पर्वराज पर्युषण महापर्व : समस्त जैन मंदिरों में बड़े धूमधाम के साथ प्रक्षाल एवं पूरी भक्ति के साथ श्री जी की पूजा भक्ति आराधना की गयी
गाँधी रोड स्थित श्री दिगंबर जैन पंचायती मंदिर, जैन भवन में पूज्य 105 आर्यिका आनंदमती माताजी के मंगल सानिध्य में दसलक्षण विधान प्रारंभ हुआ
शाम 7.00 बजे सभी जैन मंदिरों में श्री जी की महाआरती की गयी, महिला जैन मिलन द्वारा धार्मिक नाटिका ‘दर्शन प्रतिज्ञा’ की सुंदर प्रस्तुति भी दी गयी
आकाश ज्ञान वाटिका, 19 सितम्बर 2023, मंगलवार, देहरादून। पर्वराज पर्युषण महापर्व के शुभ अवसर पर आज सभी जैन मंदिरों में, सभी धर्म प्रेमी बंधुओं ने बड़े ही धूमधाम के साथ प्रक्षाल एवं पूरी भक्ति के साथ श्री जी की पूजा भक्ति आराधना की। मंदिरों की घंटियों से मंदिर गूंजायमान रहा। मीडिया संयोजक मधु जैन ने बताया कि गाँधी रोड स्थित श्री दिगंबर जैन पंचायती मंदिर, जैन भवन में पूज्य 105 आर्यिका आनंदमती माताजी के मंगल सानिध्य में दसलक्षण विधान प्रारंभ हुआ। शांति धारा एवं अभिषेक का प्रथम सौभाग्य विवेक जैन व्योम जैन खुदबुड़ा एवं पांडुकशिला पर भगवान का प्रथम कलश एवं शांति धारा करने का सौभाग्य विपिन जैन, अक्षत जैन राजा रोड को प्राप्त हुआ। विधान में मांडले पर मुख्य कलश विराजमान करने का सौभाग्य अरुणा जैन एवं चार अन्य कलश श्रीमती सुनीता जैन, अनुज जैन, अमित जैन, प्रवीन जैन, नवीन जैन, संगीता जैन को प्राप्त हुआ। मांडले पर चढ़ने वाले श्रीफल हेतु सौभाग्य श्रीमती राशि जैन को प्राप्त हुआ।
श्री आदिनाथ दिगंबर जैन पंचायती मंदिर माजरा में पूज्य क्षुल्लक रत्न समर्पण सागर जी महाराज के मंगल सानिध्य में श्री समवशरण महामंडल विधान प्रारम्भ हुआ।
“क्षमा वीरस्य भूषणन:”
आज उत्तम क्षमा पर्व पर पूज्य माताजी ने कहा कि प्रतिकूल निमित्त मिलने पर प्रतिकार की सामर्थ्य होते हुए भी क्रोध न आना उत्तम क्षमा है। “क्षमा वीरस्य भूषणन:” अर्थात् क्षमा धर्म वीर पुरुष का भूषण है। जिनके पास क्षमारूपी शास्त्र है, उनका शत्रु क्या कर सकता है ? वैरी को जीतने में देर नहीं लगती है। क्षमावान् हमेशा सुखी रहता है। क्षमा वाले पुरुष का संसार में कोई भी शत्रु नहीं है।
क्षमावान् पुरुष हमेशा गंभीर रहता है, क्रोधी मनुष्य हमेशा दुबला-पतला रहता है। क्रोधी मनुष्य को कोई भी विश्वास नहीं करता, वह अपने और पराया का भी घात कर डालता है। क्रोधी मनुष्य की आँख हमेशा लाल रहती है, जिस समय उनको क्रोध आता है तब उनका सारा शरीर काँप उठता है और उसको सुध-बुध नहीं रहती है। वह अनेक अनर्थों को कर बैठता है और धर्म-कर्म आदि सभी बातों को भूल जाता है।
‘महाआरती’ एवं ‘दर्शन प्रतिज्ञा’
शाम 7.00 बजे सभी जैन मंदिरों में श्री जी की महाआरती की गयी। इसके पश्चात पूज्य आर्यिका आनंदमति माताजी एवं पूज्य क्षुल्लकरत्न समर्पण सागर जी महाराज के मंगल सानिध्य में सांस्कृतिक कार्यक्रम महिला जैन मिलन द्वारा धार्मिक नाटिका ‘दर्शन प्रतिज्ञा’ की सुंदर प्रस्तुति दी गयी। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अमित जैन (ई.सी.रोड), राकेश जैन, अमन जैन (ठाकुर ज्वेलर) द्वारा दीप प्रज्वलन किया गया। साथ ही श्री पार्श्वनाथ पद्मवति तीर्थधाम क्लेमेंटाउन के बच्चों द्वारा नाटिका ‘जियो और जीने दो’ की सुंदर प्रस्तुति दी गयी।
कार्यक्रम में जैन मिलन के मुख्य राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नरेश चंद जैन, जैन भवन मंत्री संदीप जैन, सुखमाल चंद जैन, राजीव जैन, गौरव जैन, आशीष जैन, सुनील जैन, जिनेन्द्र जैन, पंकज जैन, श्रीमती संगीता जैन, रश्मि जैन, रविशा जैन, बीना जैन, मोनिका जैन आदि बड़ी संख्या में समाज के महानुभाव उपस्थित रहे।