Breaking News :
>>मुख्यमंत्री धामी ने सुप्रसिद्ध मां पूर्णागिरि मेले का किया शुभारंभ >>महिला प्रीमियर लीग 2025- फाइनल मुकाबले में मुंबई इंडियंस ने दिल्ली कैपिटल्स को हराकर खिताब किया अपने नाम>>दून अस्पताल में चिकित्सा सुविधाओं का विस्तार>>“मैदान में क्रिकेट, सरकार में परफेक्ट—सीएम धामी का मैनेजमेंट हर जगह हिट!”>>युवक ने वॉशरूम में मोबाइल रखकर बनायी किराएदार युवती की अश्लील वीडियो, मुकदमा दर्ज >>नैनीताल में एंट्री करने वाले वाहनों को चुकाना होगा इको टैक्स, नगर पालिका की बैठक में प्रस्ताव को मिली मंजूरी >>महिला प्रीमियर लीग 2025- मुंबई इंडियंस और दिल्ली कैपिटल्स के बीच फाइनल मुकाबला आज >>उत्तराखंड में स्मार्ट मीटर क्रांति जारी, सीएम धामी के खटीमा आवास पर लगा स्मार्ट मीटर>>अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स को लाने के लिए अमेरिकी अंतरिक्ष यान आज हुआ रवाना >>प्रदेश में अब कोई भी सॉफ्टवेयर और ऐप बनाने से पहले आईटीडीए की अनुमति लेना अनिवार्य>>उत्तराखंड के पर्यटन को दें नई पहचान, बनाएं प्रमोशन फिल्म और जीतें लाखों का इनाम>>जॉन अब्राहम की फिल्म ‘द डिप्लोमैट’ ने सिनेमाघरों में दी दस्तक, पहले दिन कमाए इतने करोड़ रुपये >>अनियंत्रित होकर खाई में गिरी कार, दो लोगो की मौके पर मौत, एसडीआरएफ ने चलाया रेस्क्यू अभियान >>क्या आप रोजाना अच्छी नींद ले पा रहे हैं, अगर नहीं, तो जान लीजिये इसके दुष्प्रभाव>>पर्वतीय होली को लेकर प्रदेशभर में आज सार्वजनिक अवकाश घोषित>>उत्तराखंड में मौसम ने ली करवट, बद्रीनाथ व औली सहित ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी जारी >>होली मिलन समारोह में दिखी उत्तराखंडी संस्कृति के विभिन्न रंगों की झलक>>पति ने पत्नी की कुल्हाड़ी से काटकर की हत्या, तीन साल की मासूम बनी चश्मदीद गवाह>>उत्तराखंड लोक सेवा आयोग ने रद्द किया इस परीक्षा का पेपर, यहां जानिए पूरा मामला >>महिला प्रीमियर लीग 2025- मुंबई इंडियंस और गुजरात जाएंट्स के बीच एलिमिनेटर मुकाबला कल 
देश

मानसून केरल में करीब एक हफ्ते देर से पहुंचा है।

Weather Update: मानसून की धीमी चाल से सब परेशान, जानिए- क्या होगा इसका असर

Weather Update बारिश में कमी से उपभोक्ताओं की मांग अर्थव्यवस्था की चाल और बाजार के हाल पर बहुत गंभीर और व्यापक प्रभाव पड़ेगा।

मुंबई, Weather Update भारत में मानसून की चाल औसत से भी धीमी है। इसकी वजह से मानसून केरल में करीब एक हफ्ते देर से पहुंचा है। जून के महीने में अब तक बारिश भी औसत से 44 फीसद कम हुई है। इसके चलते बारिश पर आधारित खेती चौपट होने के साथ ही देश के कई हिस्से में भीषण सूखे की आशंका ने चिंता बढ़ा दी है।

बारिश में कमी से उपभोक्ताओं की मांग, अर्थव्यवस्था की चाल और बाजार के हाल पर बहुत गंभीर और व्यापक प्रभाव पड़ेगा।

