उत्तराखंड के कुमायूँ अंचल का प्रसिद्व लोक पर्व “घी-त्यार” हर्षोल्लास के साथ को मनाया गया
रविवार, 16 अगस्त 2020 को कुर्मांचल परिषद, देहरादून की एक बैठक कुर्मांचल भवन देहरादून में अनेक एजेंडे पर मंथन, विचार विमर्श के साथ हुई सम्पन्न ।
- कुर्मांचल परिषद ने लॉकडौन के दौरान भी अपने सामाजिक कर्तव्यों को बखुबी निभाया तथा संकट के इस दौर में अपनी सहभागिता सुनिश्चित की……..कमल रजवार, केंद्रीय अध्यक्ष, कुर्मांचल परिषद
- उत्तराखंड के कुमायूँ ने सांस्कृतिक परम्पराओं को बहुत सहेजकर, संजोकर रखा है……. चंद्रशेखर जोशी, केंद्रीय महासचिव, कुर्मांचल परिषद
आकाश ज्ञान वाटिका, सोमवार, 17 अगस्त 2020, देहरादून। कल 16 अगस्त 2020 रविवार को कुर्मांचल परिषद, देहरादून की एक बैठक कुर्मांचल भवन देहरादून में अनेक एजेंडे पर मंथन, विचार विमर्श के साथ सम्पन्न हुई। बैठक का कार्यवर्त्त जारी करते हुए महासचिव चंद्रशेखर जोशी ने बताया कि पूर्व की बैठकों का अनुमोदन करते हुए, आज के एजेंडे पर चर्चा हुई, जिसमें सर्वप्रथम कुर्मांचल लोक पर्व “घी-त्यार” के अवसर समस्त कुर्मांचल समाज को बधाई दी गई।
अध्यक्ष कमल रजवार ने समस्त कुर्मांचल परिवारों को “घी-त्यार” की शुभकामनायें देते हुए इसके महत्व पर प्रकाश डाला।
कुर्मांचल परिषद के जीएमएस रोड स्थित भवन में एक मीटिंग में केंद्रीय अध्यक्ष कमल रजवार ने कहा कि कुर्मांचल परिषद ने लॉकडौन के दौरान भी अपने सामाजिक कर्तव्यों को बखुबी निभाया तथा संकट के इस दौर में अपनी सहभागिता सुनिश्चित की। कुर्मांचल भवन के सदुपयोग हेतु शासन-प्रशासन को अवगत भी कराया तथा सीएम एवम पीएम फण्ड में अपना महान योगदान भी दिया। वही आज चिंता का विषय यह है कि कुर्मांचल भवन के बेसमेंट में पूरे कांवली का पानी यहाँ भर जा रहा है।
बैठक के दौरान तमाम सदस्यों ने अपने विचार व्यक्त किये। आरएस बिरोरिया, ललित जोशी (एडवोकेट) ने भी कुमायूँ के लोक पर्व घी-सक्रांति पर प्रकाश डाला, केंद्रीय सा० सचिव बबिता शाह लोहनी तथा केंद्रीय उपाध्यक्ष श्रीमती प्रेमा तिवारी ने घी-सक्रांति की शुभकामनायें देते हुए इसके बारे में विस्तार से बताया। वरिष्ठ उपाध्यक्ष पुष्पा बिष्ट ने कुर्मांचल भवन के बैसेमेंट में कांवली के पानी भरने पर चिंता जताई।
हाथीबड़कला शाखा के सचिव विजय बिष्ट ने अवगत कराया कि कुर्मांचल परिषद के संरक्षक श्री आरएस परिहार द्वारा संस्था का बर्षो पुराना इतिहास लिखा जा रहा है तथा उन्होंने कहा कि जिन सदस्यों के पास कुर्मांचल परिषद से संबधित कुछ भी जानकारी, फ़ोटो इत्यादि हों तो वह उन्हें उपलब्ध करने का कष्ट करें। हाथीबड़कला शाखा के अध्यक्ष उत्तम सिंह अधिकारी ने कुर्मांचल भवन के बेसमेंट ट्रीटमेंट हेतु विशेषज्ञ कमेटी गठित करने की सलाह दी, इंद्रा नगर शाखा से इस पर हरीश सनवाल ने सहमति जताई, डीएस पपोला ऑडिटर माजरा शाखा ने बैसेमेंट ट्रीटमेंट हेतु इंजीनियरो से संपर्क करने की राय दी एवं अध्यक्ष माजरा शाखा कप्तान गम्भीर सिंह रावत ने इस विषय पर चिंता व्यक्त की।
