केंद्र सरकार की टीकाकरण नीति पर कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गाँधी ने जताई आपत्ति; प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी को लिखी चिट्ठी
आकाश ज्ञान वाटिका, 22 अप्रैल 2021, गुरूवार, नई दिल्ली। देश में बढ़ रहे कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है। एक मई से 18 साल से ऊपर के सभी लोगों को भी वैक्सीन मिलेगी। प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी इसकी घोषणा पहले ही कर चुके हैं।देश में बीते एक दिन में कोरोना के 3 लाख से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। 2100 से ज्यादा लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। ऐसे में कोरोना वायरस के खिलाफ वैक्सीन सबसे कारगर हथियार माना जा रहा है। देश में 1 मई से 18 साल के ऊपर के सभी लोग कोरोना वैक्सीन लगवा सकेंगे। यह फैसला केंद्र सरकार की ओर से लिया गया है। इस बीच, 18 साल से अधिक उम्र के लोगों के लिए वैक्सीन की कीमत का मुद्दा अहम हो गया है। इसको लेकर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रधानमन्त्री मोदी का एक पत्र लिखा है।
सोनिया गांधी ने प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में कहा है कि केंद्र सरकार ने 18 से 45 साल के लोगों को फ्री में टीका देने की जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ा है। सोनिया गांधी ने टीकाकरण से जुड़ी नई नीति को लेकर चिंता प्रकट करते हुए प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी से आग्रह किया है कि वह इस नीति को तुरंत बदलें और पूरे देश में वैक्सीन की एक समान कीमत सुनिश्चित करें।
[box type=”shadow” ]सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने राज्य सरकारों और निजी अस्पतालों के लिए बुधवार को कोविशील्ड वैक्सीन की नई कीमतें की तय:
केंद्र सरकार के निर्देश के बाद उसने इस वैक्सीन की कीमत राज्य सरकारों के लिए प्रति डोज 400 रुपये और निजी अस्पतालों के लिए प्रति डोज 600 रुपये रखी है। गौरतलब है कि सरकारी अस्पतालों में यह फिलहाल मुफ्त में लग रही है। वहीं निजी अस्पतालों में इसकी कीमत 250 रुपये है। सीरम इंस्टीट्यूट ने कहा है कि कंपनी वैक्सीन के कुल उत्पादन का 50 फीसद भारत सरकार के टीकाकरण कार्यक्रम को देगी और शेष 50 फीसद वैक्सीन राज्य सरकारों और निजी अस्पतालों के लिए होगी। अब तक सिर्फ केंद्र सरकार ही वैक्सीन खरीद रही थी, लेकिन अब राज्य सरकारें भी वैक्सीन को खरीद सकेंगी। सीरम इंस्टीट्यूट केमुताबिक, कोविशील्ड वैक्सीन की एक खुराक की कीमत राज्य सरकार के लिए (सरकारी अस्पतालों में) 400 रुपये होगी, जबकि निजी अस्पतालों को 600 रुपये में एक खुराक मिलेगी। गौरतलब है कि सरकारी अस्पतालों में यह फिलहाल मुफ्त में लग रही है। वहीं, निजी अस्पतालों में इसकी कीमत 250 रुपये है।[/box]