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आइएमडी) ने इस साल औसत बारिश की भविष्यवाणी की है। वहीं मौसम का हाल बताने वाली देश की इकलौती प्राइवेट एजेंसी स्काईमेट ने औसत से कम बारिश का अनुमान जताया है।

आइएमडी के मुताबिक सामान्य या औसत मानसून से मतलब जून से सितंबर के चार महीने के दौरान पिछले 50 साल के औसत 89 सेंटीमीटर (35 इंच) बारिश का 96 और 104 फीसद के बीच बरसात होना होता है। 90 फीसद से कम बारिश को कम बरसात की श्रेणी में रखा गया है, जो सूखे जैसी स्थिति के समान होता है। 2018 में देश में औसत से नौ फीसद कम बरसात हुई थी। कुछ क्षेत्रों में तो यह कमी 37 फीसद तक दर्ज की गई थी।

इसी तरह अगर 110 फीसद से ज्यादा बारिश होती है तो इसका मतलब है कि मानसून औसत से भी बेहतर है। इसका भी नुकसान है। इससे कहीं बाढ़ का खतरा पैदा होता है कुछ फसलों की उपज भी कम हो सकती है। पहली जून को केरल में बारिश के साथ मानसून की शुरुआत होती है और जुलाई के मध्य तक मानसून पूरे देश में फैल जाता है।

इस साल का क्या है हाल

इस साल केरल में मानसून एक हफ्ते की देरी से आठ जून को पहुंचा। वहीं, अरब सागर में पैदा हुए चक्रवाती तूफान ‘वायु’ ने इसकी नमी को सोख लिया, जिससे इसकी चाल धीमी हो गई है। आमतौर पर 15 जून तक आधे देश में मानसून पहुंच जाता है, लेकिन इस साल देश के एक चौथाई हिस्से तक ही अभी मानसून पहुंचा है।

कम बारिश की आशंका

आमतौर पर देखा गया है, जिस साल मानसून में देरी होती है उस साल कम बरसात भी होती है। इस साल भी अब तक 44 फीसद कम बारिश हुई है। 2016 में भी केरल में आठ जुलाई को मानसून पहुंचा था, लेकिन पूरे देश में मानसून के पहुंचने में देरी हुई थी और वह 13 जुलाई तक पहुंचा था। इससे औसत बारिश हुई।

फसलों को हो सकता है नुकसान

भारत में मानसून अपने साथ 70 फीसद बरसात लेकर आता है। मानसूनी बरसात से ही धान, गेहूं, गन्ना और सोयाबीन जैसे तिलहन की खेती का भविष्य तय होता है। भारत की 2.5 खरब की अर्थव्यवस्था में खेती का हिस्सा भले ही 15 फीसद है, लेकिन देश की 130 करोड़ में से 50 फीसद आबादी खेती पर ही निर्भर है। अच्छे मानसून से पैदावार बढ़ती है और ग्रामीण क्षेत्रों में उपभोक्ता सामान की मांग में वृद्धि होती है।

पीएम के वादे पर पड़ेगा प्रभाव

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अगले पांच साल में किसानों की आय दोगुनी करने और अर्थव्यवस्था में तेजी लाने का वादा किया है। कम बारिश से इस पर असर पड़ सकता है। उपभोक्ता सामान का उत्पादन करने वाली कंपनियों का कहना है कि ग्रामीण क्षेत्रों में मांग कम हुई है। अगर बारिश अच्छी होगी तो पैदावार भी बढ़ेगी और पैदावार बढ़ेगी तो कीमतें काबू में रहेंगी।

Loading

Ghanshyam Chandra Joshi

AKASH GYAN VATIKA (www.akashgyanvatika.com) is one of the leading and fastest going web news portal which provides latest information about the Political, Social, Environmental, entertainment, sports etc. I, GHANSHYAM CHANDRA JOSHI, EDITOR, AKASH GYAN VATIKA provide news and articles about the abovementioned subject and am also provide latest/current state/national/international news on various subject.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!