सचिव डॉ० अनिल कुमार मिश्रा ने बहुमूल्य राय देते हुए कहा कि कुर्मांचल भवन में एक कक्ष का व्यय माजरा शाखा वहन करेगी, वही ब्लड डोनेटरों की 100 सदस्यों की सूची, मैरिज ब्यूरो तथा वोकल फ़ॉर लोकल के तहत महिला स्वंय सहायता समूह गठित कर उनको कुर्मांचल भवन में दिनाक 23 अगस्त 20 को अनेक विषयों की ट्रेनिंग दिए जाने का कार्यक्रम शुरू किया जाएगा। इसके अलावा कुर्मांचल भवन में हर शाखा के लिये वार्ड रौब बनाये जाने का प्रस्ताव पर भी विचार-विमर्श हुआ, जिसमें वो अपनी शाखाओं के कार्यक्रमो का प्रदर्शन कर सकेंगे।
प्रेमनगर शाखा से हरीश सिंह बिष्ट, आनन्दी चन्द, तथा सचिव गढ़ी गिरीश चन्द तिवारी, अध्यक्ष गढ़ी दामोदर कांडपाल ने भी अपने विचार व्यक्त किये।
[box type=”shadow” ]केंद्रीय महासचिव, कुर्मांचल परिषद, श्री चंद्रशेखर जोशी ने बताया कि 16 अगस्त 20 को उत्तराखण्ड का लोक पर्व ‘घी-त्यार” कुर्मांचल के लोगों द्वारा मनाया जाता है। यह उत्तराखण्ड के कुमायूँ क्षेत्र का लोक पर्व ‘घी-त्यार’ है। इस त्यौहार में हर व्यक्ति को ‘घी’ खाना और अपने तालु, कोहनी, ठोढ़ी पर मलना अनिवार्य होता है।
भाद्रपद (भादों) महीने की संक्रांति, जिसे सिंह संक्रांति भी कहते हैं, उत्तराखंड में घी-संक्रांति या ओल्गी-संक्रांति के रूप में मनाई जाती है। इस दिन घी का प्रयोग अवश्य ही किया जाता है।
कहा जाता है जो इस दिन घी नहीं खायेगा उसे अगले जन्म में गनेल यानी घोंघे (Snail) के रूप में जन्म लेना होगा। यह घी के प्रयोग से शारीरिक और मानसिक शक्ति में वृद्धि का संकेत देता है।
इस दिन का मुख्य व्यंजन बेडू रोटी है, (जो उरद की दाल भिगो कर, पीस कर बनाई गई पिट्ठी से भरवाँ रोटी बनती है ) और घी में डुबोकर खाई जाती है, अरबी के बिना खिले पत्ते जिन्हें गाबा कहते हैं, उसकी सब्जी बनती है। छोटे बच्चों के सर पर घी लगाया जाता है।
उत्तराखंड के कुमायूँ ने सांस्कृतिक परम्पराओं को बहुत सहेजकर, संजोकर रखा है।[/box]
आज की बैठक में कमल रजवार, चंद्रशेखर जोशी, दामोदर कांडपाल, गिरीश चंद्र तिवारी, हरि सिंह बिष्ट, आनन्दी चन्द, डॉ० अनिल कुमार मिश्रा, सम्भीर सिंह रावत, डियस पपोला, बीएस मनराल, बीए मनराल, हरीश सनवाल, गगन गुजन वर्मा, उत्तम सिंह अधिकारी, विजय बिष्ट, आरएस बिरोरिया, ललित जोशी, बबिता शाह लोहनी, प्रेमा तिवारी आदि अनेक लोग मौजूद रहे।
साभार: श्री चंद्रशेखर जोशी, केंद्रीय महासचिव,
कुर्मांचल परिषद, देहरादून
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