सीमांत गाँवों को प्रथम गाँव मानते हुए उत्तराखंड सरकार ने समग्र विकास हेतु प्रभावी कदम उठाने की योजना बनाई
आकाश ज्ञान वाटिका, 8 दिसम्बर 2022, गुरुवार, देहरादून। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने उत्तराखंड दौरे में बीती 21 अक्टूबर को सीमांत गाँव माणा से संदेश दिया था कि देश की सीमा पर बसा हर गाँव उनके लिए पहला गाँव है। इसी के दृष्टिगत इन गाँवों के विकास को कदम उठाए जा रहे हैं।
प्रदेश सरकार ने भी अब सीमांत गाँवों को प्रथम गाँव मानते हुए इनके समग्र विकास को प्रभावी कदम उठाने की ठानी है। इसके लिए जल्द ही ‘मुख्यमंत्री प्रथम ग्राम समेकित विकास योजना’ शुरू की जाएगी। जल्दी ही किसी प्रथम गाँव में कैबिनेट की बैठक आयोजित कर सरकार वहाँ गाँवों के विकास को मंथन में जुटेगी। इसी दौरान यह योजना भी लांच करने की तैयारी है।
मुख्यमंत्री प्रथम ग्राम समेकित विकास योजना का खाका लगभग तैयार
उत्तराखंड के सीमावर्ती गाँव जो चीन और नेपाल की सीमा से सटे हैं वे भी पलायन से अछूते नहीं है। इसे देखते हुए सरकार ने इन गाँवों पर विशेष ध्यान केंद्रित करने का निश्चय किया है। इनके विकास के लिए मुख्यमंत्री प्रथम ग्राम समेकित विकास योजना का खाका लगभग तैयार कर लिया गया है।
राज्य सरकार की प्राथमिकता है कि प्रथम गाँवों में मूलभूत सुविधाओं के विस्तार के साथ ही वहाँ आजीविका विकास पर जोर दिया जाएगा। इन गाँवों में पर्यटन, तीर्थाटन, कृषि, बागवानी जैसे क्षेत्रों में रोजगारपरक योजनाएं संचालित करने के अलावा विभिन्न विभागों की योजनाओं को एक साथ चलाने की तैयारी है। शीघ्र ही योजना को अंतिम रूप दिया जाएगा।
उत्तराखंड की धामी सरकार जल्द ही किसी प्रथम गाँव में कैबिनेट की बैठक का आयोजन कर यह संदेश देने का प्रयास करेगी कि वह सीमा पर बसे गाँवों के समग्र विकास को लेकर संवेदनशील है। सूत्रों ने बताया कि प्रथम गाँव का चयन और बैठक की तिथि का निर्धारण जल्द ही किया जाएगा। कैबिनेट बैठक के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी इन गाँवों के विकास को तैयार हो रही योजना को लांच कर सकते हैं।
सरकार का सीमावर्ती समेत सभी गाँवों को आदर्श ग्राम बनाने का लक्ष्य है
उत्तराखंड सरकार ने उत्तराखंड को वर्ष 2025 तक देश के श्रेष्ठ राज्यों की श्रेणी में लाने का संकल्प लिया है। इसी कड़ी में सरकार का सीमावर्ती समेत सभी गाँवों को आदर्श ग्राम बनाने का लक्ष्य है। निदेशक पंचायती राज बंशीधर तिवारी के अनुसार प्रथम चरण में चंपावत जिले के गाँवों को लिया जा रहा है।
उत्तराखंड के अन्य जिलों को धीरे-धीरे आदर्श ग्राम योजना में लिया जाएगा। योजना के तहत गाँवों में तेजी से मूलभूत सुविधाएं जुटाई जाएंगी। साथ ही वहाँ आजीविका विकास को कदम उठाए जाएंगे। इसके अलावा गाँवों में स्ट्रीट लाइट, खेल मैदान, ओपन जिम, कचरा प्रबंधन आदि के लिए भी प्रयास किए जाएंगे।
सरकार का लक्ष्य प्रदेश के प्रत्येक गाँव को आदर्श गाँव के रूप में विकसित करना है। वहाँ सभी प्रकार की मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने के साथ ही साफ-सफाई, आजीविका संवद्र्धन के उपाय किए जाएंगे। शीघ्र ही हम लोग अपनी कैबिनेट की बैठक किसी गाँव में आयोजित करेंगे। सीमांत गाँवों को प्रथम गाँव माना जाएगा और इनके समग्र विकास के लिए मुख्यमंत्री प्रथम ग्राम समेकित विकास योजना प्रारंभ की जाएगी।