इन फंडों को अपनाकर जिंदगी को आसान और बेहतर बनाएं
हमारी बहुत सी समस्याओं का कारण तनाव ही होता है। अगर आपने तनावमुक्त रहना सीख लिया तो समझ लीजिए कि जिंदगी को सही तरह से जीने का सलीका आपने सीख आ गया है।
घर और ऑफिस की छोटी-बड़ी परेशानियों को हल करने के बजाय उसके बारे में लगातार सोचते रहना तनाव को बुलावा देना है। जो मानसिक रूप से ही नहीं शारीरिक तौर पर भी आपको खोखला करते जाती है। तो इसमें उलझने से बेहतर होगा इसका निदान ढूंढना। बहुत छोटी-छोटी चीज़ें हैं जिन्हें आदतों में शुमार कर आप टेंशन फ्री लाइफ एन्जॉय कर सकते हैं।
नाश्ता जरूरी है
अगर आपका यह मानना है कि नाश्ते का और तनाव का क्या संबंध तो आप गलत सोचती हैं। हाल ही में हुए शोध–अध्ययनों से पता चला है कि जो लोग सुबह नाश्ता नहीं करते हैं, उनके तनावग्रस्त होने की संभावना अधिक रहती है। हालांकि इस संदर्भ में वैज्ञानिकों का कहना है कि नाश्ते में पौष्टिक चीजें लेना बहुत जरूरी है। कारण, अगर आप नाश्ते में केवल जंक फूड का सेवन करती हैं तो आपके तनावग्रस्त होने की आशंका बढ़ जाती है।
ब्रेक अवश्य लें
अगर आप कामकाजी हैं तो लंच के दौरान आपको अपनी सीट से हटकर थोड़ा सा वक्त अलग बिताना चाहिए। इससे दिमाग को थोड़ी राहत मिलती है साथ ही शरीर को भी। अगर आप कंप्यूटर पर काम करती हैं तो हर दो–तीन घंटे के अंतराल पर पांच मिनट का ब्रेक अवश्य लेना चाहिए। इससे न केवल आंखों को आराम मिलता है, बल्कि दिमाग को भी सुकून मिलता है। आप चाहें तो ब्रेक के दौरान अपनी आंखों को कुछ देर के लिए बंद करके भी रख सकती हैं।
हंसी में है बहुत ताकत
शोध–अध्ययन से पता चला है कि हंसने से तनावमुक्त रहने में बहुत मदद मिलती है। शायद यही कारण है कि आजकल जगह–जगह क्लब आदि खुलते जा रहे हैं, जहां लोगों को तरह–तरह से हंसना सिखाया जाता है। इसलिए जब भी मौका मिले दिल खोलकर हंसना न भूलें। इसके लिए कॉमेडी सीरियल व फिल्में देख सकती हैं, चुटकुले पढ़ सकती हैं।
गीत–संगीत सुनना
गीत–संगीत के जरिए तनाव को काफी हद तक दूर किया जा सकता है। इसलिए सुबह और शाम के वक्त जब भी मौका मिले गीत–संगीत का आनंद जरूर उठाएं। आप चाहें तो इस दौरान खुद भी कुछ गुनगुना सकती हैं। शोधों से पता चला है कि गाना गाने से न केवल शरीर में, बल्कि मस्तिष्क में भी अधिक मात्रा में ऑक्सीजन पहुंचती है। इससे तनावमुक्त रहने में मदद मिलती है।
टेंशन किसी भी तरह की हो इन ऑप्शन को आजमा कर उसे कुछ हद तक कम किया जा सकता है। छोटी-छोटी समस्याओं का सामना करने की आदत डालें न कि उससे परेशान हों।