प्रधानमंत्री मोदी ने गाँधीनगर में ‘ग्लोबल आयुष इन्वेस्टमेंट एंड इनोवेशन समिट’ का किया उद्घाटन
आकाश ज्ञान वाटिका, 20 अप्रैल 2022, बुधवार, गाँधीनगर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के तीन दिवसीय गुजरात दौरे का आज अंतिम दिन है। प्रधानमंत्री मोदी ने गाँधीनगर स्थित महात्मा मंदिर में आयोजित ग्लोबल आयुष इन्वेस्टमेंट एंड इनोवेशन समिट का उद्घाटन किया। इस मौके पर डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस घेब्रेयसस और मारीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद कुमार जगन्नाथ भी मौजूद रहे।
विदित रहे कि भारत एक स्पेशल आयुष मार्क भी बनाने जा रहा है। भारत में बने उच्चतम गुणवत्ता के आयुष प्रॉडक्ट्स पर ये मार्क लगाया जाएगा। ये आयुष मार्क आधुनिक टेक्नोलॉजी के प्रावधानों से युक्त होगा। इससे विश्व भर के लोगों को क्वालिटी आयुष प्रॉडक्ट्स का भरोसा मिलेगा।
FSSAI ने भी पिछले ही हफ्ते अपने Regulations में ‘आयुष आहार’ नाम की एक नयी category घोषित की है। इससे हर्बल nutritional supplements के उत्पादकों को बहुत सुविधा मिलेगी।
बहुत जरूरी है कि मेडिसिनल प्लांट्स की पैदावार से जुड़े किसानों को आसानी से मार्केट से जुड़ने की सहूलियत मिले। इसके लिए सरकार आयुष ई-मार्केट प्लेस के आधुनिकीकरण और उसके विस्तार पर भी काम कर रही है।
भारत के स्टार्टअप्स का एक स्वर्णिम युग शुरू हो चुका है। एक प्रकार से भारत में आज यूनिकॉर्न का दौर है। वर्ष 2022 में ही अब तक भारत के 14 स्टार्टअप्स यूनिकॉर्न क्लब में जुड़ चुके हैं। बहुत ही जल्द आयुष के हमारे स्टार्टअप्स भी यूनिकॉर्न उभरकर सामने आएगा।
आयुष मंत्रालय ने ट्रेडिशनल मेडिसिन्स क्षेत्र में startup culture को प्रोत्साहन देने के लिए कई बड़े कदम उठाएं हैं। कुछ दिन पहले ही All India Institute of Ayurveda के द्वारा विकसित एक incubation centre का उद्घाटन किया गया है।
आयुष के क्षेत्र में Investment और Innovation की संभावनायें असीमित हैं। आयुष दवाओं, supplements और कॉस्मेटिक्स के उत्पादन में हम पहले ही अभूतपूर्व तेज़ी देख रहे हैं। 2014 में जहाँ आयुष सेक्टर 3 बिलियन डॉलर से भी कम का था। आज ये बढ़कर 18 बिलियन डॉलर के भी पार हो गया।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘हमनें अक्सर देखा है कि अलग अलग सेक्टर्स में निवेश के लिए इन्वेस्टमेंट समिट होती रही है, लेकिन ये पहली बार है जब आयुष सेक्टर के लिए इस तरह की समिट हो रही है। ऐसी इन्वेस्टमेंट समिट का विचार मुझे उस समय आया था जब कोरोना की वजह से पूरी दुनिया में हड़कंप मचा हुआ था।’
हम सभी देख रहे थें कि उस दौरान किस तरह आयुर्वेदिक दवाइयाँ, आयुष काढ़ा और ऐसे अनेक प्रोडक्ट्स इम्यूनिटी बढ़ाने में लोगों की मदद कर रहे थे। कोरोना कालखंड में भारत में से हल्दी का एक्सपोर्ट अनेक गुना बढ़ गया था। इसी दौर में हमने देखा कि जो मॉर्डन फार्मा कंपनियां हैं, वैक्सीन मैन्यूफैक्चर्स हैं, उन्हें उचित समय पर निवेश मिलने पर उन्होंने कितना बड़ा कमाल करके दिखाया।
प्रधानमंत्री मोदी ने वैश्विक आयुष निवेश और नवाचार शिखर सम्मेलन के उद्घाटन किया।
तीन दिन तक चलेगा शिखर सम्मेलन
यह शिखर सम्मेलन तीन दिन तक चलेगा। शिखर सम्मेलन में लगभग 90 प्रख्यात वक्ताओं और 100 प्रदर्शकों की उपस्थिति के साथ पांच पूर्ण सत्र, आठ गोलमेज सम्मेलन, छह कार्यशालाएं और दो संगोष्ठियां होंगी। शिखर सम्मेलन निवेश क्षमता को उजागर करने में मदद करेगा। यह नवाचार, अनुसंधान और विकास, स्टार्ट-अप पारिस्थितिकी तंत्र और कल्याण उद्योग को बढ़ावा देगा।
यह उद्योग जगत के नेताओं, शिक्षाविदों और विद्वानों को एक साथ लाने में मदद करेगा और भविष्य के सहयोग के लिए एक मंच के रूप में कार्य करेगा। सम्मेलन के दौरान परंपरागत चिकित्सा व्यवस्था को बढ़ावा देने के उपायों पर विचार-विमर्श किया जाएगा। इस सम्मेलन का उद्देश्य बेहतर निवेश आकर्षित कर देश को ग्लोबल आयुष केंद्र बनाना है।
प्रधानमंत्री इसके अलावा दोपहर साढ़े 3 बजे दाहोदा में करीब 22,000 करोड़ रुपये की विभिन्न विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे। मोदी दाहोद में आदिवासी सम्मेलन को भी संबोधित करेंगे। आदिजाति महा सम्मेलन में दो लाख से अधिक लोगों के भाग लेने की उम्मीद है। भाजपा ने इसके लिए जोरदार तैयारियाँ की हैं।