चमोली जिले की साक्षी राणा ने राष्ट्रीय फलक तक पहुंचने में सफलता हासिल की
पहाड़ों में प्रतिभाओं की कमी नहीं है, बस जरूरत है उन्हें उचित मंच और संसाधन मुहैया कराने की। चमोली जिले के मलारी गांव निवासी साक्षी राणा ने संसाधनों के अभाव के बावजूद राष्ट्रीय फलक तक पहुंचने में सफलता हासिल की है। साक्षी महाराष्ट्र के पुणे में आयोजित होने वाली राष्ट्रीय बैडमिंटन प्रतियोगिता में अपनी प्रतिभा दिखाने को तैयार हैं।
भारत-चीन सीमा से लगा गांव है मलारी। यहां भोटिया जनजाति के लोग निवास करते हैं। इसी गांव में राम सिंह राणा और विमला देवी के घर साक्षी का जन्म हुआ। साक्षी के दो भाई भी हैं। 17 वर्षीय साक्षी वर्तमान में राजकीय इंटर कॉलेज नंदप्रयाग में 11वीं की छात्रा हैं।
साक्षी का कहना है कि उनका परिवार मध्यम वर्गीय है, संसाधनों की कमी है, लेकिन उनका इरादा पक्का है। साक्षी ने बताया कि सीमांत वेलफेयर एसोसिएशन दिल्ली, उत्तराखंड पावर कारपोरेशन के अधिकारी डीएस खाती और लोनिवि के अधिकारी मोहन सिंह राणा ने उन्हें संसाधन उपलब्ध कराने में मदद की।