उत्तराखंड में अब 12.50 एकड़ से अधिक भूमि खरीद की अनुमति केवल बड़े उद्योगों के अतिरिक्त होटल-रिसोर्ट, अस्पताल को ही मिलेगी
आकाश ज्ञान वाटिका, 6 सितम्बर 2022, मंगलवार, देहरादून। प्रदेश में अब 12.50 एकड़ से अधिक भूमि खरीद की अनुमति केवल बड़े उद्योगों के अतिरिक्त चार-पांच सितारा होटल-रिसोर्ट, मल्टी स्पेशियलिटी अस्पताल, व्यावसायिक व रोजगारपरक शिक्षण संस्थाओं को होगी। उत्तराखंड में भूमि खरीद की यह अनुमति हिमाचल की भांति न्यूनतम भूमि आवश्यकता आकलित कर जारी किए जाने वाले इसेंसियलिटी सर्टिफिकेट के आधार पर मिलेगी।
जमीन खरीदने की अनुमति जिलाधिकारी से नहीं मिलेगी। यह अधिकार शासन के पास होगा। भूमि खरीद का दुरुपयोग और अनाप-शनाप बिक्री पर रोक लगाई जाएगी। समिति ने भूमि खरीद के उद्देश्य के दुरुपयोग को रोकने के लिए जिला, मंडल व शासन स्तर पर टास्क फोर्स गठित करने की संस्तुति की है। टास्क फोर्स के माध्यम से भूमि को सरकार में निहित किया जाएगा।
नदी-नालों, वन क्षेत्रों समेत सार्वजनिक भूमि पर अतिक्रमण या अवैध कब्जा करने वालों या धार्मिक स्थल बनाने वालों को कठोर दंड देने और इसके विरुद्ध प्रदेशव्यापी अभियान चलाने की संस्तुति समिति ने की है। अतिक्रमण के लिए संबंधित विभागों के अधिकारियों पर कार्रवाई को कहा गया है।
प्रदेश में वर्तमान भू-कानून का तीव्र विरोध होने पर जुलाई, 2021 में इस समिति का गठन किया गया था। सालभर बाद समिति ने अपनी रिपोर्ट सौंपी। सोमवार को मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय में समिति के अध्यक्ष व पूर्व मुख्य सचिव सुभाष कुमार के साथ समिति के सदस्यों के साथ मुख्यमंत्री धामी को रिपोर्ट सौंपी।
प्रदेश में वर्तमान में जिलाधिकारी कृषि अथवा औद्यानिक प्रयोजन के लिए कृषि भूमि खरीदने की अनुमति देते हैं। समिति ने पाया कि कई प्रकरणों में ऐसी अनुमति का दुरुपयोग हुआ
कृषि व औद्यानिक उपयोग के स्थान पर रिसोर्ट या निजी बंगले बनाए गए। इससे पर्वतीय क्षेत्रों में व्यक्ति भूमिहीन हो रहे हैं और रोजगार सृजन भी नहीं हो रहा है। समिति ने संस्तुति की है कि ऐसी अनुमति जिलाधिकारी के स्तर से न दी जाए।
समिति ने 250 वर्गमीटर आवासीय भूमि खरीद की व्यवस्था बहाल रखने की संस्तुति की है, लेकिन इसका दुरुपयोग रोकने को कहा है। कोई व्यक्ति स्वयं या अपने परिवार के किसी सदस्य के नाम बिना अनुमति अपने जीवनकाल में अधिकतम 250 वर्गमीटर भूमि आवासीय उपयोग को खरीद सकता है।
समिति ने संस्तुति की है कि परिवार के सभी सदस्यों के नाम अलग-अलग भूमि खरीद पर रोक लगाने के लिए परिवार के सभी सदस्यों के आधार कार्ड राजस्व अभिलेख से लिंक किए जाएं।