वायु सेना को सौंपी जाएगी सीमांत जनपद पिथौरागढ़ की हवाई पट्टी
आकाश ज्ञान वाटिका, 03 अक्टूबर 2022, सोमवार, पिथौरागढ़। उत्तराखंड के सीमांत जिले पिथौरागढ़ की हवाई पट्टी को अब वायु सेना का सौंपे जाने की चर्चा है। चीन सीमा से लगे क्षेत्र में बनी इस हवाई पट्टी का सामरिक महत्व काफी अधिक है। ऐसे में इस संभावना से इनकार भी नहीं किया जा सकता है।
नैनी सैनी हवाई पट्टी का उद्घाटन उत्तर प्रदेश में रहते हुए 24 जनवरी 1994 को हो गया था। तत्कालीन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव की अध्यक्षता में तत्कालीन केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री गुलाम नबी आजाद ने विशाल समारोह के बीच इसका उद्घाटन किया किया था। उसी दिन उन्होंने पिथौरागढ़ को मिनी कश्मीर भी बताया था। लेकिन इस हवाई पट्टी से हवाई सेवा प्रारंभ नहीं हो सकी। हवाई सेवा के लिए 26 वर्षों का इंतजार करना पड़ा। बाद में हवाई पट्टी का विस्तार किया गया। हवाई पट्टी की लंबाई 1600 मीटर और चौड़ाई 60 मीटर की गई। पूर्व में यह लगभग 13 सौ मीटर के आसपास लंबी और 45 मीटर के आसपास चौड़ी थी।
हवाई पट्टी के विस्तार के बाद इसमें हवाई सेवा की कवायद होने लगी। 8 अक्टूबर 2019 को तत्कालीन कैबिनेट मंत्री स्वo प्रकाश पंत ने हवाई सेवा का उद्घाटन किया, परंतु व्यावसायिक उड़ान के लिए 3 माह से अधिक समय का इंतजार करना पड़ा।
17 जनवरी 2020 को नैनी सैनी हवाई पट्टी पर व्यावसायिक उड़ान होने लगी। 9 सीटर विमान उडऩे लगा। यह विमान देहरादून-पंतनगर-पिथौरागढ़ और पिथौरागढ़ से दिल्ली के हिंडन एयरपोर्ट तक चलता था। लगभग 14 माह तक यह विमान सेवा चलती रही। मार्च 2020 को विमान सेवा बंद हो गई। तब से सेवा बंद है। इधर अब हवाई पट्टी के वायुसेना को जिम्मे जाने की संभावना जताई जा रही है।
वायु सेना के पास हवाई पट्टी के जाने से नैनी सैनी हवाई पट्टी के दिन भी बहुरने के आसार हैं। अभी फिलहाल यह कवायद मानी जा रही है। यह सरकार और शासन स्तर पर होना है। वायु सेना के जिम्मे जाने के बाद भी नागरिक सेवा भी जारी रहने के पूरे आसार हैं। इसमें आपरेशन और मेंटेनेंस भी वायु सेना के पास रहेगा। देश में कुछ एयरपोर्ट हैं जो वायु सेना के पास हैं और उन एयरपोर्टो से नागरिक विमान सेवाएं भी संचालित होती हैं।