डॉक्टरों की कमी का खामियाजा भुगत रहा है दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल रक्त-कोष
आकाश ज्ञान वाटिका, देहरादून । राजधानी देहरादून स्थित सबसे बड़े अस्पताल में हमेशा ही डॉक्टरों की कमी रहती है जिसका खामियाजा प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से यहाँ आने वाले मरीजों को भुगतना पड़ता है । ओ पी डी, इमरजेंसी से लेकर यहाँ के ब्लड बैंक तक में डॉक्टरों की कमी है।
डॉक्टरों की कमी से दिक्कत तो है । डॉक्टरों की भर्ती के लिए प्राचार्य को लिखा गया है । प्राचार्य को ही डॉक्टरों की भर्ती का अधिकार है । ——डॉ0 के के टम्टा, चिकित्सा अधीक्षक
गौर करने वाली बात यह है कि जहाँ एक ओर सरकार विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यमों से लोगों को रक्तदान के लिये प्रेरित कर रही है वही दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल के ब्लड बैंक में रक्तदान का ग्राफ पचास फीसदी तक गिर चुका है । रक्तदान के लिए डॉक्टरों की आवश्यकता होती है पर यहाँ तो क्रॉस मैच व स्क्रीनिंग का काम भी टेक्नीशियन के भरोशे चल रहा है ।
विदित रहे कि इतने बड़े अस्पताल में ब्लड बैंक सेवानिवृत्त पाँच डॉक्टरों से चल रहा था, जिनमें से डॉ0 बी एस पाल का निधन हो चुका है तथा अन्य चार डॉक्टरों डॉ0 डी सी ध्यानी, डॉ0 एम एस नेगी, डॉ0 वी के भट्ट एवं डॉ0 टी आर जोशी का अनुबन्ध गत माह सितम्बर में ही समाप्त हो चुका है । लगभग एक माह बीतने के बाद भी नये डॉक्टरों की भर्ती नहीं हो पायी है जिसका प्रभाव यहाँ के सभी कमकाजों पर पड़ रहा है तथा ब्लड बैंक में भी कम रक्त जमा हो पा रहा है । स्वास्थ विभाग को इस ओर ध्यान देना चाहिए तथा नये डॉक्टरों की भर्ती की जानी चाहिए जिससे सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में मरीजों को सुविधायें पूर्ण रूप से मिल सकें ।