कोविड महामारी में अस्पताल में भर्ती मरीजों के लिए मददगार साबित होगी, लाईफाई टेक्नोलॉजी : विधानसभा अध्यक्ष
आकाश ज्ञान वाटिका, 16 जून 2021, बुधवार, ऋषिकेश। कोविड के गंभीर मरीजों एवं आईसीयू में भर्ती मरीजों में वाइटल पैरामीटर के रियल टाइम मॉनिटरिंग के लिए जरूरी है कि प्रशिक्षित स्टाफ मरीजों की देखभाल के लिए उपलब्ध रहे। जो कि मौजूदा स्थिति में व्यवहारिक रूप से संभव नहीं हो सकता। ऐसे में नव वायरलेस टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड की ओर से लाईफाई इनेबल्ड मल्टीपैरामीटर सेंट्रलाइज मॉनिटरिंग सिस्टम का विकास किया गया है। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश में इस प्रोजेक्ट का उद्घाटन विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने किया।
नव वायरलेस टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड के नेशनल हेड भावेश अटल ने बताया कि कोविड महामारी के इस मुश्किल दौर में देश की सेवा के लिए सरकार के साथ मिलकर काम करने के लिए उनकी टीम ने लाईफाई इनेबल्ड मल्टीपैरामीटर सेंट्रलाइज मॉनिटरिंग सिस्टम का विकास किया है। जो वीडियो कॉलिंग फीचर से युक्त है, आधुनिक लाईफाई तकनीक पर आधारित यह समाधान डॉक्टरों एवं पैरामेडिकल स्टाफ पर बोझ कम कर देगा।उन्होंने बताया कि इसकी मदद से कोविड के मरीजों और विशेष रूप से गंभीर लक्षण वाले मरीजों को समय पर उचित देखभाल मिल सकेगी। नवटेक के लाईफाई आधारित सीएमएस सिस्टम के लिए इंटरनेट कनेक्शन, वाईफाई इंफ्रास्ट्रक्चर की जरूरत नहीं होती है।
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि लाईफाई टेक्नोलॉजी कोविड महामारी में अस्पताल में भर्ती मरीजों के लिए इलाज के लिए मददगार साबित होगी। वहीं मेडिकल स्टाफ के लिए भी यह पद्धति सहयोग प्रदान करेगी और मेडिकल स्टाफ की सुरक्षा भी सुनिश्चित करेगी।
रुड़की के विधायक प्रदीप बत्रा ने कहा कि लाईफाई समाधान से मरीजों के रिश्तेदारों के लिए वीडियो कॉलिंग भी उपलब्ध कराई जाती है, जिसे आइसोलेशन में रह रहे मरीजों के तीमारदारों को मरीज के स्वास्थ्य की जानकारी लगातार मिलती रहती है। इस अवसर पर नव बायरलेस टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड के नेशनल हेड अर्पित अकेला भी मौजूद थे।
इस अवसर पर राज्यसभा सांसद नरेश बंसल ने कहा कि लाईफाई हॉस्पिटल समाधान सेंट्रलाइज मॉनिटरिंग स्टेशन की मदद से गंभीर रूप से बीमार मरीजों के वाइटल पैरामीटर्स पर 24 घंटे लगातार नजर रखी जा सकती है। वही प्रशिक्षित स्टाफ एक साथ कई मरीजों पर निगरानी भी रख सकता है। जिसके लिए उन्हें आईसीयू वार्ड में मरीजों के नजदीक रहने की जरूरत भी नहीं है और मेडिकल स्टाफ में इंफेक्शन होने का खतरा भी कम बना रहता है।