Breaking News :
>>बागवानों को अच्छे रंग और आकार के सेब उगाने के लिए सरकार करेगी लाखों की मदद>>महाकुंभ में हुई योगी सरकार की कैबिनट बैठक, सीएम ने मंत्रिमंडल के साथ संगम में लगायी डुबकी >>हर पदक विजेता के नाम पर लगेगा पौधा – रेखा आर्या>>राष्ट्रपति भवन परिसर में बने अमृत उद्यान को दो फरवरी से आम नागरिकों के लिए खोला जाएगा>>युवक ने नशीली ड्रिंक पिलाकर दोस्त से किया दुष्कर्म, केस दर्ज>>राम चरण की फिल्म ‘गेम चेंजर’ की ओटीटी रिलीज डेट से उठा पर्दा, जानिए कब और किस प्लेटफॉर्म पर देख सकेंगे फिल्म  >>विमानन कंपनी गो फर्स्ट को अपनी संपत्ति बेचकर चुकाना होगा कर्ज, एनसीएलटी ने दिया आदेश>>राष्ट्रीय खेल- स्वास्थ्य सुविधाएं सुनिश्चित करेंगी 141 टीमें>>क्या आपके बाल भी कम उम्र में हो रहे हैं सफेद, तो इन घरेलू नुस्खों की मदद से बालों को जड़ से बनाएं काला >>मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय समिति की पाँचवीं बैठक हुई सम्पन्न>>आईटीडीए ने उत्तराखंड यूसीसी पोर्टल के लिए मॉक ड्रिल का किया आयोजन>>पुलिस महानिदेशक दीपम सेठ से फिल्म विकास परिषद के संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने की भेंट>>प्रभारी मंत्री सहित भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने निकाय चुनाव में झौंकी ताकत>>राष्ट्रीय खेल- हर खिलाड़ी को मिलेगा उसकी पसंद का खाना>>मुख्यमंत्री धामी ने नगर निगम रुड़की से भाजपा प्रत्याशियों के पक्ष में आयोजित रोड शो में किया प्रतिभाग>>व्यय वित्त समिति ने विभिन्न विकास कार्यो को किया स्वीकृत >>क्या आपको भी है हाई ब्लड प्रेशर की समस्या, तो कर लीजिए कंट्रोल, नहीं तो बढ़ सकता है हार्ट अटैक का खतरा >>समग्र विकास के लिए जरूरी है ट्रिपल इंजन की सरकार- सीएम धामी>>अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पदभार संभालने के पहले ही दिन कई कार्यकारी आदेशों पर किए हस्ताक्षर >>कैबिनेट की यूसीसी की नियमावली को मंजूरी पर बिफरी कांग्रेस
देहरादून

सीआईएमएस कॉलेज कुआँवाला देहरादून में चिकित्सा एवं फार्मा उद्योग में बौद्धिक संपदा अधिकारों की भूमिका पर हुआ एक दिवसीय कार्यशाला का सफल आयोजन

आकाश ज्ञान वाटिका, शुक्रवार, 04 अक्टूबर 2024, देहरादून। कम्बाइंड इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस एंड रिसर्च कुंआवाला देहरादून में उत्तराखंड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद के सहयोग से चिकित्सा एवं फार्मा उद्योग में बौद्धिक संपदा अधिकारों की भूमिका पर एकदिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का उत्तराखंड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (यूकॉस्ट) के निदेशक डॉ. दुर्गेश पंत, वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद आईआईपी मोहकमपुर के निदेशक डॉ. हरेन्द्र बिष्ट मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।

