जम्मू-कश्मीर में हुए आइईडी विस्फोट में उत्तराखंड का लाल शहीद
देहरादून। उत्तराखंड का एक और लाल देश की रक्षा के लिए शहीद हो गया है। जम्मू कश्मीर में तैनात मेजर बिष्ट राजौरी के नौशेरा सेक्टर में एलओसी के पास जांच के लिए जा रहे थे। इस दौरान वहां लगाए गए आइईडी को डिफ्यूज करते वक्त विस्फोट हो गया। जिसमें वो शहीद हो गए। वहीं, राज्यपाल बेबी रानी मौर्य और मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मेजर चित्रेश बिष्ट की शहादत पर दुख जताया है।
मूलरूप से अल्मोड़ा जिले के पिपली निवासी मेजर चित्रेश बिष्ट उर्फ सोनू का परिवार देहरादून के नेहरू कॉलोनी में रहता है। उनके पिता एसएस बिष्ट रिटायर्ड पुलिस इंस्पेक्टर हैं। बता दें कि चित्रेश की सात मार्च को शादी होनी थी, इसके लिए कार्ड भी छप चुके थे।
चित्रेश के पिता दोपहर को शादी के कार्ड बांटने गए थे। शाम को चित्रेश के दोस्त का फोन आने पर परिजनों को उनकी शहादत की खबर मिली। आपको बता दें कि चित्रेश तीन फरवरी को ही छुट्टी से ड्यूटी पर गए थे। इससे पहले चित्रेश मऊ में ट्रेनिंग करने गए थे। चित्रेश के पिता ने बताया कि 28 फरवरी को चित्रेश ने शादी के लिए छुट्टी लेकर घर आना था।
सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि मैं चित्रेश के बलिदान को नमन करते हुए उनके परिजनों के प्रति सांत्वना व्यक्त करता हूं। साथ ही भरोसा दिलाता हूं कि दुख की इस घड़ी में पूरा देश उनके साथ खड़ा है।
सीएम और राज्यपाल ने जताया दुख
राज्यपाल बेबी रानी मौर्य और मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने राजौरी के नौशेरा सेक्टर में आइईडी ब्लास्ट में शहीद मेजर चित्रेश बिष्ट की शहादत पर दुख जताया है। राज्यपाल व मुख्यमंत्री ने मेजर चित्रेश के सर्वोच्च बलिदान को कोटि-कोटि नमन करते हुए उनके परिजनों के प्रति संवेदना प्रकट की है। उन्होंने कहा कि पूरा देश इस मुश्किल समय में उनके साथ खड़ा है।
शहीद चित्रेश का प्रोफाइल
- नाम-चित्रेश बिष्ट
- पिता-रिटायर्ड इंस्पेक्टर एसएस बिष्ट
- माता-रेखा बिष्ट
- वर्तमान पता-नेहरू कॉलोनी, देहरादून
- मूल गांव-पिपली, रानीखेत अल्मोड़ा
- भाई- नीरज बिष्ट, यूके में है सेटल
- स्कूली शिक्षा: 2006 में देहरादून के सेंट जोजेफ्स एकेडमी से 12वीं पास।
- उच्च शिक्षा: सीएमए पुणो से इंजीनियरिंग और आइएमए देहरादून से जून-2010 में पासआउट।
- नियुक्ति: सेना में इंजीनियर कोर में लेफ्टिनेंट पद पर नियुक्त हुए और वर्तमान में मेजर थे।
- वैवाहिक स्थिति: अविवाहित थे, 18 दिन बाद सात मार्च को होना था विवाह।