देहरादून में रविवार देर रात जमकर हुई बारिश, गंगोत्री और यमुनोत्री हाईवे बंद
5 से हो रही वर्षा से सोमवार को कुछ राहत मिली है।
आकाश ज्ञान वाटिका, 26 सितम्बर 2022, सोमवार, देहरादून। उत्तराखंड में लगातार पांच से हो रही वर्षा से सोमवार को कुछ राहत मिली है। सोमवार को मौसम साफ रहा और धूप खिल आई। जिससे लोगों ने राहत की सांस ली। वहीं मौसम विभाग के अनुसार आज से वर्षा का क्रम कुछ धीमा पड़ सकता है।
मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार, प्रदेश में आज आंशिक बादल छाये रह सकते हैं। पर्वतीय क्षेत्रों में हल्की से मध्यम वर्षा के आसार हैं। जबकि, अन्य क्षेत्रों में गरज के साथ बौछार पड़ सकती हैं। रविवार देर रात हुई बारिश ने देहरादून में जमकर कहर बरपाया। सहसपुर में पांच लोग नदी का जलस्तर बढ़ने से टापू पर फंस गए। तो वहीं सहिया में अमलावा नदी का जलस्तर बढ़ने पर किनारे पर बसे 15 परिवारों ने सनातन धर्म मंदिर परिसर में शरण ली है।
मसूरी से 28 किमी दूर दिल्ली यमुनोत्री नेशनल हाईवे मसूरी बैंड के पास बंद हो गया है। यहां पुलिया पर मलबा आ गया है। जिस कारण यातायात बंद हो गया है। पुलिस भी क्षतिग्रस्त हुई है। सोमवार को गंगोत्री और यमुनोत्री हाईवे कई जगह पर मलबा आने से बंद पड़ा हुआ है। जेसीबी मशीन द्वारा मार्ग खोलने की कार्रवाई की जा रही है।
गंगोत्री और यमुनोत्री हाईवे बंद
गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग स्थान हेल्गूगाड के पास लगातार पत्थर गिरने के कारण मार्ग अवरुद्ध हैं। बीआरओ द्वारा उक्त स्थान पर मार्ग सुचारू किये जाने का प्रयास किया जा रहा है। उत्तरकाशी में भारी वर्षा के कारण रविवार को भी हेल्गूगाड़ व सुनगर के बीच गंगोत्री राजमार्ग मलबा आने से अवरुद्ध होता रहा। वहीं मौसम व राजमार्ग में भूस्खलन को देखते हुए गंगोत्री की यात्रा सोमवार तक रोकी गई है।
यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग सोमवार को स्थान डाबरकोट, धरासू बैंड, कल्याणी, अचानक होटल, सिल्क्यारा मरगांव के पास मलवा आने के कारण मार्ग अवरुद्ध है। रविवार को भी मुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग डाबरकोट के पास मलबा आने से सुबह से लेकर दोपहर तक करीब पांच घंटे अवरुद्ध रहा है।
बारिश के कारण पहाड़ से गिरा मलबा कार के ऊपर आ गया
देहरादून जिले के लाखामंडल क्षेत्र से विकासनगर लौट रहे एक व्यापारी की कार मलबे की चपेट में आ गई। घटना रविवार शाम की बताई जा रही है। विकासनगर निवासी एक व्यापारी अपने दोस्त के साथ लाखामंडल-क्वांसी-चकराता मार्ग से वापस विकासनगर लौट रहे थे। इस दौरान चकराता से पहले ग्वासापुल के पास तेज बारिश के कारण पहाड़ से गिरा मलबा कार के ऊपर आ गया। गनीमत यह रही हादसे में कार सवार व्यापारी और उसके दोस्त की जान बाल-बाल बची। मलबे की चपेट में आने से कार कुछ हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया। हादसे की वजह से कार सवार दोनों व्यक्ति ने पूरी रात सड़क पर गुजारी।
रविवार की देर रात सहसपुर की एक बरसाती नदी में अतिवृष्टि से जलस्तर अत्यधिक बढ़ गया, जिस कारण नदी में बने टापू पर कुछ लोग फंस गए। पूर्व से ही अलर्ट एसडीआरएफ की टीमें घटनास्थल के लिए रवाना हुई। अंधेरे व नदी के बढ़े जलस्तर में साहस का परिचय देते हुए टीम ने टापू पर फंसे 05 लोगों को सुरक्षित किनारे पहुंचाया।
देहरादून जिले के साहिया में अमलावा नदी का रविवार की रात जलस्तर बढ़ने पर किनारे पर बसे परिवारों में दहशत फैल गई। करीब 15 परिवारों ने सनातन धर्म मंदिर परिसर में शरण ली है। वहीं, साहिया मंडी के पास बना लोहे का पुल धराशाई हो गया। थानाध्यक्ष कालसी अशेाक राठौड़ ने बताया कि मौके पर एसडीआरएफ भेजी गई है, ताकि रात में किसी तरह की दिक्कत हो तो मदद की जा सके।
बता दें कि 2010 व 2013 में अमलावा नदी की बाढ़ से 17 दुकानों व मकानों को नुकसान पहुंचा था। जिस कारण बाढ़ से अमलावा नदी किनारे बसे ग्रामीण दहशत में हैं। वर्षा के कारण रविवार देर रात अमलावा नदी का जलस्तर अचानक बढ़ने पर किनारे पर बसे लोग छाता लेकर अपने घरों से बाहर निकल आए। मौके पर पहुंची पुलिस ने 15 परिवारों को सनातन धर्म मंदिर परिसर में शिफ्ट कराया है।
अमलावा नदी में जलस्तर बढ़ने पर व्यासनहरी, रोहाड़ा, इंद्रा कालोनी में ग्रामीण घबराए हुए हैं। नदी किनारे बसे ग्रामीणों ने ब्लाक परिसर व अन्य सुरक्षित स्थानों पर शरण ली है। थानाध्यक्ष अशेाक राठौड़ के अनुसार उनकी व साहिया चौकी इंचार्ज नीरज कठेत की ड्यूटी देहरादून में खेल स्टेडियम में लगाई गई है। जैसे ही उन्हें अमलावा नदी में जलस्तर बढ़ने की सूचना मिली उन्होंने एसडीआरएफ को मौके पर भेजा, ताकि किसी तरह की दिक्कत न हो।
भारी वर्षा को देखते हुए जिलाधिकारी ने दून जिले के सभी विद्यालयों में सोमवार को छुट्टी घोषित कर दी
रविवार रात को हुई भारी वर्षा को देखते हुए जिलाधिकारी सोनिका ने दून जिले के सभी विद्यालयों में सोमवार को छुट्टी घोषित कर दी। मुख्य शिक्षा अधिकारी डा. मुकुल कुमार सती की ओर से जारी आदेश के अनुसार, 12वीं तक के सभी विद्यालयों को बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए बंद रखा गया है। इसमें 12वीं तक के सभी सरकारी और निजी शिक्षा संस्थान शामिल हैं।