श्री राज राजेश्वरी जन कल्याण समिति की प्रेस वार्ता
६ सितम्बर, २०१९ को आयोजित होगी माँ नन्दा देवी की भव्य डोली शोभा यात्रा
आकाश ज्ञान वाटिका, देहरादून। ४ सितम्बर २०१९, बुधवार। गत वर्षों की भाँति इस वर्ष भी श्री राज राजेश्वरी जन कल्याण समिति के तत्वाधान एवं कार्यक्रम संयोजक रणजीत भंडारी के नेतृत्व में ६ सितम्बर, २०१९, प्रातः ९:३० बजे से पूजा अर्चना उपरान्त का आयोजन किया जायेगा। ५ सितम्बर, २०१९, सायं ५ बजे, सायंकालीन पूजा अर्चना के बाद ८ बजे पुष्पांजलि आरती की जायेगी। तद्पश्चात सायं ८:३० बजे प्रसाद वितरण के उपरान्त रात्रि ११ बजे तक माँ नंदा देवी जागर एवं मण्डाण का आयोजन किया जायेगा।
माँ नंदा देवी की भव्य डोली शोभा यात्रा के सन्दर्भ में श्री राज राजेश्वरी जन कल्याण समिति के पदाधिकारियों की एक प्रेस वार्ता आज प्रातः ११ बजे प्रेस क्लब में, कार्यक्रम के संयोजक रणजीत भंडारी की उपस्थिति में सम्पन्न हुई। रणजीत भंडारी के अनुसार, इस तरह के कार्यक्रमों को आयोजित करने का मुख्य उद्देश्य आम जन को अपनी वास्तविक संस्कृति से जोड़ने के साथ साथ, इस अनुपम कला व संस्कृति की विशेषता को दर्शाना है जिससे लोगों का अपनी देवभूमि से लगाव बढ़ेगा व पलायन जैसी समस्या भी धीरे धीरे काम होती जायेगी।
प्रेस वार्ता में श्री राज राजेश्वरी जन कल्याण समिति के अध्यक्ष सी एस नेगी, सचिव एस के सती, कार्यक्रम संयोजक रंजीत भंडारी, जय थपलियाल, गणेश सिलमाना, डॉ० मैथानी व अन्य समिति से जुड़े लोग उपस्थित रहे।
आज पहाड़ की सबसे बड़ी समस्या पलायन है और पलायन का एक प्रमुख कारण यह भी है की हम अपनी संस्कृति से दूर होते जा रहे हैं। हमारी भावी पीढ़ी का हाल क्या होगा, हर कोई सोच सकता हैं। अतः हमें अपनी संस्कृति पर गर्व करते हुए, अपने पूर्वजों द्वारा प्रदत्त धरोहरों व संस्कारों का संरक्षण व संबर्धन करने के साथ साथ अपनी भावी पीढ़ी को वास्तविक संस्कृति के अनुसार चलने की प्रेरणा देनी चाहिए। माँ नंदा देवी की भव्य डोली शोभायात्रा के आयोजन कार्यक्रम में किये जाने वाले पूजन, जागर, डोली शोभा यात्रा आदि के माध्यम से हमें अपनी वास्तविकता का बोध होगा और हम अपनी देवभूमि को ह्रदय से नमन कर पायेंगे। यदि हम किसी कारण पहाड़ से दूर भी रह रहे हों तो भी हमारे संस्कार व रहन सहन में हमारी अनुपम संस्कृति की झलक अवश्य रहनी चाहिए और हमें अपने तीज-त्यौहार व विभिन्न आयोजन सामुहिक रूप से, उनके वास्तविक स्वरुप में मनाने चाहिये।