बसपा संसदीय दल की चेयर पर्सन मायावती ने लोकसभा में बदले नेता, रितेश पांडेय को हटाया
आकाश ज्ञान वाटिका, मंगलवार, मंगलवार, 15 मार्च 2022, नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव 2022 में सभी 403 सीट पर लडऩे के बाद भी सिर्फ एक पर जीत दर्ज करने वाली बहुजन समाज पार्टी ने बदलाव भी शुरू कर दिया है। बसपा ने यह बदलाव लोकसभा सदस्यों के कार्यभार में भी किया है। अम्बेडकर नगर से सांसद रितेश पाण्डेय को लोकसभा में पार्टी के नेता के पद से हटा दिया गया है।
बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष तथा बसपा संसदीय दल की चेयर पर्सन मायावती ने लोकसभा के बजट सत्र के दौरान ही नेताओं के पदभार में बदलाव कर दिया है। अम्बेडकर नगर से बसपा के लोकसभा सदस्य रितेश पाण्डेय के स्थान पर अब गिरीश चंद्र जाटव को लोकसभा में पार्टी का नेता बनाया गया है। गिरीश चंद्र जाटव बिजनौर के नगीना से लोकसभा सदस्य हैं। इसके साथ ही राम शिरोमणि वर्मा लोकसभा में उप नेता के पद पर बरकरार रहेंगे जबकि संगीता आजाद को चीफ व्हिप बनाया गया है। पहले गिरीश चंद्र जाटव पार्टी के चीफ व्हिप थे।
बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती ने सांसद रितेश पाण्डेय को जनवरी 2020 लोकसभा में पार्टी का नेता बनाया था। मायावती ने तब कहा था कि लोकसभा में पार्टी के नेता और उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष एक ही समुदाय के होने के नाते इसमें थोड़ा परिवर्तन किया गया है। दानिश अली की जगह रितेश पाण्डेय को लोकसभा में बसपा का नेता बनाया गया था।रितेश पाण्डेय को इस पद से हटाए जाने का कारण अम्बेडकर नगर में पार्टी की हार के साथ ही रितेश पाण्डेय के पिता बसपा से पूर्व सांसद राकेश पाण्डेय के समाजवादी पार्टी के विधायक बनना भी माना जा रहा है। अम्बेडकर नगर में राकेश पाण्डेय का कद काफी बड़ा माना जाता है। इस बार विधानसभा चुनाव से पहले बसपा के बड़े नेताओं लालजी वर्मा व राम अचल राजभर के बाद राकेश पाण्डेय के समाजवादी पार्टी में शामिल होने से बसपा का बड़ा गढ़ माने जाने वाले अम्बेडकर नगर जिले में बसपा साफ हो गई है।
रितेश पाण्डेय के खिलाफ इससे पहले बीते शीतकालीन सत्र में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने भी सख्त टिप्पणी की थी। बसपा सांसद रितेश पाण्डेय ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से एलआइसी पर सवाल पूछा था, जिसका निर्मला सीतारमण जवाब दे रही थीं। उनके जवाब देने के दौरान ही रितेश पाण्डेय के वित्त मंत्री को टोकने पर स्पीकर ओम बिड़ला ने कहा कि मैंने आपको इजाजत नहीं दी, फिर आप कैसे बीच में बोल रहे हैं।