बीबीए द्वितीय वर्ष के छात्र के साथ रैगिंग, पीठ और जांघ पर पड़े नीले निशान
देहरादून। सेलाकुई स्थित दून बिजनेस स्कूल में रैगिंग का मामला सामने आया हैं। पीड़ित छात्र ने इस संबंध में वीडियो जारी कर अपनी व्यथा सुनाई है। रैगिंग बीबीए द्वितीय वर्ष के साथ की गई है। सीनियर छात्रों ने युवक को इतना पीटा कि उसके शरीर पर नील पड़ गया। यह घटना दो दिन पहले की बताई जा रही है।
छात्र ने इस संबंध में जब प्रबंधन से शिकायत की, तो कॉलेज प्रबंधन ने आरोपी छात्रों के साथ-साथ पीड़ित पर भी कार्रवाई कर दी। रैगिंग करने वाले छात्रों को 30 दिन जबकि पीड़ित और उसे बचाने आए छात्रों को भी 21 दिन के लिए निष्कासित कर दिया गया। इससे गुस्साए छात्रों ने मंगलवार की रात को कॉलेज परिसर में हंगामा किया।
छात्रों ने कैंपस में शीशे, गमले तोड़ डाले। इसके अलावा कई जगहों पर लगे बोर्ड और डस्टबिन को भी उखाड़ फेंका। यही नहीं, कैंपस में खड़ी एक गाड़ी को भी पलट दिया। स्थिति को संभालने के लिए रात 11.30 बजे के बाद पुलिस मौके पर पहुंची, लेकिन इसके बाद भी हंगामा चलता रहा। वहीं, इस मामले में सीओ विकासनगर भास्कर लाल शाह ने बताया कि ऐसा मामला हुआ है। इसकी जांच की जा रही है। शिकायत आने पर मुकदमा दर्ज किया जायेगा।
क्या है वीडियो में
पीड़ित की ओर से जारी वीडियो में एक युवक को बेड के पास जमीन पर बैठाकर लात मारी जा रही है। युवक काफी चिल्ला रहा है। मगर, लात से वार करने वाला युवक उसकी चीख को अनसुनी कर रहा है। इसके बाद कुछ फोटो इस वीडियो में आती है। जिसमें युवक की पीठ और जांघ पर लाल और नीले निशान दिख रहे हैं। ये मारपीट के लग रहे हैं। इसके बाद खुद को छात्र बताने वाला युवक अपनी व्यथा सुनाता है। युवक का कहना है कि उसके साथ सीनियर छात्रों ने रैगिंग की है। इसकी जब शिकायत हुई तो कॉलेज प्रबंधन ने आरोपी छात्रों को 30 दिन के लिए निष्कासित कर दिया। लेकिन इसके साथ- साथ छात्र और उसे बचाने आए अन्य छात्रों को भी 21 दिन के लिए निष्कासित कर दिया गया। यह कैसा न्याय है।
क्या है नियम
यूजीसी पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि अगर कॉलेज रैगिंग की शिकायत करने वाले छात्रों की मदद नहीं करता है तो पीड़ित यूजीसी के पास जाएं और उसे वहां से मदद मिलेगी। दोषियों पर रैगिंग रेग्यूलेशन एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी। रैगिंग के दोषियों को तीन साल तक सश्रम कैद का प्रावधान है।
हमारे कॉलेज में कभी भी ऐसी घटना नहीं हुई है। यह रैगिंग नहीं है। दो छात्रों के गुटों में लड़ाई का मामला है। प्रबंधन ने दोनों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की है। एक गुट के छात्रों ने रात में कॉलेज में तोड़फोड़ की है, उनके खिलाफ भी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।