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उत्तराखण्ड

मसूरी सहित उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्र में हिमपात का दौर जारी, 37 सड़कें बंद

देहरादून। एक दिन मौसम साफ रहने के बाद फिर से करवट बदल गया। शुक्रवार की सुबह से ही उत्तराखंड के मैदानी इलाकों में बारिश का दौर शुरू हुआ, वहीं पर्वतीय क्षेत्रों में हिमपात से लोगों की दुश्वारियां बढ़ गई हैं। तापमान में फिर से गिरावट आ रही है। वहीं, कई पर्वतीय क्षेत्रों में बिजली गुल है। बर्फबारी से सड़कें बंद हो रही हैं। वहीं, मौसम विभाग के मुताबिक अभी चौबीस घंटे तक मैदानी क्षेत्र में बारिश और पर्वतीय क्षेत्र में हिमपात का दौर जारी रहेगा।

शुक्रवार की सुबह देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर सहित अन्य मैदानी इलाकों में हल्की बारिश से सर्दी में इजाफा हो गया। वहीं, कुमाऊं के बागेश्वर के कपकोट, पिथौरागढ़ में मदकोट, मुनस्यारी, सौडलेख, थलकेदार सहित कई इलाकों में जोरदार हिमपात का दौर चल रहा है।

नैनीताल जिले में भी ऊंचाई वाले इलाकों में हिमालय दर्शन, स्नोव्यू आदि स्थानों में हिमपात सुबह से शुरू हो गया, वहीं निचले क्षेत्र में रुक-रुककर बारिश का दौर चल रहा है। गढ़वाल के चमोली में बदरीनाथ, हेमकुंड, औली, गौरसों, रुद्रप्रयाग में केदारनाथ, उत्तरकाशी में गंगोत्री,  यमुनोत्री के साथ ही ऊंची चोटियों, देहरादून में चकराता क्षेत्र, मसूरी, धनोल्टी आदि स्थानों पर फिर से साल का दूसरा हिमपात का दौर जारी है।

मसूरी में मौसम का दूसरा हिमपात सुबह 7.30 बजे से शुरू हुआ। हिमपात से सुबह 8.30 बजे तक मॉल रोड पर दो से तीन इंच बर्फ गिरी। जॉर्ज एवेरेस्ट, कंपनी बाग, लाल टिब्बा, चार दुकान, विन्सेन्ट हिल, तोप टिब्बा पर भी जमकर हिमपात हुआ। बुरांसखंडा और धनोल्टी में जोरदार हिमपात से सड़कें बंद हो गईं।

हिमपात से उत्तराखंड में 311 गांव अलग-थलग पड़े हैं तो 37 सड़कों पर आवाजाही नहीं हो पा रही है। हालांकि गुरुवार को करीब चार सौ गांवों में बिजली आपूर्ति बहाल कर दी गई, लेकिन अब भी आठ सौ से ज्यादा गांव अंधेरे में ही हैं। केदारनाथ में भी तीन दिन से बिजली आपूर्ति ठप है। सोमवार और मंगलवार को भारी बर्फबारी और बारिश के कारण प्रदेश में जनजीवन अस्त-व्यस्त है। गुरुवार को दिनभर लोक निर्माण विभाग और सीमा सड़क संगठन की टीमें जगह-जगह मार्ग खोलने में जुटी रहीं। गंगोत्री और यमुनोत्री हाईवे पर कई स्थानों पर बर्फ जमा है।

संपर्क मार्गों की भी यही स्थिति है। बर्फबारी के कारण बिजली की लाइनें क्षतिग्रस्त होने से सैकड़ों गांव अंधेरे में हैं। यहां तक कि केदारनाथ में भी बिजली आपूर्ति बहाल नहीं हो पाई है। भारी हिमपात से गौरीकुंड और केदारनाथ के बीच बिजली लाइन क्षतिग्रस्त हो गई है। ऊर्जा निगम के एसडीओ केएस बिष्ट ने बताया कि लाइन ठीक करने का कार्य जारी है, लेकिन इसमें एक से दो दिन और लग सकते हैं।

चमोली की निजमूला घाटी, जोशीमठ, रुद्रप्रयाग जिले में केदारघाटी, उत्तरकाशी में गंगा और यमुना घाटी के साथ ही देहरादून के जनजातीय क्षेत्र जौनसार बावर बर्फ से लकदक है। इन इलाकों में संचार सेवा भी ठप होने के कारण सूचनाओं के आदान-प्रदान में मुश्किलें आ रही हैं। पाइप लाइनों में पानी बर्फ में तब्दील हो चुका है। ऐसे में प्रभावित इलाकों के लोग बर्फ पिघलाकर प्यास बुझा रहे हैं। प्रशासन के अनुसार उम्मीद जताई जा रही है कि शुक्रवार तक सभी मार्ग खोल दिए जाएंगे और बिजली आपूर्ति भी बहाल कर दी जाएगी।