कार्यशाला में सीआईएमएस एंड यूआईएचएमटी ग्रुप ऑफ कॉलेज के चेयरमैन एडवोकेट ललित मोहन जोशी ने संस्थान परिसर में सभी अतिथियों का स्वागत सत्कार किया। उन्होंने कार्यशाला के आयोजन को लेकर यूकॉस्ट का धन्यवाद किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राईट यानी बौद्धिक सम्पदा अधिकार मानव मस्तिष्क के विचारों से उत्पन्न एक उपज हैं। दुनिया के देश, कई सदियों से अपने-अपने अलग कानून बना कर इस मानव मस्तिष्क से उत्पन्न उपज को सुरक्षित करते चले आ रहें हैं। बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर) चिकित्सा एवं फार्मा उद्योग के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। आईपीआर नए आविष्कारों, तकनीकों और उत्पादों को सुरक्षा प्रदान करते हैं, जिससे कंपनियों को इन पर निवेश करने और उन्हें बाजार में लाने के लिए प्रोत्साहन मिलता है।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उत्तराखंड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (यूकॉस्ट) के निदेशक डॉ. दुर्गेश पंत ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर) का महत्व आज के वैश्विक परिप्रेक्ष्य में अत्यधिक बढ़ गया है। यह अधिकार किसी व्यक्ति या संगठन की सृजनात्मकता, नवाचार, और उनकी मेहनत से उत्पन्न बौद्धिक संपत्तियों की सुरक्षा के लिए अत्यावश्यक हैं। चाहे वह कोई आविष्कार हो, साहित्यिक या कलात्मक रचना हो, डिजाइन हो या फिर कोई ट्रेडमार्क सभी के लिए बौद्धिक संपदा अधिकार एक सुरक्षात्मक कवच के समान हैं। उन्होंने कहा कि बौद्धिक संपदा अधिकार किसी भी राष्ट्र की सृजनात्मकता और विकास का प्रतिबिंब हैं। इनकी रक्षा करना और इन्हें बढ़ावा देना हम सभी का कर्तव्य है। यदि हम इसे ठीक से समझेंगे और उपयोग करेंगे, तो निश्चित ही हम अपने देश को और अधिक प्रगतिशील, रचनात्मक और सशक्त बना सकते हैं।

वहीं वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद आईआईपी मोहकमपुर के निदेशक डॉ. हरेन्द्र बिष्ट ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि बौद्धिक संपदा अधिकारों का चिकित्सा एवं फार्मा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण स्थान है, क्योंकि ये अधिकार न केवल नवाचार को बढ़ावा देते हैं बल्कि समाज के कल्याण के लिए नए उपचार और दवाओं के विकास को प्रेरित करते हैं। चिकित्सा एवं फार्मा उद्योग का उद्देश्य न केवल मानव स्वास्थ्य में सुधार लाना है, बल्कि वैज्ञानिक अनुसंधान के माध्यम से नई खोजों को संभव बनाना भी है। इस संदर्भ में, बौद्धिक संपदा अधिकार एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। IPR के माध्यम से वैज्ञानिकों और अनुसंधानकर्ताओं को उनके आविष्कारों पर संरक्षण प्रदान किया जाता है, ताकि उन्हें उनकी मेहनत का उचित सम्मान और लाभ मिल सके।

कार्यशाला में इंटास फार्मास्यूटिकल्स के डीजीएम दुर्गेश सिंह, यूकॉस्ट के वैज्ञानिक हिमांशु गोयल, आईपीआर कंसल्टेंट आरती बर्थवाल ने चिकित्सा एवं फार्मा उद्योग में बौद्धिक संपदा अधिकारों की भूमिका पर विस्तृत प्रस्तुति दी।

कार्यक्रम में सीआई सीआईएमएस एंड यूआईएचएमटी ग्रुप ऑफ कॉलेज के मैनेजिंग डायरेक्टर संजय जोशी, सीआईएमएस कॉलेज ऑफ नर्सिंग की प्रधानाचार्या डॉ. बलजीत कौर, सीआईएमएस कॉलेज ऑफ पैरामेडिकल की प्रधानाचार्या डॉ. चारू ठाकुर, उपप्रधानाचार्य रबीन्द्र कुमार झा, आईपीआर समन्वयक डॉ. रंजीत कुमार सिंह, डॉ. दीपिका विश्वास सहित शिक्षक एवं कर्मचारीगण उपस्थित रहे। कार्यशाला में विभिन्न संस्थानों के 300 से अधिक छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया।

Loading

Ghanshyam Chandra Joshi

AKASH GYAN VATIKA (www.akashgyanvatika.com) is one of the leading and fastest going web news portal which provides latest information about the Political, Social, Environmental, entertainment, sports etc. I, GHANSHYAM CHANDRA JOSHI, EDITOR, AKASH GYAN VATIKA provide news and articles about the abovementioned subject and am also provide latest/current state/national/international news on various subject.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!