लम्बी राजनीतिक उठापटक के बाद आखिर महाराष्ट्र में भाजपा व एनसीपी की बनी सरकार
आकाश ज्ञान वाटिका। २३ नवम्बर, २०१९ शनिवार। महाराष्ट्र में एक महीने से चले आ रहे राजनीतिक उठापटक के बाद आखिर भाजपा व एनसीपी की सरकार बन गई। देवेंद्र फडणवीस ने दुबारा महाराष्ट्र के मुख्यमन्त्री की शपथ ली तथा एनसीपी नेता अजीत पवार को उपमुख्यमन्त्री बनाया गया। आज २३ नवम्बर सुबह दोनों को राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने राज भवन में शपथ दिलाई।
राजनीतिकारों के अनुसार इस लम्बे संकट के लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार शिवसेना है। यद्यपि शिवसेना और भाजपा गठबंधन को राज्य में पूर्ण बहुमत प्राप्त हुआ था तब भी शिवसेना ने मुख्यमन्त्री पद के लालच में लगभग 35 साल पुराना गठबंधन तोड़ दिया। इतना ही नहीं शिवसेना ने एनसीपी और कांग्रेस से हाथ मिलाने का प्रयास करने लगी। ये गठबंधन इतना बेमेल था कि कई दिनों तक चली तमाम बैठकों के बावजूद तीनों दल सरकार बनाने पर एक राय नहीं बन सकी। शनिवार को सुबह अजीत पवार के समर्थन से भाजपा द्वारा सरकार बनाने के बाद भी तीनों दलों के मतभेद खुलकर सामने आए। सबसे पहले कांग्रेस ने दोपहर 12:30 बजे की संयुक्त प्रेस कॉफ्रेंस से किनारा कर लिया। इसके बाद कांग्रेस नेता अहमद पटेल ने अलग से प्रेस कॉफ्रेंस की। इस प्रेस कॉफ्रेंस से ठीक पहले कांग्रेस नेता संजय निरुपम, शरद पवार पर हमला बोल चुके थे। संजय निरुपम ने महाराष्ट्र में पार्टी के नेताओं को भी जमकर कोसा। शपथ लेने के बाद अजीत पवार के एक बयान ने शरद पवार की भूमिका पर भी सवाल खड़े कर दिए थे। अजीत पवार ने शपथ लेने के बाद मीडिया के सामने दावा किया कि उन्होंने इस बारे में पहले ही पार्टी मुखिया शरद पवार को बता दिया था। उनके इस बयान ने शरद पवार की भूमिका को भी संदेह के घेरे में खड़ा कर दिया।
एक ओर जहाँ एनसीपी-कांग्रेस-शिवसेना सरकार बनाने के लिए मीटिंग ही करती रही वही दूसरी ओर भाजपा एनसीपी को साथ लेकर सर्कार भी बना ली। भाजपा ने बेहत अनोखे अंदाज में सरकार बनाने का रातों-रात दावा पेश कर शपथ ग्रहण की तैयारी भी कर ली और सुबह साढ़े छह बजे राज्य से राष्ट्रपति शासन हटाकर, प्रातः ८ बजे मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री पद का शपथ ग्रहण भी हो गया। मुख्यमंत्री के तौर पर भाजपा के देवेंद्र फडणवीस ने और उपमुख्यमंत्री के तौर पर एनसीपी के अजीत पवार ने शपथ ग्रहण की।