साभार : श्रुति व्यास
आकाश ज्ञान वाटिका, 23 जुलाई 2023, रविवार, देहरादून। डोनाल्ड ट्रंप को जल्द मुकदमे का, गिरफ्तारी का सामना करना पड़ सकता है। पूर्व राष्ट्रपति को एक चिट्ठी भेजी गई है। वह यह बताती है कि 2020 के चुनाव में हारने के बाद सत्ता पर काबिज रहने के हथकंड़ों पर उन्हें फेडरल मुकद्दमे का सामना करना पड़ेगा। इस मामले की जांच कर रहे विशेष प्रॉसिक्यूटर जैक स्मिथ ने बचाव पक्ष को सूचित किया है कि जांचकर्ताओं को ट्रंप के अपराधी होने के साक्ष्य मिले।
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी ख़ास शैली में सोशल मीडिया में इस पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने जेक स्मिथ को ‘पागल’ बताते हुए कहा कि, ”उन्हें (ट्रूप) 6 जनवरी की घटनाओं की ग्रेंड जूरी द्वारा की जा रही जांच में निशाना बनाया जा रहा है”। ट्रंप ने खुद लिखा है कि इस प्रकार के पत्र के बाद लगभग हमेशा गिरफ्तारी और अभियोजन होता है। ट्रंप का इन दिनोंचुनावी कैंपेन ही इस बात पर है कि वे राजनैतिक बदले की कार्यवाही के शिकार हैं।
यह जेक स्मिथ द्वारा लगाया गया दूसरा अभियोग है। वे ही ट्रंप द्वारा व्हाईट हाउस से गोपनीय दस्तावेज अपने साथ ले जाने, राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने, दस्तावेजों को वापिस लेने के सरकारी काम में बाधा डालने के मामले में भी अभियोजक हैं।इसके अलावा ट्रंप पर मेनहट्टनन में सन् 2016 के चुनाव के पहले एक पोर्न स्टार को चुप रहने के बदले धन दिए जाने का मामला भी है। इस मामले में उन पर फुल्टन काउंटी में जिला एटार्नी द्वारा आरोप लगाए जाने की संभावना है। वे ट्रम्प द्वारा राज्य में सन् 2020 में हुई चुनावी हार को पलटने केप्रयासों से जुड़े मामले की बी जांच कर रहे हैं।
जाहिर है ट्रंप एक के बाद एक मुकद्दमों, अपराधों के आरोपों और कानूनी झमेलों के दलदल में फंसते जा रहे हैं। बावजूद इसके राष्ट्रपति चुनाव अभियान जारी है, जिसमें वे अपने सभी रिपब्लिकन प्रतिद्वंद्वियों से आगे हैं।उन्हें जेल जाना पड़ सकता है, इससे बेफिक्र ट्रंप चीख-चीखकर जनता को कह रहे हैं कि 2020 में उन्हें गलत तरीके से हराया गया और मुकद्दमें उन्हें ‘‘प्रताड़ित करने” के लिए हो रहे हैं। कुछ समय पहले उन्होंने अपने समर्थकों की एक भीड़ के आगे कहा था,‘ ‘मैं आपका न्याय हूँ। मैं आपका प्रतिरोध हूँ”।
उन्का ताजा मिले अभियोजन पत्र के बारे में कहना है- यह देश के लिए एक ‘‘डरावनी खबर” है, एक कालादिन है और बाइडन की “अपने सबसे बड़े राजनैतिक विरोधी” को गिरफ्तार करने कीकोशिश है। हैरानी की बात है कि इस सबके बीच ट्रंप का समर्थन बढ़ रहा है। साफ है ‘मेक अमरीका ग्रेट अगेन’टोली के चलते अमिरिकी समाज विभाजित हो गया है। वे और उनके सहयोगी तमाम अनिश्चिताओं के बावजूद सन् 2024 के चुनाव में जोरदार जीत केप्रति आश्वस्त हैं। न्यूयार्क टाईम्स में हाल में छपी एक खबर के अनुसार यदि ट्रंप 2025 में व्हाइट हाउस में वापिस लौटते हैं तो राष्ट्रपति के हाथों में और अधिक शक्तियां सौपने की योजना पर काम होगा। अभी की तुलना में राष्ट्रपति का सरकार पर सीधानियंत्रण बहुत बढ़ जाएगा। प्रशासन इन-वेटिंग तैयार है जो वर्तमान में अमेरिका फर्स्ट पालिसी इंस्टीटयूट (एएफपीआई) नामक थिंक टैंक के रूप में काम कर रहा है।
इसके 172 कर्मियों में से आठ ट्रंप प्रशासन की केबिनेट के सदस्य थे। इसमें 20 अन्य राजनीतिज्ञ भी नियुक्त किए गए हैं। एएफपीआई ट्रंप के दूसरे कार्यकाल की तैयारी के लिए निर्मित सबसे नया थिंक टैंक है, लेकिन यह सबसे बड़ा नहीं है। हेरिटेज फाउंडेशन, जिसे रोनाल्ड रीगन की ‘क्रांति’ की तैयारियों में अपनी भूमिका पर गर्व है, का अपना अभियान अलग है। इसका नेतृत्व पॉल डेन्स के हाथ में है, जो एक वकील हैं और जो ट्रंप के कार्यकाल में व्हाइट हाउस के आफिस ऑफ पर्सनल मेनेजमेंट में काम करते थे।
कानूनी अफरा-तफरी के बीच भी ट्रंप भविष्य के अपने प्रशासन को बनाने के काम में लगे हैं। ट्रंप के लोग और विरोधी आगे की होनी-अनहोनी की तैयारी कर रहे हैं।मतलब यदि जो अपरिहार्य है वह हो गया तो क्याकरना होगा ? जैसे ट्रंप के सत्ता में आने के बाद अमेरिका यदि नाटो छोड़ देता है, तो क्या किया जाएगा ? इसके प्लान बी का मसविदा यूरोप में तैयार हो रहा है। यही कारण है कि फ्रांस के राष्ट्रपति ने यूरोपियन संघ की सुरक्षा के संबंध में बोलते हुए कहा कि यूरोप अपनी साझा सुरक्षा और स्थिरता के मसलों को अमेरिकी मतदाताओं की इच्छाके हवाले नहीं कर सकता। उनके इन कथनों की आलोचना हुई लेकिन सस्ती लोकप्रियता केइस दौर में यूरोप ही नहीं हर देश को अब सैन्य और आर्थिक दोनों दृष्टियों से खुद की सुरक्षा में समर्थ होना चाहिए। जहां तक ट्रंप का सवाल है, उन्हें पहले से मालूम है कि सत्ता उनकी जेब में है। इसलिए मुकद्दमें संबंधी खबरें उन्हें और लफ्फाजी करने का अवसर देती हैं और उनके समर्थक भी उनकी लफ्फाजियों को पसंद करते हैं।