‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ अभियान के तहत बालिकाओं को दी गई स्वास्थ्य सम्बन्धी जानकारी
आकाश ज्ञान वाटिका, देहरादून। मंगलवार, १० सितम्बर। “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” अभियान के तहत, स्वास्थ्य सम्बन्धी जानकारी देने के उद्देश्य से राजकीय बालिका इण्टर कॉलेज, लक्खीबाग(लक्कड़मंडी) में एक कार्यक्रम किया गया। कार्यक्रम की मुख्य आयोजिका श्रीमती हनी पाठक, प्रदेश संयोजिका, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, उत्तराखंड एवं प्रिया गुलाटी द्वारा कॉलेज की बालिकाओं को स्वास्थ्य सम्बन्धी जानकारी दी गई तथा सैनिटरी पैड्स भी वितरित किये गए। सामाजिक जागरूकता के सन्दर्भ में यह एक सराहनीय कार्य है। श्रीमती हनी पाठक ने बताया कि इस कार्यक्रम को आयोजित करने में कॉलेज की प्रधानाचार्या श्रीमती नीलम जोशी का विशेष सहयोग रहा। जिसके लिए उन्होंने प्रधानाचार्या का आभार व्यक्त कर धन्यवाद दिया । इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि बाल आयोग की अध्यक्षा श्रीमती उषा नेगी व सदस्या श्रीमती शारदा त्रिपाठी उपस्थित रहे। श्रीमती हनी पाठक ने विशेष रूप श्रीमती मीनाक्षी अग्रवाल व प्रिया गुलाटी को धन्यवाद दिया और कहा कि इनके सहयोग से पूरा कार्यकर्म सफल हो सका तथा निःशुल्क सैनिटरी पैड्स उपलब्ध कराने हेतु श्रीमती मीनाक्षी अग्रवाल का दिल से आभार व्यक्त किया एवं धन्यवाद दिया। ज्ञात रहे कि “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” अभियान के तहत प्रदेश संयोजिका श्रीमती हनी पाठक वर्षभर महिलाओं के सशक्तिकरण, बालिकाओं की शिक्षा से सम्बन्धित एवं अन्य अनेकों सामाजिक कार्य कराती रहती हैं।
“बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ” योजना महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय तथा मानव संसाधन एवं विकास मंत्रालय की एक संयुक्त पहल के रूप में समन्वित प्रयासों के अंतर्गत बालिकाओं को संरक्षण और सशक्त करने की एक सकारात्मक पहल है। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना की शुरुआत 22 जनवरी, 2015 को की गई और जिसे सर्वप्रथम निम्न लिंगानुपात वाले 100 जिलों में प्रारंभ किया गया है।
योजना के उद्देश्य इस प्रकार हैं:
- पक्षपाती लिंग चुनाव की प्रक्रिया का उन्मूलन।
- बालिकाओं का अस्तित्व और सुरक्षा सुनिश्चित करना।
- बालिकाओं की शिक्षा सुनिश्चित करना।
- बालिकाओं को शोषण से बचाना व उन्हें सही/गलत के बारे में अवगत कराना।
- शिक्षा के माध्यम से लड़कियों को सामाजिक और वित्तीय रूप से स्वतंत्र व मजबूत बनाना।
इसके अतिरिक्त बालिकाओं को शिक्षा में माध्यम से, स्वास्थ्य, शिक्षा, बैंकिंग आदि क्षेत्रों के साथ ही रक्षा सेवाओं जैसे साहसिक क्षेत्रों में जाने के लिए प्रेरित करना एवं उचित मार्गदर्शन करना भी इस योजना का एक प्रमुख उद्देश्य है।