श्री राज राजेश्वरी जन कल्याण समिति के तत्वाधान में संपन्न हुई माँ नन्दा देवी की भव्य डोली शोभा यात्रा
आकाश ज्ञान वाटिका, देहरादून, ६ सितम्बर। गत वर्षों की भाँति इस वर्ष भी, माँ नंदा अष्ठमी के पावन अवसर पर, आज शुक्रवार, ६ सितम्बर को राजीव नगर डांडा, देहरादून से माँ नन्दा देवी की भव्य डोली शोभा यात्रा का आयोजन किया गया। श्री राज राजेश्वरी जन कल्याण समिति के तत्वाधान एवं कार्यक्रम संयोजक रणजीत भंडारी के कुशल नेतृत्व में प्रातः ९:३० बजे से पूजा अर्चना उपरान्त, १०:०० बजे माँ नन्दा देवी की डोली विभिन्न क्षेत्र से होकर दोपहर १ बजे वापस राजीव नगर डांडा, देहरादून स्थित सिलमाना आवास में पहुँची। शोभा यात्रा में देवभूमि उत्तराखण्ड की संस्कृति व कलाओं को दर्शाया गया। अनेकता में एकता के प्रतीक देवभूमि की संस्कृति व सभ्यताओं की झलक ने सैकड़ों भक्तजनों को मंत्रमुग्ध कर दिया। शोभा यात्रा के दौरान, यात्रा मार्ग पर विभिन्न स्थानों पर स्थानीय भक्तजनों द्वारा फल, प्रसाद व पानी का वितरण किया गया। माँ नन्दा देवी की भव्य डोली शोभा यात्रा के कार्यक्रम में वातावरण भक्तिमय हो गया व पहाड़ की संस्कृति व माँ भगवती के जयकारों ने पूरे वातावरण को मनोहारी बना दिया। माँ नन्दा की डोली के साथ सैकड़ों महिलायें, पुरुष व बच्चे, माँ नन्दा के भक्तिमय गानों के साथ नाचते – झूमते नजर आये। ढोल-दमाऊँ, छोलिया नृत्य, लोक गायन आदि के बीच, ऐसा प्रतीत हो रहा था मानो समूचा उत्तराखण्ड माँ नन्दा की डोली की एक झलक पाने के लिए उमड़ पड़ा हो। यात्रा में देहरादून मेयर सुनील उनियाल गामा, राज्यमंत्री राजकुमार पुरोहित, गढ़वाल सभा के अध्यक्ष रोशन धस्माना, महासचिव गजेंद्र भंडारी, कार्यक्रम के संयोजक रणजीत भंडारी सहित सैकड़ो क्षेत्रवासी भक्तजन उपस्थित रहे।
माँ नन्दादेवी समूचे कुमाऊँ और गढ़वाल मंडल के अतिरिक्त हिमालय के अन्य भागों में जन सामान्य की लोक प्रिय पूज्य देवी हैं। माँ नन्दा की उपासना प्राचीन काल से ही किये जाने के प्रमाण धार्मिक ग्रंथों, उपनिषद और पुराणों में मिलते हैं। रूप मंडन में पार्वती को गौरी के छ: रुपों में एक बताया गया है। भगवती की ६ अंगभूता देवियों में नन्दा भी एक है। नन्दा को नवदुर्गाओं में से भी एक बताया गया है। भविष्य पुराण में जिन दुर्गाओं का उल्लेख है उनमें महालक्ष्मी, नन्दा, क्षेमकरी, शिवदूती, महाटूँडा, भ्रामरी, चंद्रमंडला, रेवती और हरसिद्धी हैं। शक्ति के रूप में माँ नन्दा ही सारे हिमालय में पूजित हैं।