भूमि धोखाधड़ी की समन्वय समिति की बैठक आयोजित – घपलेबाजी, अतिक्रमण एवं अवैध कब्जा वाली भूमि पर जल्दी होगी कार्यवाही
आकाश ज्ञान वाटिका, सोमवार, 20 जुलाई 2020, देहरादून (जि.सू.का.)। पुलिस महानिरीक्षक अभिनव कुमार की उपस्थिति में आयुक्त कैम्प कार्यालय ईसी रोड में आयुक्त गढ़वाल मण्डल रविनाथ रमन की अध्यक्षता में लैण्ड फ्राॅड (भूमि धोखाधड़ी) की समन्वय समिति की बैठक आयोजित की गयी।
बैठक में भूमि धोखाधड़ी से जुड़े हुए विभिन्न प्रकरणों पर व्यापक विचार-विमर्श और संज्ञान लेते हुए आयुक्त गढ़वाल ने सम्बन्धित अधिकारियों को प्रकरणों के निस्तारण के सम्बन्ध में जरूरी दिशा-निर्देश दिये। उन्होंने भूमि विवाद से सम्बन्धित ऐसे प्रकरणों जिनमें स्पष्ट तौर पर धोखाधड़ी और फर्जीवाड़ा प्रतीत होता है, ऐसे मामलों को पुलिस विभाग को प्रेषित करते हुए आवश्यक जाँच और फौजदारी कानून के अन्तर्गत प्राथमिकी दर्ज कराने के अधीनस्थ अधिकारियों को निर्देश दिये। ग्राम समाज और राजस्व रिकार्ड में सम्मिलित ऐसी भूमि जिसमें विभिन्न तरीकों से घपलेबाजी, अतिक्रमण एवं अवैध कब्जा करने से सम्बन्धित मामले संज्ञान में आये, उनके सम्बन्ध में अधिकारियों को निर्देशित किया कि ऐसी भूमि का मौके पर जाकर सर्वे और सीमांकन किया जाय। सरकारी रिकार्ड से मिलान करने पर यदि भूमि सरकारी पाई जाती है तो उस पर तत्काल कब्जा हटाते हुए अतिक्रमणमुक्त की जाय उसकी यथोचित मुनादी इत्यादि की जाय। उन्होंने कृषि भूमि, अनुसूचित जनजाति की भूमि एवं वन भूमि जिसमें भूमि को गलत तरीके से अन्य श्रेणी में दर्शाकर खुर्द्धबुर्द्ध और क्रय-विक्रय की गयी हो ऐसे प्रकरणों की भी जाँच की जाय और जाँच के उपरान्त न्यायालयों में अपील अथवा पुलिस विभाग को प्रेषित करने, जो भी अग्रिम कार्यवाही की जानी है तद्नुसार कार्यवाही की जाये।
आयुक्त गढ़वाल ने भूमि पट्टा आवंटन के कुछ ऐसे प्रकरण जिसमें एक ही व्यक्ति के नाम एक से अधिक बार भूमि आवंटित की गयी है के सम्बन्ध में निर्देश दिये कि ऐसे प्रकरणों की भी जाँच की जाय और देखा जाय कि सम्बन्धित को पट्टे का आंवटन नियमानुसार हुआ है कि नहीं, यदि पट्टा आवंटन गलत तरीके से किया गया है तो उसको निरस्त किया जाय, साथ ही भूमि के फर्जीवाड़े में तत्समय संलिप्त कार्मिक पर उचित प्रशासनिक व विभागीय कार्यवाही की जाय। विभिन्न स्थानों पर रिकार्ड में दर्ज भूमि तथा मौके पर अधिक कब्जाई गयी भूमि के मामले संज्ञान में आने पर उन्होंने निर्देश दिये कि ऐसे प्रकरणों का भी मौके पर जाकर निरीक्षण कर लिया जाय तथा सरकारी अभिलेखों का मूल्यांकन करने पर यदि रिकार्ड में दर्ज भूमि से अधिक कब्जा पाया जाता है तो उसको भी तत्काल प्रभाव से अतिक्रमणमुक्त करते हुए राजस्व भूमि में सम्मिलित किया जाय। उन्होंने भूमि से सम्बन्धित ऐसे मामलों जिनमें पर्याप्त विधिक और प्रशासनिक चर्चा हो चुकी है और वह प्रकरण किसी न्यायालय में विचाराधीन नही है ऐसे प्रकरणों को तत्काल निस्तारित करते हुए खारिज करने के निर्देश दिये। उन्होंने सचिव एमडीडीए को निर्देशित किया कि विवादित भूमि जिसके सम्बन्ध में जिलाधिकारी कार्यालय से स्पष्ट आख्या प्राप्त न हुई हो, तब तक ऐसी भूमि प्रकरणों का नक्शा पास न किया जाय। ऐसी विवादित भूमि प्रकरण जो न्यायालय में विचाराधीन हैं, ऐसी भूमि की खरीद-फरोख्त भी किसी भी दशा में न होने पाये।
आयुक्त गढ़वाल ने सभी अधिकारियों को निर्देशित किया कि आज की बैठक में भूमि से सम्बन्धित विभिन्न प्रकरणों पर जो भी निर्देश दिये गये हैं उन निर्देशों का गम्भीरता से अनुपालन करते हुए अगली बैठक में कृत कार्यवाही का विवरण प्रस्तुत किया जाय।
बैठक में जिलाधिकारी देहरादून डाॅ० आशीष कुमार श्रीवास्तव, अपर आयुक्त गढ़वाल वंशीलाल राणा, अपर जिलाधिकारी प्रशासन अरविन्द पाण्डेय, सरिता डोभाल, उप जिलाधिकारी सदर एवं विकासनगर सहित वन विभाग व नगर पालिका परिषद मसूरी के अधिकारी उपस्थित थे।