पैंगोंग झील के किनारों से पीछे हटे भारत और चीन के सैनिक, कोर कमांडर की 10वें दौर की अहम बातचीत की जाएगी
आकाश ज्ञान वाटिका, 20 फरवरी 2021, शनिवार। भारत और चीन ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर सैन्य टकराव खत्म करने की दिशा में पहला कदम पूरा करते हुए पैंगोंग झील के इलाके से अपने-अपने सैनिकों को पीछे हटा लिया है। दोनों देशों के बीच हुए समझौते के मुताबिक सैनिकों को पीछे हटाने का पहला चरण पूरा होने के बाद शनिवार को भारत और चीन के सैन्य कमांडरों के स्तर पर बातचीत का दौर फिर से शुरू होगा।
- सैन्य कोर कमांडर स्तर की दसवें दौर की यह वार्ता भारत के चुशूल सेक्टर के करीब चीन के मोल्डो में होगी। सैन्य कमांडरों की यह वार्ता बेहद अहम है क्योंकि इसमें पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर टकराव के दूसरे अग्रिम मोर्चों से सैनिकों को हटाए जाने पर चर्चा की जाएगी।
- पैंगोंग इलाके से सैनिकों को हटाने के पहले दौर की प्रक्रिया दोनों देशों ने गुरुवार को ही पूरी कर ली। सूत्रों ने बताया कि फिंगर चार और आठ के बीच टकराव के मोर्चों से टैंकों, भारी सैन्य वाहनों, हथियारों, टेंटों को हटाने के साथ ही वहां बनाए गए अस्थायी निर्माण के ढांचों को चीन ने ध्वस्त कर दिया है। सैन्य टकराव खत्म करने के लिए हुए समझौते के तहत दोनों पक्षों ने जमीनी स्तर पर एक दूसरे के पीछे हटने की जमीनी स्तर पर तस्दीक भी कर ली है। वैसे भी सेना ड्रोन और सेटेलाइट के जरिये चीनी सैनिकों के फिंगर आठ से पीछे जाने की प्रक्रिया की लगातार निगरानी कर रही थी।
- पैंगोंग इलाके से पीछे हटने के बाद चीनी सैनिक समझौते के तहत अब फिंगर आठ के करीब पूरब दिशा की ओर तैनात हो गए हैं। जबकि भारतीय सैनिक फिंगर तीन के पास धन सिंह पोस्ट की अपनी पुरानी जगह पर लौट आए हैं और इस इलाके में अप्रैल, 2020 के पहले की स्थिति बहाल हो गई है। हालांकि भारत और चीन दोनों की सेनाएं पहले की तरह इस इलाके में तब तक गश्त नहीं करेंगी जब तक इसको लेकर समाधान नहीं निकल जाता।
शनिवार को कमांडर स्तरीय बैठक में भारत का नेतृत्व लेह स्थित सेना की 14वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल पीजीके मेनन करेंगे, जबकि चीन की तरफ से उसके दक्षिणी जिनजियांग मिलिट्री डिस्ट्रिक्ट के कमांडर मेजर जनरल लियू लिन इसमें हिस्सा लेंगे।
कमांडर स्तर की दसवें दौर की वार्ता में उम्मीद की जा रही है कि अब डेपसांग, हाट स्प्रिंग और गोगरा इलाके में जारी सैन्य तनातनी के समाधान का रास्ता निकाला जाएगा। पिछले साल मई की शुरुआत में पूर्वी लद्दाख के इलाकों में एलएसी पर चीनी सैनिकों के अतिक्रमण के प्रयासों ने सैन्य टकराव को बीते अगस्त में चरम पर पहुंचा दिया था।
गलवन घाटी में हुए खूनी संघर्ष के बाद अगस्त के आखिर में भारतीय सैनिकों ने कैलाश रेंज में मुखपरी और रेचिन ला इलाके की ऊंची पहाड़ियों पर अपना डेरा जमाकर चीन पर रणनीतिक बढ़त बना ली। चीनी सेना ने इन इलाकों से भारतीय सैनिकों को हटाने के लिए सारे हथकंडे अपनाए और यहां तक कि 45 साल बाद पहली बार चीनी सेना की ओर से हवाई फायरिंग भी की गई। मगर भारतीय सैनिकों की मजबूत बढ़त के आगे उसकी एक न चली और अंतत: वार्ता की टेबल पर आए चीन ने पैंगोंग इलाके से सैनिकों को पीछे हटाने की प्रक्रिया पूरी कर एलएसी के गतिरोध को बातचीत से हल करने का विकल्प अपनाया है।
विदित रहे कि संसद में पैंगोंग इलाके से सैनिकों को पीछे हटाने के लिए भारत और चीन के बीच हुए समझौते की घोषणा करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि यहां से सैनिकों को हटाने की प्रक्रिया पूरी होने के 48 घंटे के भीतर दोनों देशों के कमांडरों की बैठक होगी जिसमें सैन्य टकराव के बाकी इलाकों का समाधान निकालने पर बातचीत होगी। पैंगोंग झील इलाके से सैनिकों को पीछे हटाने की प्रक्रिया 10 फरवरी को शुरू हुई थी।