समाजसेवी अरुण कुमार यादव ने शुरू की जरूरतमन्द बच्चों के लिए “शिक्षादान महादान” रूपी अभियान

- अपने जीवन मे कम से कम एक जरूरतमन्द बच्चे को शिक्षा के प्रति गोद जरूर ले
आकाश ज्ञान वाटिका, 12 अक्टूबर, 2021, मंगलवार, देहरादून। सोमवार, 11 अक्टूबर 2021 को सुभाषनगर स्थित “अपने सपने” संस्था के कार्यालय में अपने सपने संस्था के संस्थापक अध्यक्ष अरुण कुमार यादव ने जरूरतमन्द बच्चों के लिए “शिक्षादान महादान” रूपी अभियान की शुरुआत किया है।
इस अभियान को लेकर संस्था के संस्थापक अध्यक्ष अरुण कुमार यादव ने बताया कि वे बच्चे जो कभी स्कूल नहीं देखे हैं, रोड पर कूड़ा बीनने का काम करते हैं, भीख माँगते हैं, साथ ही वे सभी जरूरतमन्द बच्चे जो स्कूल तो जाते हैं पर परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के करण अपनी पढ़ाई बीच में छोड़कर किसी काम में लग जाते हैं, ऐसे बच्चों के लिए ‘अपने सपने’ संस्था विगत 7 वर्षों काम कर रही है। संथा लगभग 130 बच्चों को शिक्षित करने के साथ साथ उनके रहन सहन में भी मदद करती आ है, जिससे उनके पढ़ाई में कोई बाधा नहीं आ सकें।
अरुण कुमार यादव ने बताया कि बहुत से ऐसे जरूरतमन्द बच्चे और भी हैं, जो या तो कभी स्कूल नहीं देखे हैं या परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर होने की वजह से पढ़ाई छोड़ दिये हैं, ऐसे बच्चों के लिए “शिक्षादान महादान” रूपी अभियान शुरू किया जा रहा है। इससे यह संदेश दिया जा रहा है कि समाज का हर कोई व्यक्ति अपने जीवन में कम से कम एक जरूरतमन्द बच्चे को शिक्षा के प्रति गोद जरूर ले, जिससे ऐसे बच्चे अपने सपने को पूरा करने में सफल हो पायें।
संस्था के संस्थापक अध्यक्ष अरुण कुमार यादव आगे कहते हैं कि ‘देश के विकास में ऐसे बच्चे भी अपना अहम योगदान प्रदान कर सकें, उसके लिए हमें उनको शिक्षित करना है। उन्होंने इस अभियान के माध्यम से सभी अधिकारियों, समाजसेवियों, डॉक्टरों, इंजीनियरों एवं समस्त नेताओं से भी अपील की है कि ऐसे जरूरतमन्द बच्चों के शिक्षा के लिए जरूर आगे आयें।
[highlight]”शिक्षादान – महादान”[/highlight] – आइये ! ‘एक सौ-फीसदी शिक्षित समाज की परिकल्पना को साकार करने में अपना अहम योगदान दें।’