माण, खादरा वाटर फॉल को पर्यटन मानचित्र में सम्मलित करने, सुमेरू पर्वत, बर्मी ताल व कंडारा बुग्याल ट्रेक रूट, जसपुर से पोखरी बुग्याल ट्रेक रूट का निर्माण का सुझाव दिया गया। साथ ही सीमांत गाँव में कई पर्यटक एवं दार्शनिक स्थलों को विकसित करने पर सुझाव दिया गया। स्थानीय संस्कृति के संरक्षण हेतु सेलकु व हाड़दुध मेले को राजकीय मेला घोषित करने एवं केन्द्रीय विद्यालय खोले जाने का भी सुझाव दिया गया। साथ ही सभी आठ गाँव में पार्किंग व्यवस्था, स्ट्रीट लाइट, बेंचेज एवं जल निकासी की व्यवस्था का भी सुझाव दिया गया। छोटे-छोटे स्कीइंग सेंटर को विकसित करने एवं मिनी स्पोर्ट स्टेडियम बनाने व कछौरा पावर हाऊस का निर्माण पर भी सुझाव दिया गया।
जिलाधिकारी ने कहा कि आज सीमांत गाँव के ग्रामीणों के साथ बैठक कर उनकी महत्वाकांक्षाओं को सुना गया। जीवंत विलेज के रूप में आधारभूत सुविधाओं का विस्तार एवं पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने और स्थानीय संस्कृति को बढ़ावा देने को लेकर अनेक सुझाव प्राप्त हुए। जिसे वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम की रूपरेखा में शामिल करने में मदद मिलेगी।
बैठक में सीडीओ गौरव कुमार, सीएमओ डॉ० रमेशचंद्र सिंह पंवार, एसडीएम चतर सिंह चौहान, परियोजना निदेशक रमेश चंद्र, ईई जल संस्थान बलदेव सिंह डोगरा, विद्युत मनोज गुसाईं, महाप्रबंधक उद्योग शैली डबराल, सीवीओ डॉ० भरतदत्त ढोण्डियाल, जिला पर्यटन विकास अधिकारी जसपाल सिंह चौहान, बीडीओ डॉ० अमित मंमगाई, मंडल अध्यक्ष जितेंद्र सिंह राणा, ग्राम प्रधान हर्षिल दिनेश रावत, ग्राम प्रधान झाला सूरजा देवी, सुखी गाँव रेखा देवी, पुराली बीना देवी, बगोरी सरिता देवी, धराली प्रभा देवी, मुखबा शशिकला सहित स्थानीय ग्रामीण उपस्थित रहे।