प्रियंका गांधी ने लिखा सीएम योगी को पत्र, किसानों को लेकर जताई चिंता
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव व उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा ने गन्ना किसानों की समस्याओं को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा है। उत्तर प्रदेश की राजनीति में लगातार सक्रियता बढ़ा रहीं प्रियंका वाड्रा का यह पंद्रह दिन के अंदर ही मुख्यमंत्री को दूसरा पत्र लिखा है। अब उन्होंने किसानों की समस्याओं को उठाते हुए उन्हें फसलों के सही दाम दिलाने का आग्रह किया है।
प्रियंका ने बुधवार को लिखे पत्र में कहा है कि आपकी सरकार ने अभी गन्ना मूल्य घोषित किया है। आश्चर्य है कि पिछले पेराई सत्र से गन्ना मूल्य एक रुपया भी नहीं बढ़ा है, जबकि आपकी सरकार में खाद का दाम दोगुना हो गया। बिजली के बिल में लगातार वृद्धि हुई है। निराई-गुड़ाई में मजदूरी बढ़ी है। किसानों की लागत बढ़ती जा रही है, लेकिन उनकी फसलों के दाम नहीं बढ़ रहे हैं। गन्ना किसानों का हजारों करोड़ रुपये भी बकाया है।
प्रियंका ने धान का मुद्दा भी उठाया है। उन्होंने लिखा है कि सरकार ने धान मात्र 1850 रुपये प्रति क्विंटल खरीदने की घोषणा की है। धान के किसानों की भी लागत लगातार बढ़ी है। उन्होंने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया है कि प्रदेश का किसान संकट की घड़ी में है। उसे उसकी लागत भी नहीं मिल पा रही है। किसानों के दर्द और संघर्ष को समझते हुए सरकार का कर्तव्य बनता है कि उन्हें उनकी फसलों के सही दाम दिए जाएं। बता दें कि पिछले दिनों कांग्रेस महासचिव ने मैनपुरी नवोदय विद्यालय छात्रा प्रकरण में कार्रवाई को लेकर योगी को पत्र लिखा था, जिस पर तुरंत कार्रवाई भी हुई थी।
गन्ना समर्थन मूल्य को लेकर भड़के किसान, जगह-जगह विरोध प्रदर्शन
बुधवार को भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) ने उत्तर प्रदेश में गन्ना मूल्य न बढ़ाए जाने के विरोध में चक्का जाम आंदोलन कर रखा है। विधानसभा के समक्ष भी प्रदर्शन और नारेबाजी की गई। गन्ना मूल्य नहीं बढ़ाए जाने और किसानों की अन्य समस्याओं के विरोध में आहूत चक्का जाम को लेकर कार्यकर्ता मेरठ सहारनपुर मंडल में धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। नेशनल हाईवे पर कार्यकर्ताओं ने वाहनों को रोक दिया है। हालांकि एक दिन पहले भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत ने सभी कार्यकर्ताओं को निर्देश दिया है कि चक्का जाम आंदोलन में एम्बुलेंस, बीमार व्यक्ति, स्कूलों बच्चों के वाहनों व मोटरसाइकिल सवारों को नहीं रोका जाए।
उप्र से आए दिन सरकारी स्कूल के बच्चों को दोयम दर्जे का मिड डे मील देने की खबरें आती हैं। मिड डे मील का उद्देश्य था बच्चों को सम्मान से पौष्टिक भोजन देना।
लेकिन यूपी में बच्चों को कभी नमक रोटी, कभी पानी वाली दाल, कभी पानी वाला दूध दिया जाता है।
कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका वाड्रा ने सरकारी स्कूलों में परोसे जाने वाले मिड-डे मील की गुणवत्ता पर भी सवाल उठाए हैं। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि ‘उत्तर प्रदेश से आए दिन सरकारी स्कूल के बच्चों को दोयम दर्जे का मिड-डे मील देने की खबरें आती हैं। मिड-डे मील का उद्देश्य बच्चों को सम्मान से पौष्टिक भोजन देना था, लेकिन यूपी में बच्चों को कभी नमक रोटी, कभी पानी वाली दाल, कभी पानी वाला दूध दिया जाता है। इसका मुख्य कारण उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार की सरकारी स्कूलों और इन बच्चों के प्रति उदासीनता है।’