मसूरी में शून्य पर पहुंचा पारा

बारिश और बर्फबारी के बाद समूचा उत्तराखंड शीतलहर की चपेट में है। प्रदेश में पारे ने गोता लगाया है और औसत तापमान में तीन से चार डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गई है। उत्तराखंड में जोशीमठ सबसे ठंडा रहा। यहां न्यूनतम तापमान शून्य से 4.3 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। इसके अलावा मुक्तेश्वर, नई टिहरी, पिथौरागढ़ और चम्पावत में भी पारा शून्य से नीचे पहुंच गया है। पहाड़ों की रानी मसूरी में न्यूनतम तापमान शून्य डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया।

सड़क खुलने का इंतजार कर रहे सौ से ज्यादा पर्यटक

भारी बर्फबारी के बाद मार्ग बंद होने से विभिन्न स्थानों पर फंसे 250 सैलानियों को सुरक्षित निकाल लिया गया है, जबकि 109 अब भी फंसे हुए हैं। इनमें उत्तरकाशी जिले में केदारकांठा ट्रैकिंग पर गया 44 सदस्यीय दल भी शामिल है। दल में भारतीय वायु सेना के चार अफसर भी बताए जा रहे हैं। उत्तरकाशी के जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान ने बताया कि ट्रैकिंग से लौटे दल को मोरी ब्लाक के सांकरी में ठहराया गया है।

उत्तरकाशी जिले में जबरदस्त हिमपात से जगह-जगह गंगोत्री और यमुनोत्री हाईवे पर बर्फ जमा है। हालांकि सीमा सड़क संगठन और लोक निर्माण विभाग की टीमें बर्फ साफ करने में जुटी हैं, लेकिन पाला पडऩे से बर्फ ठोस हो गई है, ऐसे में बर्फ साफ करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

उत्तरकाशी के जिलाधिकारी डॉ. चौहान ने बताया कि हर्षिल में फंसे 25 पर्यटकों को गुरुवार को भी नहीं निकाला जा सका। ये लोग बर्फबारी का लुत्फ लेने बीते सोमवार को हर्षिल गए थे, लेकिन जबरदस्त हिमपात से गंगोत्री हाईवे बंद होने के कारण ये लोग नहीं लौट सके। सभी पर्यटकों को गढ़वाल मंडल विकास निगम के होटल में ठहराया गया है।

उन्होंने बताया कि इसके अलावा 44 सदस्यीय एक दल  उत्तरकाशी जिले में स्थित केदारकांठा की ट्रैकिंग पर गया था। दल के सदस्य बुधवार को मोरी ब्लाक के सांकरी नामक स्थान पर पहुंचे, लेकिन यहां भी मार्ग बंद है। सभी लोगों के ठहरने की व्यवस्था स्थानीय होटल में की गई है। डीएम ने बताया कि मार्ग खोलने के प्रयास जारी हैं।

दूसरी ओर रुद्रप्रयाग जिले में चोपता में फंसे करीब 50 पर्यटकों को एसडीआरएफ और पुलिस की टीम ने सकुशल रुद्रप्रयाग पहुंचा दिया। रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने बताया कि वहां विभिन्न स्थानों पर 30-40 सैलानियों के फंसने की सूचना मिली है। एसडीआरएफ और पुलिस की टीम मौके के लिए रवाना कर दी गई हैं।

उन्होंने बताया कि चोपता के निकट दुगलबिट्टा तक सड़क पर यातायात सुचारु कर दिया गया है। वहीं चमोली की जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने बताया कि औली में फंसे सभी दो सौ पर्यटकों को सुरक्षित जोशीमठ पहुंचा दिया गया है।

विभिन्न शहरों का तापमान

शहर————–अधितम तापमान——-न्यूनतम

उत्तरकाशी————–17.0—————-4.0

अल्मोड़ा——————14.0—————0.3

जोशीमठ—————–14.0————–(-4.3)

मसूरी———————03.5————-(0.0)

नैनीताल——————12.0————–2.0

पंतनगर——————24.5————–7.6

पिथौरागढ़—————-13.7————–(-1.2)

मुक्तेश्वर——————07.4————-(-2.0)

नई टिहरी—————–08.6————-(-1.0)

देहरादून——————-21.2————–5.6

हरिद्वार——————-21.2————–5.8

चंपावत——————–07.2————-(-1.3)

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Ghanshyam Chandra Joshi

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